इस्लामाबाद: भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिन तक चले तनावपूर्ण संघर्ष के बाद 10 मई 2025 को अचानक सीजफायर (Ceasefire) की घोषणा कर दी गई। यह घोषणा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया के जरिए साझा की। भारत ने 6 मई की रात को ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (PoJK) में आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए थे, जिसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुँच गया था। अब खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान ने परमाणु हथियारों की धमकी (Nuclear Threat) देकर अमेरिका पर दबाव बनाया, जिसके चलते सीजफायर संभव हो सका।
ऑपरेशन सिंदूर और तनाव का दौर
6 मई 2025 को भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत बहावलपुर (Bahawalpur), मुरीदके (Muridke), और मुजफ्फराबाद (Muzaffarabad) में जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) और लश्कर-ए-तयैबा (Lashkar-e-Taiba) के आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया था। इस कार्रवाई में 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए थे। भारत की इस सैन्य कार्रवाई ने पाकिस्तान को बैकफुट पर ला दिया, और दोनों देशों के बीच तनाव तेजी से बढ़ा। पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई में ड्रोन हमले किए, और अखनूर (Akhnoor) में सीजफायर उल्लंघन (Ceasefire Violation) की घटनाएँ सामने आईं, जिसमें कई घर तबाह हुए और पशु मारे गए।
पाकिस्तान की परमाणु जंग की धमकी से ब्लैकमेलिंग
सीजफायर की घोषणा के पीछे की वजह अब सामने आई है। एक प्रमुख समाचार चैनल CNN-News18 की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान ने अमेरिका को परमाणु युद्ध (Nuclear War) की धमकी देकर ब्लैकमेल करने की कोशिश की। खुफिया सूत्रों और आधिकारिक बयानों के हवाले से बताया गया कि पाकिस्तान चाहता था कि अमेरिका हस्तक्षेप करे और तनाव को कम कराए। इसके लिए पाकिस्तान ने अपनी नेशनल कमांड अथॉरिटी (National Command Authority, NCA) की बैठक बुलाई, जो उसके परमाणु हथियारों (Nuclear Weapons) की देखरेख करती है। इस बैठक को परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की संभावना का इशारा माना गया।
पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर (General Asim Munir) ने अमेरिकी सीनेटर मार्को रुबियो (Marco Rubio) से बातचीत में कहा कि अगर स्थिति और बिगड़ती है, तो पाकिस्तान परमाणु हथियारों का रुख अपना सकता है। यह धमकी अमेरिका को तुरंत कार्रवाई के लिए मजबूर करने की रणनीति थी। इसके कुछ ही घंटों बाद अमेरिका ने नई दिल्ली से संपर्क किया, और दोनों देशों के बीच सीजफायर की घोषणा हो गई।
पाकिस्तानी अधिकारी का कबूलनामा
जानकारी के मुताबिक, एक वरिष्ठ पाकिस्तानी सैन्य अधिकारी ने स्वीकार किया कि उन्होंने अमेरिका को युद्ध रोकने के लिए ब्लैकमेल किया। अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान ने अपने नुकसान का आकलन किया और उसी के आधार पर कदम उठाया। उन्होंने यह भी कहा कि दो परमाणु शक्ति संपन्न देशों (Nuclear-Armed Nations) के बीच युद्ध की कोई गुंजाइश नहीं है, क्योंकि यह एक बड़ी तबाही का कारण बन सकता है। इस कबूलनामे से साफ है कि पाकिस्तान ने परमाणु युद्ध के डर का इस्तेमाल कर अमेरिका को हस्तक्षेप के लिए बाध्य किया।
अमेरिका की भूमिका
शुरुआत में अमेरिकी अधिकारियों, जैसे सीनेटर जेडी वेंस (JD Vance), ने भारत-पाक तनाव को क्षेत्रीय मामला (Regional Issue) बताकर हस्तक्षेप से इनकार किया था। लेकिन पाकिस्तान की परमाणु धमकियों के बाद अमेरिका को सक्रिय होना पड़ा। ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के नेतृत्व की तारीफ करते हुए सीजफायर की घोषणा की और तनाव कम करने की बात कही। अमेरिका ने दोनों देशों से बातचीत कर स्थिति को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाई।
भारत का रुख
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर को आतंकवाद के खिलाफ सटीक और संयमित कार्रवाई (Precise and Restrained Action) बताया। सरकार के सूत्रों ने कहा कि भारत का उद्देश्य आतंकी ठिकानों को नष्ट करना था, न कि युद्ध को बढ़ावा देना। भारत ने यह भी स्पष्ट किया कि वह किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं करेगा, खासकर कश्मीर मुद्दे पर। भारत ने कश्मीर को अपना अभिन्न अंग (Integral Part) बताते हुए कहा कि अब केवल पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoJK) की वापसी का मुद्दा बाकी है।