बरेली, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के बरेली में दो युवकों को ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाने और लोगों की जुबान काटने की धमकी देने वाला वीडियो इंस्टाग्राम पर डालने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। बिथरी चैनपुर पुलिस ने आरोपियों, इरफान और वाजिद शाह, के खिलाफ सार्वजनिक उपद्रव और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम की धाराओं में मामला दर्ज किया है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद स्थानीय लोगों में गुस्सा भड़क उठा, जिसके बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की। मामले की जांच जारी है, और पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या इसके पीछे कोई बड़ी साजिश है।
वीडियो ने मचाया बवाल
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इरफान और वाजिद शाह ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें वे ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाते दिखे। वीडियो में उन्होंने लोगों को धमकी भी दी कि उनकी जुबान काट दी जाएगी। इस वीडियो के सामने आने के बाद बरेली में तनाव का माहौल बन गया। स्थानीय लोगों ने इसे देश की एकता और अखंडता के खिलाफ भड़काऊ कृत्य बताया और पुलिस से तुरंत कार्रवाई की माँग की। बिथरी चैनपुर थाने के प्रभारी (एसएचओ) अभिषेक कुमार ने बताया कि वीडियो की सूचना मिलते ही पुलिस ने जांच शुरू की और दोनों आरोपियों को शनिवार, 24 मई 2025 को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस की कार्रवाई और कानूनी कदम
पुलिस ने इरफान और वाजिद शाह के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 353(2) के तहत सार्वजनिक उपद्रव और आईटी अधिनियम की संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया है। आरोपियों के मोबाइल फोन और उनके सोशल मीडिया अकाउंट्स को जब्त कर लिया गया है। एसएचओ अभिषेक कुमार ने मीडिया रिपोर्टर को बताया कि पुलिस यह जांच कर रही है कि वीडियो कब, कहाँ, और किस मकसद से बनाया गया। उन्होंने कहा, “यह मामला सिर्फ एक वीडियो तक सीमित नहीं है। यह देश की एकता के खिलाफ भड़काऊ और घृणास्पद गतिविधियों को बढ़ावा देने की कोशिश हो सकती है। हम हर पहलू की गहराई से जांच कर रहे हैं।”
स्थानीय लोगों में आक्रोश
वीडियो के वायरल होने के बाद बरेली के स्थानीय लोगों में भारी रोष देखा गया। कई लोगों ने इसे देश के खिलाफ साजिश करार दिया और आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की माँग की। कुछ स्थानीय निवासियों ने पुलिस को बताया कि इस तरह के कृत्य न केवल सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ते हैं, बल्कि युवाओं को गलत रास्ते पर ले जाने की कोशिश भी करते हैं। पुलिस ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है और आश्वासन दिया है कि मामले की जांच पूरी तह तक जाएगी।
क्या है जांच का फोकस?
पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि क्या इरफान और वाजिद का यह कृत्य व्यक्तिगत था या इसके पीछे कोई संगठित साजिश थी। यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या दोनों को किसी ने उकसाया या उनके सोशल मीडिया अकाउंट्स का इस्तेमाल किसी बड़े नेटवर्क द्वारा किया गया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरोपियों से पूछताछ में उनके मकसद और वीडियो बनाने की वजह का खुलासा हो सकता है। साथ ही, यह भी जांचा जा रहा है कि क्या इस वीडियो का मकसद किसी खास समुदाय या क्षेत्र में तनाव पैदा करना था।
सोशल मीडिया और देशविरोधी गतिविधियाँ
यह मामला सोशल मीडिया के दुरुपयोग का एक और उदाहरण है, जहाँ भड़काऊ सामग्री डालकर सामाजिक तनाव पैदा करने की कोशिश की जाती है। हाल के वर्षों में, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहाँ सोशल मीडिया पर देशविरोधी नारे या धमकियाँ डालने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हुई है। बरेली पुलिस ने पहले भी ऐसे मामलों में तेजी से कदम उठाए हैं, और इस बार भी उनकी त्वरित कार्रवाई ने स्थिति को नियंत्रण में रखने में मदद की।
सामाजिक सौहार्द पर असर
बरेली, जो अपनी सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता के लिए जाना जाता है, में इस तरह की घटनाएँ सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुँचा सकती हैं। स्थानीय नेताओं और सामाजिक संगठनों ने इस घटना की निंदा की है और लोगों से एकजुटता बनाए रखने की अपील की है। पुलिस ने भी स्पष्ट किया कि वह किसी भी तरह की भड़काऊ गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेगी और ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई जारी रखेगी।
पुलिस की जांच तेज
पुलिस ने इस मामले में अपनी जांच तेज कर दी है। इरफान और वाजिद से पूछताछ के आधार पर यह साफ हो सकता है कि क्या यह एक आवेग में किया गया कृत्य था या किसी सुनियोजित साजिश का हिस्सा। साथ ही, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर ऐसी सामग्री की निगरानी बढ़ाने की जरूरत पर भी जोर दिया जा रहा है। इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल उठाया है कि सोशल मीडिया के गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए और क्या कदम उठाए जाने चाहिए।