नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पंजाब के आदमपुर एयरबेस पर दौरा न केवल सैनिकों के प्रति सम्मान का प्रतीक है, बल्कि यह भारत की शक्ति और दृढ़ता का भी एक स्पष्ट संदेश है। आदमपुर एयरबेस, जो पाकिस्तान की सीमा से महज 100 किलोमीटर दूर स्थित है, हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के बाद सुर्खियों में रहा। इस दौरे के दौरान पीएम मोदी ने पाकिस्तान और चीन को चेतावनी दी, और भारतीय वायुसेना की ताकत को दुनिया के सामने रखा। लेकिन सवाल यह है कि आखिर क्यों आदमपुर एयरबेस इतना खास है, और क्यों इसका नाम सुनकर पाकिस्तान कांपता है?
आदमपुर एयरबेस: भारत का शौर्य का प्रतीक
आदमपुर एयरबेस भारत का दूसरा सबसे बड़ा एयरफोर्स स्टेशन है, जो जालंधर से 21 किलोमीटर दूर स्थित है। यह मिग-29, राफेल, सुखोई-30, और मिराज जैसे फाइटर जेट्स का गढ़ है। 1965, 1971, और कारगिल युद्ध में इस एयरबेस ने अहम भूमिका निभाई है, और अब ऑपरेशन सिंदूर में भी इसका योगदान सराहनीय रहा। खबरों के मुताबिक, पाकिस्तान के लिए यह एयरबेस इसलिए खास है, क्योंकि यहीं से भारतीय वायुसेना ने उसके एयरबेस पर सटीक हमले किए, और उसके ड्रोन्स तथा मिसाइलों को निष्क्रिय कर दिया।
पीएम मोदी का दौरा: एक स्पष्ट संदेश
प्रधानमंत्री मोदी का आदमपुर एयरबेस पर पहुंचना कोई साधारण दौरा नहीं था। उन्होंने करीब एक घंटे तक यहां रुककर वायुसेना के जवानों से मुलाकात की, और उनका हौसला बढ़ाया। इस दौरे के दौरान उन्होंने पाकिस्तान को तीन स्पष्ट संदेश दिए:
- युद्ध लड़ोगे, तो हारोगे। पीएम मोदी ने पाकिस्तान को याद दिलाया कि हर बार की तरह, इस बार भी वह हार का सामना करेगा।
- एटम बम की धमकी नहीं चलेगी। “भारत अब किसी भी तरह की ब्लैकमेलिंग को बर्दाश्त नहीं करेगा।”
- आतंक फैलाओगे, तो घर में घुसकर मारेंगे। ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारत ने साबित किया कि वह आतंकवाद का जवाब देने में सक्षम है।
चीन के लिए भी यह दौरा एक चेतावनी थी, हालांकि नाम लिए बिना। पीएम मोदी ने कहा कि भारत हर खतरे से निपटने को तैयार है, और पाकिस्तान के चीनी हथियारों को बेअसर किया जा सकता है। उन्होंने “फॉरवर्ड लोकेशन से फॉरवर्ड थिंकिंग” की बात कर भारत की रणनीतिक सोच को रेखांकित किया।
पाकिस्तान का झूठ बेनकाब
पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद दावा किया था कि उसने भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम S-400 को नुकसान पहुंचाया है। लेकिन पीएम मोदी के दौरे ने इस झूठ को बेनकाब कर दिया। उन्होंने आदमपुर एयरबेस से शेयर की गई तस्वीरों में S-400 और रडार सिस्टम को पूरी तरह सुरक्षित और एक्टिव दिखाया। यह साबित करता है कि पाकिस्तान की मिसाइलें और ड्रोन्स भारतीय वायुसेना के लिए कोई चुनौती नहीं हैं। S-400, जिसे “सुदर्शन चक्र” के रूप में जाना जाता है, ने पाकिस्तान के हमलों को हवा में ही ध्वस्त कर दिया।
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकानों को तबाह किया। आदमपुर एयरबेस से उड़ान भरकर लड़ाकू विमानों ने पाकिस्तान के एयरबेस पर प्रहार किया, और उसके नापाक इरादों को नाकाम कर दिया। पाकिस्तान के जवाबी हमले भी विफल रहे, और उसने झूठा प्रचार फैलाकर अपनी हार छुपाने की कोशिश की। लेकिन पीएम मोदी का दौरा और आदमपुर एयरबेस की स्थिति ने सच्चाई को सामने ला दिया।
एक वॉरटाइम कमांडर की तरह
प्रधानमंत्री मोदी का आदमपुर एयरबेस पर पहुंचना उन्हें एक वॉरटाइम कमांडर की तरह पेश करता है। उन्होंने न केवल सैनिकों का हौसला बढ़ाया, बल्कि भारत की शक्ति और संकल्प को दुनिया के सामने रखा। उन्होंने वीर योद्धा महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक पर लिखी गई कविता की चार लाइनों का हवाला देकर नए भारत के अस्त्र और शस्त्रों की व्याख्या की, जो दुश्मनों के लिए अभेद्य हैं।
आदमपुर एयरबेस का महत्व
आदमपुर एयरबेस न केवल रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारत के शौर्य और दृढ़ता का प्रतीक भी है। पीएम मोदी का यह दौरा पाकिस्तान और चीन को यह संदेश देता है कि भारत अब किसी भी चुनौती से निपटने को तैयार है। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता, स्वदेशी निर्मित रक्षा कवच और S-400 की अजेयता ने साबित कर दिया कि भारत का आसमान अभेद्य है, और कोई भी दुश्मन इसे चुनौती नहीं दे सकता।
यह दौरा न केवल सैनिकों के लिए, बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व का पल है, जो दिखाता है कि सरकार और सेना कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी हैं। आदमपुर एयरबेस का नाम सुनकर पाकिस्तान क्यों कांपता है, इसका जवाब अब साफ है: क्योंकि यहाँ से भारत की ताकत और संकल्प की शुरुआत होती है।
(ये जानकारी विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है)