आईएएनएस, नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) ने पूरे देश को झकझोर दिया। इस भयावह हमले में 26 लोग मारे गए, जिनमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक शामिल थे। केंद्र सरकार ने इस हमले की जाँच की जिम्मेदारी राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) को सौंप दी है। NIA ने तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी, और देशभर में छापेमारी के साथ-साथ घटनास्थल की गहन पड़ताल की जा रही है। इस बीच, केंद्र सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए, जिनमें सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty) का निलंबन और पाकिस्तानी वीजा रद्द करना शामिल है।
पहलगाम हमला: एक राष्ट्रीय त्रासदी
पहलगाम के बैसरन मैदान (Baisaran Valley) में मंगलवार को हुए इस आतंकी हमले ने भारत की शांति और संप्रभुता को चुनौती दी। आतंकी संगठन द रेज़िस्टेंस फ्रंट (TRF), जिसे लश्कर-ए-तैयबा का सहयोगी माना जाता है, ने इस हमले की ज़िम्मेदारी ली। आतंकवादियों ने पर्यटकों और स्थानीय लोगों को धार्मिक आधार पर निशाना बनाया, जिससे यह घटना और भी संवेदनशील हो गई। 26 लोगों की मौत और कई अन्य के घायल होने के बाद देश में शोक और गुस्से की लहर दौड़ गई। यह हमला 2019 के पुलवामा हमले (Pulwama Attack) के बाद इस क्षेत्र का सबसे घातक आतंकी हमला माना जा रहा है, जिसमें 40 CRPF जवान शहीद हुए थे।
NIA की जाँच: तेज़ और गहन कार्रवाई
केंद्र सरकार ने हमले के तुरंत बाद NIA को जाँच की कमान सौंपी। NIA ने औपचारिक रूप से केस दर्ज कर लिया है और स्थानीय पुलिस से पहलगाम हमले से जुड़ी प्राथमिकी (FIR) और केस डायरी हासिल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। NIA की एक विशेष फोरेंसिक टीम (Forensic Team) पहले से ही पहलगाम में मौजूद थी, जिसने घटनास्थल का गहन निरीक्षण किया। इसके अलावा, NIA ने देश के कई राज्यों में संदिग्ध ठिकानों पर छापेमारी की, ताकि हमले के पीछे की साजिश और इसके समर्थकों का पता लगाया जा सके।
सेना की जवाबी कार्रवाई
हमले के जवाब में भारतीय सेना ने भी कड़ा रुख अपनाया। शनिवार देर रात, सेना ने कश्मीर में लश्कर-ए-तैयबा के एक आतंकी फारूक तीदवा के घर को ध्वस्त कर दिया। यह कार्रवाई आतंकियों और उनके समर्थकों को सख्त संदेश देने का हिस्सा थी। जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों ने तलाशी अभियान (Search Operations) तेज़ कर दिए हैं, और संदिग्ध आतंकी ठिकानों पर नज़र रखी जा रही है। सेना और पुलिस की संयुक्त टीमें क्षेत्र में आतंकी नेटवर्क को नष्ट करने के लिए लगातार काम कर रही हैं।
केंद्र सरकार के कड़े फैसले
पहलगाम हमले को भारत ने अपनी संप्रभुता पर हमला माना और पाकिस्तान के खिलाफ कई बड़े कदम उठाए। केंद्र सरकार ने 1960 की सिंधु जल संधि को तब तक निलंबित करने का फैसला किया, जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद (Cross-Border Terrorism) को पूरी तरह बंद नहीं करता। इसके अलावा, 27 अप्रैल 2025 से सभी पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा (दीर्घकालिक (Long-Term), राजनयिक, और आधिकारिक वीजा को छोड़कर) तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिए गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब का दौरा रद्द कर दिल्ली में उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक बुलाई और कहा: “इस हमले के दोषियों और साजिशकर्ताओं को कड़ी सजा दी जाएगी।” गृह मंत्री अमित शाह ने पीड़ितों के परिवारों से मुलाकात कर हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।
विपक्ष का समर्थन और राष्ट्रीय एकजुटता
पहलगाम हमले ने देश को एकजुट कर दिया। विपक्षी दलों ने सरकार को इस मामले में पूर्ण समर्थन देने का वादा किया। कांग्रेस, AAP, और अन्य दलों ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई में वे सरकार के साथ हैं। देशभर में शोक सभाएँ आयोजित की गईं, और लोगों ने पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी। बॉलीवुड हस्तियों, जैसे सलमान खान, अनुपम खेर, और शाहरुख खान, ने भी हमले की निंदा की और एकता की अपील की।
वैश्विक प्रतिक्रिया और चुनौतियाँ
पहलगाम हमले की निंदा वैश्विक स्तर पर भी हुई। अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, और अन्य देशों ने भारत के साथ एकजुटता दिखाई। संयुक्त राष्ट्र में भारत ने TRF और इसके सहयोगियों के खिलाफ कार्रवाई की माँग उठाई। हालांकि, पाकिस्तान ने हमले में अपनी संलिप्तता से इनकार किया और जांच में सहयोग की बात कही। पाक पीएम शहबाज शरीफ ने भारत पर बिना सबूत आरोप लगाने का दावा किया, लेकिन उनके कश्मीर पर बयान और सिंधु जल संधि को लेकर धमकियों ने तनाव बढ़ाया।
आतंकवाद के खिलाफ भारत का संकल्प
पहलगाम हमला भारत के लिए एक गंभीर चुनौती है, लेकिन यह देश के आतंकवाद के खिलाफ संकल्प को और मज़बूत करता है। NIA की जाँच से उम्मीद है कि हमले के पीछे की पूरी साजिश और इसके मास्टरमाइंड का पता चलेगा। केंद्र सरकार के कड़े कदम और सेना की त्वरित कार्रवाई आतंकियों को साफ संदेश देती है कि भारत ऐसी हरकतों को बर्दाश्त नहीं करेगा। इस दुखद घड़ी में, देश एकजुट होकर पीड़ितों के साथ खड़ा है और न्याय की माँग कर रहा है।
“ये जानकारी विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है “

