लखनऊ, उत्तर प्रदेश: भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच केंद्र सरकार ने युद्ध जैसी आपात स्थिति से निपटने के लिए सभी राज्यों को मॉक ड्रिल आयोजित करने का निर्देश दिया है। इस कड़ी में उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में 7 मई 2025 को सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल होगी। प्रदेश सरकार ने इसकी तैयारियाँ पूरी कर ली हैं। उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि भारत सरकार से मॉक ड्रिल के संबंध में स्पष्ट निर्देश मिले हैं, और इसे पूरी गंभीरता से लागू किया जाएगा। यह अभ्यास नागरिकों की सुरक्षा और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की रक्षा के लिए तैयारियों को परखने का अवसर होगा।
मॉक ड्रिल का उद्देश्य (Mock Drill in Uttar Pradesh)
इस मॉक ड्रिल का मुख्य मकसद युद्ध या हवाई हमले जैसी आपात स्थिति में नागरिकों की जान बचाने और देश के महत्वपूर्ण संसाधनों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। केंद्र सरकार ने निर्देश दिए हैं कि संवेदनशील और रणनीतिक प्रतिष्ठानों, जैसे फैक्ट्रियों, सरकारी भवनों और बुनियादी ढाँचों की पहचान छिपाने की व्यवस्था की जाए। इसका उद्देश्य दुश्मन के विमानों को इन स्थानों को निशाना बनाने से रोकना है। युद्ध में दुश्मन सेना सबसे पहले ऐसे प्रतिष्ठानों को नष्ट करने की कोशिश करती है, ताकि देश की अर्थव्यवस्था और रक्षा तंत्र को कमजोर किया जा सके।
इसके अलावा, मॉक ड्रिल में आम लोगों की सुरक्षित निकासी की योजना को लागू करने और इसका बार-बार अभ्यास करने पर जोर दिया गया है। यह सुनिश्चित करेगा कि आपातकाल में अव्यवस्था न हो और लोग सुरक्षित स्थानों पर पहुँच सकें।
मॉक ड्रिल में शामिल होंगे ये उपाय
मॉक ड्रिल के दौरान निम्नलिखित गतिविधियाँ की जाएँगी:
- प्रतिष्ठानों की सुरक्षा: महत्वपूर्ण इमारतों और फैक्ट्रियों को छिपाने के लिए उपाय, ताकि हवाई हमलों में इन्हें निशाना न बनाया जा सके।
- निकासी अभ्यास: नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की प्रक्रिया का रिहर्सल।
- सायरन और ब्लैकआउट: हवाई हमले के सायरन की प्रतिक्रिया और ब्लैकआउट (रोशनी बंद करने) की प्रक्रिया का परीक्षण।
- उपकरणों की जाँच: आपातकाल के लिए जरूरी उपकरणों, जैसे सायरन और संचार तंत्र, की कार्यक्षमता और मरम्मत की स्थिति की समीक्षा।
नागरिकों के लिए जरूरी तैयारियाँ
गृह मंत्रालय में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में देशभर के 244 सिविल डिफेंस प्रतिष्ठानों की तैयारियों का जायजा लिया गया। बैठक में आपातकाल के लिए नागरिकों को प्रशिक्षित करने और जरूरी संसाधनों की उपलब्धता पर चर्चा हुई। अधिकारियों ने नागरिकों से निम्नलिखित तैयारियाँ करने की अपील की:
- आपातकालीन किट: हर घर में प्राथमिक चिकित्सा किट, टॉर्च, मोमबत्तियाँ, और नकदी रखें, ताकि बिजली या इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम की विफलता में काम आ सकें।
- जागरूकता: हवाई हमले के सायरन, ब्लैकआउट प्रक्रिया, और निकासी योजना के बारे में जानकारी रखें।
- आवश्यक आपूर्ति: खाद्य सामग्री, पानी, और अन्य जरूरी चीजों का पर्याप्त भंडार सुनिश्चित करें।
अधिकारियों ने जोर देकर कहा कि मॉक ड्रिल को गंभीरता से लिया जाए, क्योंकि यह नागरिकों की सुरक्षा और देश की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
तनाव की पृष्ठभूमि
पाकिस्तान के साथ सीमा पर तनाव हाल के महीनों में बढ़ा है। जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों और सीमा पर गोलीबारी ने स्थिति को और जटिल बना दिया है। केंद्र सरकार इस तनाव को देखते हुए किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहना चाहती है। मॉक ड्रिल का आयोजन इसी रणनीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य देश की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करना और नागरिकों को किसी भी संकट के लिए तैयार करना है।
उत्तर प्रदेश की तैयारियाँ
उत्तर प्रदेश में मॉक ड्रिल को सफल बनाने के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं। सभी जिलों में सिविल डिफेंस टीमें, पुलिस, और स्थानीय प्रशासन समन्वय के साथ काम कर रहे हैं। स्कूल, अस्पताल, सरकारी कार्यालय, और औद्योगिक इकाइयों को भी इस अभ्यास में शामिल किया जाएगा। डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा, “हम इस ड्रिल को पूरी तरह लागू करेंगे, ताकि आपातकाल में कोई कमी न रहे।”
रणनीतिक और सामाजिक महत्व
यह मॉक ड्रिल केवल एक प्रशासनिक कवायद नहीं, बल्कि यह राष्ट्रीय एकता और सुरक्षा के प्रति जागरूकता का प्रतीक है। यह अभ्यास समाज को यह संदेश देता है कि हमें हर स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए। साथ ही, यह भारत की रक्षा रणनीति का हिस्सा है, जो किसी भी संभावित खतरे को नाकाम करने के लिए तैयारियों को और मजबूत करता है।
पाकिस्तान के साथ तनाव के बीच यह ड्रिल देश की ताकत और नागरिकों की एकजुटता को दर्शाती है। यह अभ्यास प्रशासन और जनता के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करने का भी अवसर है।
सुरक्षा के लिए एक कदम
7 मई 2025 को उत्तर प्रदेश में होने वाली मॉक ड्रिल राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह अभ्यास न केवल सिविल डिफेंस और प्रशासन की तैयारियों का इम्तिहान है, बल्कि यह नागरिकों को आपातकाल के लिए मानसिक और व्यावहारिक रूप से तैयार करने का अवसर भी है।
नागरिकों से अपील है कि वे इस मॉक ड्रिल में सक्रिय रूप से हिस्सा लें और आपातकालीन तैयारियों को गंभीरता से लें। यह ड्रिल न केवल हमारी सुरक्षा के लिए जरूरी है, बल्कि यह देश की एकता और ताकत का प्रतीक भी है।
(ये जानकारी विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है)