मधुबनी, बिहार: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के मधुबनी में 13,480 करोड़ रुपये से अधिक की मधुबनी विकास परियोजनाएं शुरू कर राज्य के बुनियादी ढांचे और जनसुविधाओं को नई मज़बूती दी। इस दौरे के दौरान पीएम ने कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया, जो बिहार के सामाजिक-आर्थिक विकास को गति देंगे। मधुबनी विकास परियोजनाएँ रेल, ऊर्जा, आवास, और ग्रामीण सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों को छूती हैं, जो बिहार के लिए एक नया युग शुरू करेंगी।
राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस का आयोजन
पीएम मोदी सुबह करीब 11:45 बजे मधुबनी पहुंचे, जहां उन्होंने राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस (National Panchayati Raj Day) के कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस अवसर पर उन्होंने उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली ग्राम पंचायतों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए। ये पुरस्कार ग्रामीण शासन को प्रोत्साहित करने और पंचायतों की भूमिका को मज़बूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। यह आयोजन ग्रामीण विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
एलपीजी आपूर्ति को नई ताकत
बिहार की इन विकास परियोजनाओं में ऊर्जा क्षेत्र की एक अहम पहल शामिल है। पीएम ने गोपालगंज के हथुआ में 340 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले एलपीजी बॉटलिंग प्लांट (LPG Bottling Plant) की आधारशिला रखी। इस प्लांट में रेल अनलोडिंग यूनिट होगी, जो रसोई गैस की आपूर्ति को सुगम और तेज़ बनाएगी। यह परियोजना न केवल स्थानीय लोगों को रसोई गैस की नियमित उपलब्धता सुनिश्चित करेगी, बल्कि क्षेत्र में लॉजिस्टिक्स दक्षता को भी बढ़ाएगी।
बिजली क्षेत्र में बड़ा कदम
ऊर्जा आपूर्ति को मज़बूत करने के लिए पीएम ने 1,170 करोड़ रुपये की नई बिजली परियोजनाओं की शुरुआत की और 5,030 करोड़ रुपये से अधिक की अन्य परियोजनाओं का उद्घाटन किया। ये परियोजनाएँ पुनर्गठित वितरण क्षेत्र योजना (Revamped Distribution Sector Scheme) का हिस्सा हैं। इनसे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बिजली वितरण की गुणवत्ता और विश्वसनीयता में सुधार होगा। ये कदम बिहार के औद्योगिक और घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के लिए वरदान साबित होंगे।
रेल कनेक्टिविटी को नई रफ्तार
मधुबनी विकास परियोजनाओं में रेल बुनियादी ढांचे का उन्नयन एक प्रमुख हिस्सा है। पीएम मोदी ने कई नई ट्रेन सेवाओं का शुभारंभ किया, जिनमें अमृत भारत एक्सप्रेस (Amrit Bharat Express) (सहरसा-मुंबई) और नामो भारत रैपिड रेल (Namo Bharat Rapid Rail) (जयनगर-पटना) शामिल हैं। इसके अलावा, पिपरा-सहरसा और सहरसा-समस्तीपुर के बीच नई ट्रेन सेवाएँ शुरू की गईं।
रेल नेटवर्क को और मज़बूत करने के लिए सुपौल-पिपरा और हसनपुर-बिथान रेल लाइनों का उद्घाटन हुआ। चापरा और बगहा में दो दो-लेन रेल ओवरब्रिज और खगड़िया-अलौली रेल लाइन को भी जनता को समर्पित किया गया। ये परियोजनाएँ बिहार में लोगों और माल की आवाजाही को तेज़ करेंगी, जिससे क्षेत्रीय व्यापार और कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलेगा।
सूचना और प्रचार विभाग के कार्यकारी निदेशक दिलीप कुमार ने बताया, “देश में अब तक दो नामो भारत रैपिड रेल रेक तैयार किए गए हैं। पहला रेक भुज और अहमदाबाद के बीच चल रहा है, और अब दूसरा रेक जयनगर-पटना मार्ग के लिए तैयार है। यह पूरी तरह वातानुकूलित ट्रेन है, जिसमें 18 कोच और 2,000 से अधिक यात्रियों की क्षमता है। इसमें आरक्षण की ज़रूरत नहीं होगी।” यह ट्रेन बिहार के यात्रियों के लिए एक सुविधाजनक और आधुनिक विकल्प होगी।
स्वयं सहायता समूहों को आर्थिक सहारा
पीएम ने दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (Deendayal Antyodaya Yojana-National Rural Livelihoods Mission) के तहत बिहार के 2 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूहों (SHGs) को 930 करोड़ रुपये के लाभ वितरित किए जाएंगे। यह सहायता ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगी और स्थानीय स्तर पर उद्यमिता को प्रोत्साहित करेगी। यह कदम बिहार की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मज़बूती देगा।
आवास योजनाएँ: घर का सपना पूरा
इन विकास परियोजनाओं में आवास एक महत्वपूर्ण क्षेत्र रहा। पीएम ने प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-Gramin) के 15 लाख नए लाभार्थियों को स्वीकृति पत्र सौंपे और 10 लाख मौजूदा लाभार्थियों के लिए किस्तें जारी की जायेंगी। बिहार में 1 लाख PMAY-Gramin और 54,000 PMAY-Urban घरों के लाभार्थियों को नए घरों की चाबियाँ दी जायेंगी। ये कदम ग्रामीण और शहरी परिवारों को सुरक्षित और सम्मानजनक आवास प्रदान करने की दिशा में एक बड़ा प्रयास हैं।
सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम
पीएम के दौरे के दौरान बिहार में सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा किया गया, खासकर जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल के आतंकी हमले के बाद। भारत-नेपाल सीमा पर विशेष निगरानी रखी गई, और रेलवे स्टेशनों, बाजारों, और धार्मिक स्थलों पर गहन जांच की गई। यह सुनिश्चित किया गया कि कोई अप्रिय घटना न घटे, ताकि विकास कार्य सुचारू रूप से संपन्न हों।
बिहार के लिए नया अध्याय
मधुबनी विकास परियोजनाएं बिहार के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकती हैं। रेल, ऊर्जा, आवास, और ग्रामीण सशक्तिकरण पर केंद्रित ये पहल राज्य को प्रगति के पथ पर ले जाएंगी। पीएम मोदी का यह दौरा बिहार के लोगों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है, जो विकास और समृद्धि की ओर बढ़ रहा है। ये परियोजनाएँ न केवल बिहार की अर्थव्यवस्था को मज़बूत करेंगी, बल्कि स्थानीय लोगों के जीवन स्तर को भी ऊपर उठाएंगी।
“यह जानकारी Hindustan Times की रिपोर्ट पर आधारित है।”