गोरखपुर, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के चौरी चौरा में एक शादी समारोह में उस समय हंगामा मच गया, जब दुल्हन ने दहेज में कम सामान और दूल्हे पक्ष के नशे में होने का हवाला देकर शादी से इनकार कर दिया। नाराज दुल्हन पक्ष ने बरातियों को बंधक बना लिया और टेंट व भोजन के खर्च के नाम पर 40 हजार रुपये वसूलने के बाद ही उन्हें छोड़ा। यह सनसनीखेज घटना सोनबरसा बुजुर्ग गाँव में 13 मई 2025 की रात हुई, जिसने पूरे इलाके में चर्चा का माहौल बना दिया।
शादी से पहले शुरू हुआ विवाद
चिलुआताल के काजीपुर गाँव निवासी एक व्यक्ति ने स्थानीय पत्रकार को बताया कि उनके बेटे की शादी सोनबरसा बुजुर्ग की एक युवती से तय हुई थी। 13 मई की शाम 7:00 बजे बरात दुल्हन के घर पहुँची। नाश्ते और स्वागत के बाद जयमाल का कार्यक्रम (Jaimala Ceremony) पूरा हुआ। शादी की रस्में शुरू हुईं, और भसूर दरवाजे पर पहुँचे। तभी दुल्हन पक्ष ने दहेज में लाए गए जेवरों की मात्रा और कपड़ों की गुणवत्ता पर सवाल उठाना शुरू कर दिया। दूल्हे पक्ष ने समझाने की कोशिश की, लेकिन विवाद बढ़ता गया। इसी बीच एक महिला ने चौंकाने वाली खबर दी कि दुल्हन घर छोड़कर भाग गई है।
दुल्हन के भागने की खबर और बंधक ड्रामा
पूछताछ में दुल्हन के भागने की बात सही निकली। इससे नाराज दुल्हन पक्ष ने बरातियों को बंधक बना लिया। उन्होंने टेंट, भोजन, और अन्य खर्चों के लिए रुपये की माँग शुरू कर दी। बरातियों ने बताया कि दुल्हन पक्ष ने उन्हें रातभर घर में रोके रखा और सुबह तक दबाव बनाए रखा। आखिरकार, 14 मई की दोपहर को दूल्हे पक्ष ने 40 हजार रुपये देने के बाद बरातियों को छुड़ाया। इसके बाद बरात बिना दुल्हन के चिलुआताल लौट गई। इस घटना ने स्थानीय लोगों में हलचल मचा दी।
दुल्हन पक्ष का आरोप
दुल्हन के भाई ने बताया कि शादी एक साल पहले तय हुई थी, और दूल्हे पक्ष को माँग के अनुसार दहेज की पूरी रकम दी गई थी। इसके बावजूद, दूल्हे पक्ष केवल एक सोने और एक चाँदी का जेवर लाया, जो अपेक्षा से बहुत कम था। साथ ही, कपड़ों की गुणवत्ता भी खराब थी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि दूल्हा, उसके पिता, और अन्य बराती नशे में थे (Intoxicated), जिसके कारण बातचीत के दौरान विवाद हुआ। कई घंटों की चर्चा के बावजूद सहमति नहीं बनी, और अंततः शादी रद्द कर बरात वापस भेज दी गई।
दूल्हे पक्ष का दावा
दूल्हे के पिता ने बताया कि उन्होंने शादी की सभी तैयारियाँ पूरी की थीं और जेवर व कपड़े अपनी हैसियत के अनुसार लाए थे। उनका कहना था कि दुल्हन पक्ष ने शुरू से ही छोटी-छोटी बातों पर विवाद खड़ा किया। जयमाल के बाद अचानक दुल्हन के भागने की खबर ने उन्हें स्तब्ध कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि दुल्हन पक्ष ने जानबूझकर बरातियों को बंधक बनाकर पैसे वसूले। दूल्हे पक्ष ने इस घटना को अपमानजनक बताया और कहा कि वे इसकी शिकायत पुलिस में करने पर विचार कर रहे हैं।
पुलिस और सामाजिक प्रतिक्रिया
चौरी चौरा थाना प्रभारी ने मीडिया के रिपोर्टर को बताया कि इस मामले में अभी तक कोई औपचारिक शिकायत (FIR) दर्ज नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि अगर दोनों पक्षों में से कोई लिखित शिकायत करता है, तो जाँच की जाएगी। स्थानीय लोगों में यह घटना चर्चा का विषय बनी हुई है। कुछ लोग दुल्हन के फैसले को साहसिक मान रहे हैं, जो दहेज और नशे जैसी सामाजिक बुराइयों के खिलाफ खड़ी हुई। वहीं, कुछ लोग बरातियों को बंधक बनाने को गलत ठहरा रहे हैं।
सामाजिक और सांस्कृतिक सवाल
यह घटना दहेज प्रथा (Dowry System), शादी में सामाजिक दबाव, और नशे जैसी समस्याओं पर गंभीर सवाल उठाती है। सोनबरसा बुजुर्ग और आसपास के गाँवों में लोग इस घटना को सामाजिक रीति-रिवाजों और आधुनिक मूल्यों के टकराव के रूप में देख रहे हैं। दुल्हन का शादी से इनकार और बरातियों को बंधक बनाने का कदम सामाजिक मानदंडों को चुनौती देता है। यह घटना समाज में दहेज और शादी से जुड़े अनुचित दबावों पर नई बहस छेड़ सकती है।