फोकस कीवर्ड: पहलगाम आतंकी हमला, भारत-पाकिस्तान तनाव, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, डिजिटल स्ट्राइक, आतंकवाद पर कार्रवाई
India-Pakistan Tension: पहलगाम (Pahalgam) में बैसरन घाटी (Baisaran Valley) में हुए आतंकी हमले के बाद भारत की सख्त कार्रवाइयों से पाकिस्तान में खौफ का माहौल है। इस तनाव के बीच पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council) से अपील की है कि भारत-पाकिस्तान के मौजूदा हालात पर बंद कमरे में चर्चा (Closed-Door Discussion) की जाए। आज, 5 मई 2025 को UNSC की बैठक बुलाई गई है, जिसकी मांग पाकिस्तान ने की थी। यह अपील दर्शाती है कि भारत की जवाबी कार्रवाइयों (Retaliatory Actions) ने पाकिस्तान को बैकफुट पर ला दिया है। भारत ने हमले के बाद सिंधु जल समझौता (Indus Waters Treaty) निलंबित करने, पाकिस्तानी वीजा रद्द करने, और डिजिटल स्ट्राइक (Digital Strike) जैसे कड़े कदम उठाए हैं, जिससे पाकिस्तान की बेचैनी साफ झलक रही है।
UNSC में पाकिस्तान की अपील: बंद कमरे में चर्चा की मांग
पाकिस्तान ने पहलगाम हमले के बाद बढ़े तनाव को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाने की मांग की थी। अब उसने UNSC से अनुरोध किया है कि भारत-पाकिस्तान के बीच मौजूदा हालात पर बंद कमरे में विचार-विमर्श किया जाए। UNSC की बंद कमरे की चर्चाएं सार्वजनिक नहीं होतीं, जिससे पाकिस्तान को लगता है कि वह अपनी बात को गोपनीय तरीके से रख सकता है। पाकिस्तान वर्तमान में UNSC का अस्थायी सदस्य (Non-Permanent Member) है और जुलाई 2025 में 15 देशों वाली इस संस्था की अध्यक्षता करेगा।
संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि असीम इफ्तिखार अहमद (Aseem Iftikhar Ahmad) ने कहा कि पहलगाम हमले के बाद बने हालात क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय शांति (Regional and International Peace) के लिए खतरा हैं। उन्होंने दावा किया कि UNSC का कोई भी सदस्य ऐसी स्थिति में बैठक और चर्चा का अनुरोध कर सकता है। यह बयान साफ करता है कि पाकिस्तान भारत की संभावित कार्रवाइयों से डरा हुआ है और अंतरराष्ट्रीय मंच (International Forum) पर अपनी स्थिति को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है।
भारत की सख्त कार्रवाइयां: डिजिटल और कूटनीतिक प्रहार
पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए, जिन्होंने पड़ोसी देश को हिलाकर रख दिया। भारत ने सिंधु जल समझौता निलंबित (Suspended) कर दिया, जो पाकिस्तान की जल सुरक्षा (Water Security) के लिए महत्वपूर्ण है। सभी पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा (Visas) रद्द कर दिए गए और उन्हें भारत छोड़ने का आदेश दिया गया। भारत ने इस्लामाबाद में अपने रक्षा सलाहकारों (Defence Advisors) को वापस बुला लिया और पाकिस्तान के साथ कारोबार (Trade) पूरी तरह बंद कर दिया। ये कदम पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था (Economy) के लिए बड़ा झटका साबित हो सकते हैं।
डिजिटल मोर्चे (Digital Front) पर भी भारत ने पाकिस्तान पर जोरदार प्रहार किया। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Shahbaz Sharif) के यूट्यूब और इंस्टाग्राम अकाउंट्स को भारत में ब्लॉक (Blocked) कर दिया गया। इसके अलावा, कई पाकिस्तानी न्यूज चैनल जैसे डॉन (Dawn), समा टीवी (Sama TV), और एआरवाई न्यूज (ARY News) के यूट्यूब चैनल (YouTube Channels) भी प्रतिबंधित किए गए। गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने इन अकाउंट्स को भारत के खिलाफ भड़काऊ और झूठी सामग्री (Inflammatory Content) फैलाने का दोषी पाया।
पहलगाम आतंकी हमला और पाकिस्तान की धमकियां
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटक (Tourists) मारे गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी द रेसिस्टेंस फ्रंट (The Resistance Front) ने ली, जिसे लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) का मुखौटा संगठन माना जाता है। भारत ने इसे पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद (Pakistan-Sponsored Terrorism) का हिस्सा करार दिया। इस हमले ने पूरे देश में गुस्से की लहर पैदा की और पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग उठी।
हमले के बाद पाकिस्तान के नेताओं ने भारत के खिलाफ आक्रामक बयानबाजी शुरू कर दी। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री (Defence Minister), विदेश मंत्री (Foreign Minister), और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो (Bilawal Bhutto) जैसे नेताओं ने भारत को गौरी, गजनवी, और अब्दाली मिसाइलों (Missiles) के साथ-साथ परमाणु हथियारों (Nuclear Weapons) की धमकी दी। दूसरी ओर, शहबाज शरीफ ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय (International Community) से हमले की जांच की मांग की, जिसे भारत ने खारिज कर दिया। ये बयान और धमकियां पाकिस्तान की घबराहट को दर्शाती हैं।
भारत का कड़ा रुख: आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस
पहलगाम हमले ने भारत को आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई को और तेज करने के लिए प्रेरित किया है। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति (Zero Tolerance Policy) पर अडिग है। दिल्ली में उच्च स्तरीय बैठकों (High-Level Meetings) का दौर चल रहा है, जिसमें जवाबी कार्रवाइयों की रणनीति तैयार की जा रही है। केंद्र सरकार ने सेना (Indian Army) को कड़ी कार्रवाई की खुली छूट दी है, जिससे माना जा रहा है कि पाकिस्तान के खिलाफ और सख्त कदम उठाए जा सकते हैं।
भारत का जबाव हर बार और भी सख्त होगा
पहलगाम का बैसरन घाटी आतंकी हमला भारत के लिए एक गंभीर चुनौती था, लेकिन इसने भारत को अपनी कूटनीतिक, डिजिटल, और सैन्य रणनीति को और मजबूत करने का अवसर दिया। पाकिस्तान की UNSC में बंद कमरे की चर्चा की अपील उसकी घबराहट का सबूत है। भारत की सख्त कार्रवाइयों, जैसे सिंधु जल समझौता निलंबित करना और डिजिटल स्ट्राइक, ने पाकिस्तान को बैकफुट पर ला दिया है।
दुनिया की नजरें अब भारत के अगले कदमों पर टिकी हैं। पाकिस्तान के लिए यह समय अपनी नीतियों पर पुनर्विचार करने का है, क्योंकि भारत का जवाब हर बार पहले से ज्यादा कड़ा होगा।