जबलपुर, मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक प्रेम कहानी ने धार्मिक सहिष्णुता और प्रेम की जीत का अनूठा उदाहरण पेश किया है। मोहम्मद खान नामक एक मुस्लिम युवक ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले से आहत होकर इस्लाम छोड़कर हिंदू धर्म अपना लिया और अपनी प्रेमिका सृष्टि हालदार से राम मंदिर में हिंदू रीति-रिवाज से शादी रचाई। परिवार और समाज के विरोध के बावजूद दोनों ने कोर्ट मैरिज के बाद मंदिर में विवाह संपन्न किया। इस समारोह में गंगाजल पीकर और मांग में सिंदूर भरकर इस जोड़े ने नई जिंदगी की शुरुआत की।
पहलगाम हमले ने बदली सोच, की घर वापसी
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में आतंकियों ने 26 पर्यटकों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस नृशंस घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। जबलपुर के रांझी क्षेत्र निवासी मोहम्मद खान भी इस हमले से गहरे सदमे में थे। इस घटना ने उन्हें इतना विचलित किया कि उन्होंने इस्लाम धर्म छोड़कर हिंदू धर्म अपनाने का फैसला किया। इसके बाद उन्होंने अपना नाम बदलकर ‘संजू’ रख लिया और अपनी प्रेमिका सृष्टि के साथ वैवाहिक जीवन शुरू करने का निर्णय लिया।
तीन साल का प्रेम, परिवार का विरोध
संजू और सृष्टि, दोनों रांझी क्षेत्र के निवासी हैं। संजू सिलाई मशीन रिपेयरिंग का काम करता है, जबकि सृष्टि टाइपिंग सीखने के लिए उसी इलाके में आया-जाया करती थी। तीन साल पहले दोनों की मुलाकात प्रेम में बदल गई। लेकिन इस रिश्ते को परिवार और समाज की स्वीकृति नहीं मिली। सृष्टि के माता-पिता ने साफ शब्दों में कहा कि जब तक संजू कोर्ट में हिंदू धर्म स्वीकार नहीं करता, वे इस शादी को मंजूरी नहीं देंगे। संजू के परिवार ने भी इस रिश्ते का विरोध किया, लेकिन दोनों ने हार नहीं मानी।
कोर्ट मैरिज के बाद मंदिर में शादी
संजू और सृष्टि ने पहले एसडीएम कोर्ट में पेश होकर कोर्ट मैरिज की। इसके बाद जबलपुर के एक राम मंदिर में हिंदू रीति-रिवाज के साथ उनका विवाह संपन्न हुआ। मंदिर में पुरोहित ने मंत्रोच्चार के साथ दोनों को गंगाजल पिलाया। संजू ने सृष्टि की मांग में सिंदूर भरा और जयमाला पहनाई। इसके बाद दोनों ने भगवान श्री राम और जानकी के सामने आशीर्वाद लिया। इस समारोह में सृष्टि के माता-पिता के साथ बजरंग दल और अन्य हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता भी मौजूद रहे।
संजू और सृष्टि की जुबानी
संजू ने अपनी शादी और धर्म परिवर्तन पर कहा, “पहलगाम हमले ने मुझे बहुत दुख पहुँचाया। मैंने सोच लिया था कि मैं हिंदू धर्म अपनाऊँगा। जब सृष्टि ने समाज और परिवार के विरोध के बावजूद मुझसे शादी का फैसला लिया, तो मेरा भी फर्ज था कि मैं उनके धर्म को अपनाकर इस रिश्ते को पूरी स्वीकार्यता दूँ।”
सृष्टि ने बताया, “हमारा प्रेम संबंध तीन साल से चल रहा था, और परिवार को इसकी जानकारी थी। लेकिन विरोध के कारण घर में तनाव रहता था। हमने भागकर शादी करने का फैसला लिया। आज मंदिर में हमारी शादी को देखकर सभी साक्षी बने हैं।”
सामाजिक और धार्मिक संदेश
यह घटना न केवल एक प्रेम कहानी है, बल्कि यह धार्मिक सहिष्णुता और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का प्रतीक भी है। संजू का हिंदू धर्म अपनाना और सृष्टि का अपने प्रेम के लिए परिवार के खिलाफ खड़े होने का साहस समाज के लिए एक मिसाल है। यह शादी दर्शाती है कि प्रेम और विश्वास सामाजिक और धार्मिक बाधाओं को पार कर सकते हैं।
हालाँकि, पहलगाम हमले जैसे संवेदनशील मुद्दे से प्रेरित होकर धर्म परिवर्तन का फैसला कई सवाल भी उठाता है। यह व्यक्तिगत आस्था और सामाजिक दबावों के बीच जटिल रिश्ते को दर्शाता है। संजू का यह कदम उनके निजी विश्वास का परिणाम था, लेकिन यह समाज में धार्मिक संवेदनशीलता पर भी बहस छेड़ सकता है।
पहलगाम हमले का पृष्ठभूमि
पहलगाम हमला, जिसमें 26 पर्यटकों की जान गई, देश के लिए एक गहरे जख्म की तरह था। इस घटना ने पूरे देश में गुस्सा और दुख पैदा किया। लोग सरकार से आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की माँग कर रहे थे। संजू का धर्म परिवर्तन और शादी का फैसला इस हमले से उत्पन्न भावनाओं का परिणाम था, जो उनके जीवन में एक बड़ा बदलाव लाया।
प्रेम और आस्था की जीत
संजू और सृष्टि की शादी केवल एक प्रेम कहानी नहीं, बल्कि यह प्रेम, आस्था और साहस की जीत का प्रतीक है। पहलगाम हमले से आहत होकर संजू ने हिंदू धर्म अपनाया और अपनी प्रेमिका के साथ राम मंदिर में नई जिंदगी शुरू की। परिवार और समाज के विरोध के बावजूद इस जोड़े ने अपने रिश्ते को मजबूत रखा।
यह कहानी समाज को यह सिखाती है कि प्रेम और विश्वास के सामने कोई बाधा टिक नहीं सकती। साथ ही, यह हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि आतंकवाद जैसे मुद्दे लोगों की निजी जिंदगी और आस्था को कितना प्रभावित कर सकते हैं। संजू और सृष्टि की यह शादी न केवल उनकी प्रेम कहानी का नया अध्याय है, बल्कि यह समाज के लिए एक प्रेरणा भी है कि प्यार और एकता हर मुश्किल को पार कर सकती है।