गोंडा, उत्तर प्रदेश: गोंडा के खोड़ारे थाना क्षेत्र में एक ऐसी घटना ने सबको चौंका दिया, जिसने रिश्तों की नींव को हिला कर रख दिया। दान बहादुरडीह गाँव के हरिश्चंद्र ने अपनी पत्नी करिश्मा को उसके प्रेमी शिवराज चौहान के साथ रंगे हाथ पकड़ा, और फिर बुढ़ऊ बाबा मंदिर में खुद करिश्मा का सिंदूर धोकर उसकी शादी शिवराज से करा दी। करिश्मा दो बच्चों की माँ है, और इस सनसनीखेज मामले ने गाँव में हंगामा मचा दिया है।
दो साल का प्रेम-प्रसंग और पति का शक
दान बहादुरडीह के हरिश्चंद्र की शादी करिश्मा से 15 साल पहले हुई थी। उनके दो बच्चे हैं—11 साल का बेटा और 7 साल की बेटी। पिछले दो साल से करिश्मा का प्रेम-प्रसंग दौलतपुरग्रांट के महराजगंज के शिवराज चौहान के साथ चल रहा था। हरिश्चंद्र को इसकी भनक थी, मगर सबूत नहीं मिल रहे थे। कई बार उसने छानबीन की, लेकिन करिश्मा और शिवराज की चालाकी के आगे वह असफल रहा। हरिश्चंद्र का दावा है कि करिश्मा ने उसे और उसके बेटे को जहर देकर मारने की कोशिश भी की थी। एक बार थाने में सुलह हुई, लेकिन करिश्मा ने शिवराज से मिलना नहीं छोड़ा।
रंगे हाथ पकड़े गए प्रेमी-प्रेमिका
18 जून 2025 को दोपहर करीब 2 बजे, हरिश्चंद्र ने गाँव के कुछ लोगों की मदद से करिश्मा और शिवराज को रंगे हाथ पकड़ लिया। गुस्से और निराशा से भरे हरिश्चंद्र ने फैसला किया कि वह करिश्मा को त्याग देगा। उसने न सिर्फ करिश्मा को छोड़ने, बल्कि उसकी शादी शिवराज से कराने का मन बना लिया। गाँव वालों की भीड़ के साथ दोनों को बुढ़ऊ बाबा मंदिर, लिरिया ले जाया गया। वहाँ हरिश्चंद्र ने पहले करिश्मा की माँग का सिंदूर पानी से धोया, फिर एक पंडित को बुलाकर शिवराज और करिश्मा की शादी कराई।
मंदिर में शादी और बच्चों का सवाल
मंदिर में पंडित के मंत्रों के बीच शिवराज ने करिश्मा की माँग में भरा हुआ। करिश्मा अपनी 7 साल की बेटी को साथ ले गई, लेकिन 11 साल के बेटे को हरिश्चंद्र ने अपने पास रख लिया। इस घटना का वीडियो वायरल हो गया, जिसमें हरिश्चंद्र करिश्मा का सिंदूर धोते और शादी कराते दिख रहा है। गाँव में यह घटना चर्चा का विषय बन गई। हरिश्चंद्र ने कहा, “मुझे बस मेरा बेटा चाहिए। करिश्मा ने मेरा सारा जेवर ले लिया, मगर अब मेरा उससे कोई नाता नहीं। मैं इस शादी से संतुष्ट हूँ, और भविष्य में कोई कार्रवाई नहीं करूँगा।”
करिश्मा का दावा: “सब जबरदस्ती हुआ”
करिश्मा ने इस शादी को जबरदस्ती का बताया। उसका कहना है, “मैं कुछ नहीं जानती। मेरा शिवराज से कोई प्रेम नहीं था। पति से झगड़ा था, और थाने में पहले सुलह हुई थी। मुझे पुलिस ने पीछे के रास्ते से निकलने को कहा था, क्योंकि लोग मारने की धमकी दे रहे थे।। मैं डर से भटक रही थी। गाँव वालों ने मुझे गाड़ी में बिठाया और शादी करा दी।” करिश्मा ने अपनी बेटी को देने से भी इनकार कर दिया। दूसरी ओर, शिवराज ने कहा, “हम इस शादी से संतुष्ट हैं। मैं करिश्मा को पहले सूरत भेज चुका था, और हमारी सिर्फ फोन पर बात होती थी।”
पुलिस का रुख
खोड़ारे थाना प्रभारी प्रबोध कुमार ने स्थानीय रिपोर्टर को बताया, “हमें इस मामले की जानकारी नहीं है। अगर कोई लिखित शिकायत मिलेगी, तो जाँच कर कार्रवाई की जाएगी।” फिलहाल, कोई औपचारिक शिकायत दर्ज़ नहीं हुई है, और पुलिस इस मामले से दूरी बनाए हुए है।
रिश्तों पर गहरा प्रभाव
यह घटना गोंडा में रिश्तों के टूटने और विश्वासघात की एक दुखद कहानी बन गई है। हरिश्चंद्र का करिश्मा को त्यागकर उसकी शादी कराने का फैसला कहीं दुख तो कहीं हैरानी का कारण बना।।। करिश्मा के बच्चे इस टूटन के बीच बँट गए, और गाँव में लोग इस अनोखे फैसले पर चर्चा कर रहे हैं।। क्या हरिश्चंद्र का फैसला सही था, या करिश्मा की जबरदस्ती की बात में सच्चाई है? यह सवाल गाँव की गलियों में गूँज रहा है।।