जोधपुर, राजस्थान: जोधपुर की गलियों में 18 जून 2025 को एक ऐसा तमाशा हुआ, जिसने पूरे शहर को हंसी और हैरानी से लोटपोट कर दिया। लाल साड़ी, डीप नेक ब्लाउज, मंगलसूत्र, और लेडीज अंगूठी में सजी-धजी एक ‘महिला’ ठुमक-ठुमक कर चल रही थी। हर कोई उसे आम औरत समझ रहा था, लेकिन जब जोधपुर पुलिस ने उसका घूंघट उठाया, तो सबके होश उड़ गए। ये कोई हसीना नहीं, बल्कि 27 अपराधों का मास्टरमाइंड, हिस्ट्रीशीटर दया शंकर वाल्मीकि उर्फ बिट्टू था! चार महीने से फरार बिट्टू को पकड़ने में पुलिस की सतर्कता ने बाजी मार ली, और ये गिरफ्तारी अब शहर की सबसे मजेदार कहानी बन गई है।
खिड़की पर ‘महिला’ और पुलिस का शक
सदर थाना पुलिस को खबर मिली कि हत्या के प्रयास और चोरी जैसे 27 मामलों में वांछित बिट्टू सूर्या कॉलोनी, हरिजन बस्ती, लखारा बाजार में अपने घर छिपा है। थानाधिकारी अनिल कुमार यादव की अगुआई में पुलिस टीम रात के अंधेरे में उसके ठिकाने पर पहुंची। मगर वहाँ का नजारा कुछ और ही था। घर का दरवाजा ताला बंद, मानो कोई अंदर हो ही न। खिड़की से झांकने पर एक ‘महिला’ दिखी, जो साड़ी में सजी खड़ी थी। उसने इशारों में बताया, “बिट्टू तो घर पर नहीं है।” मगर पुलिस को कुछ गड़बड़ लगी। खिड़की के पास बीयर की बोतलें और सिगरेट के टुकड़े बिखरे थे—कौन सी ‘महिला’ ऐसी हरकत करती है? शक गहराया, और पुलिस ने दबिश देने का फैसला किया।
घूंघट उठा, बिट्टू का ड्रामा बेनकाब
पुलिस ने बिना देर किए घर में घुसकर उस ‘महिला’ को पकड़ा। जैसे ही घूंघट उठाया, सबके मुँह खुले रह गए। सामने था दया शंकर उर्फ बिट्टू, लाल साड़ी, मंगलसूत्र, और नकली गहनों में सजा-धजा। उसने सोचा था कि ये भेष उसे पुलिस की नजरों से बचा लेगा, मगर जोधपुर पुलिस की चतुराई के आगे उसकी चाल फेल हो गई। बिट्टू के चेहरे पर हवाइयाँ उड़ रही थीं, और पुलिस वाले हँसी नहीं रोक पा रहे थे। तुरंत उसे हिरासत में लिया गया, और घर की तलाशी में आपराधिक गतिविधियों से जुड़े कुछ सामान भी बरामद हुए।
चार महीने की चालाक फरारी
खबरों के अनुसार, बिट्टू पिछले चार महीने से पुलिस को चकमा दे रहा था। पहले वह उदयपुर में छिपा था, जहाँ उसने कई बार ठिकाना बदला। हाल ही में वह जोधपुर लौटा, मगर उसे क्या पता था कि पुलिस उसकी हर चाल पर नजर रखे हुए है। उसने महिला का भेष धरने का आइडिया तो बॉलिवुड फिल्मों से लिया, लेकिन स्क्रिप्ट में ट्विस्ट लाने वाली जोधपुर पुलिस थी। थानाधिकारी अनिल यादव ने मीडिया से बातचीत में बताया, “बिट्टू की चालाकी को हमने उसकी ही चाल में फंसा दिया। उसका भेष देखकर पहले तो हम भी चौंके, मगर सबूतों ने उसे बेनकाब कर दिया।”
बिट्टू का काला चिट्ठा
दया शंकर उर्फ बिट्टू कोई छोटा-मोटा अपराधी नहीं। उसके और उसके भाई के खिलाफ जोधपुर के थानों में 27 मुकदमे दर्ज हैं। हत्या का प्रयास, चोरी, मारपीट—उसका आपराधिक रिकॉर्ड इतना लंबा है कि स्थानीय लोग उसके नाम से कांपते थे। मगर इस बार उसकी ‘हसीना’ वाली चाल ने उसे शहर का मजाक बना दिया। पुलिस अब उससे पूछताछ कर रही है ताकि उसके बाकी साथियों और अपराधों का पता लगाया जा सके।
पुलिस की जीत का जश्न
जोधपुर पुलिस कमिश्नर राजेंद्र सिंह ने इस ऑपरेशन को बड़ी कामयाबी बताया। उन्होंने कहा, “हमारी टीम ने गजब की सूझबूझ दिखाई। बिट्टू जैसे शातिर अपराधी को पकड़ना आसान नहीं था, मगर हमने साबित किया कि कानून से कोई नहीं बच सकता।” कमिश्नर ने ये भी बताया कि जोधपुर में अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए खास अभियान चल रहे हैं। हाल ही में 269 हिस्ट्रीशीटरों की चेकिंग में दो और वांछित अपराधी पकड़े गए। बिट्टू की गिरफ्तारी इस अभियान का सबसे मजेदार चैप्टर बन गया है।
जोधपुर की हंसी और बिट्टू का ‘मेकओवर’
बिट्टू की साड़ी वाली कहानी ने जोधपुर में हंसी का फव्वारा छोड़ दिया है। गलियों में लोग उसकी ‘हसीना’ बनने की नाकाम कोशिश पर चटखारे ले रहे हैं। कोई कह रहा है, “बिट्टू को तो बॉलिवुड में ट्राई करना चाहिए था!” तो कोई पुलिस की तारीफ में कसीदे पढ़ रहा है। ये गिरफ्तारी न सिर्फ एक अपराधी का अंत है, बल्कि एक ऐसी कहानी है, जो जोधपुर की फिजाओं में लंबे वक्त तक गूंजेगी।