बरेली: PCS अधिकारी डीपी सिंह के घर ED का छापा, ताला तोड़कर खंगाले दस्तावेज, किए ज़ब्त

ED Raid in Bareilly: बरेली में ED ने PCS अधिकारी डीपी सिंह के बंद मकान पर छापा मारा। NH-74 घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में ताला तोड़कर दस्तावेज जब्त किए गए। सीतापुर में उनके भाई और ट्रांसपोर्टर के घर भी तलाशी ली गई।

Samvadika Desk
3 Min Read
Enforcement Directorate (इमेज - ED)
Highlights
  • बरेली में ED का बड़ा एक्शन: PCS अधिकारी डीपी सिंह के घर में छापा!
  • ED ने सीतापुर में डीपी सिंह के भाई राजेश के घर दस्तावेज जब्त किए!
  • बरेली और सीतापुर में ED की छापेमारी, ट्रांसपोर्टर नरेंद्र के घर तलाशी!

बरेली, उत्तर प्रदेश: उत्तराखंड के डोईवाला चीनी मिल के कार्यकारी निदेशक और वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी दिनेश प्रताप सिंह (डीपी सिंह) के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में बड़ी कार्रवाई की। गुरुवार, 26 जून 2025 को ED की 14 सदस्यीय टीम ने बरेली और सीतापुर में तीन स्थानों पर छापेमारी की। बरेली के इंटरनेशनल सिटी में डीपी सिंह के बंद पड़े मकान का ताला तोड़कर दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस जब्त किए गए। साथ ही, सीतापुर में उनके भाई राजेश सिंह और ट्रांसपोर्ट कारोबारी नरेंद्र प्रताप सिंह के घरों पर भी तलाशी ली गई। यह कार्रवाई राष्ट्रीय राजमार्ग-74 (NH-74) घोटाले से जुड़ी बताई जा रही है, जिसमें डीपी सिंह मुख्य आरोपी हैं।

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बरेली और सीतापुर में ED की दबिश

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ED की देहरादून और लखनऊ इकाइयों ने संयुक्त रूप से यह ऑपरेशन चलाया। बरेली में सुबह पाँच गाड़ियों के साथ पहुंची 14 सदस्यीय टीम ने डीपी सिंह के इंटरनेशनल सिटी स्थित मकान में प्रवेश किया। स्थानीय लोगों के अनुसार, यह मकान पिछले एक साल से बंद था और परिवार का कोई सदस्य वहाँ नहीं रहता था। ED ने लॉकर तोड़कर दस्तावेज, लैपटॉप, और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण कब्जे में लिए। उसी दौरान, सीतापुर के महोली में राजेश सिंह के भुड़िया गांव और नरेंद्र प्रताप सिंह के बद्दापुर गांव स्थित घरों पर भी छापे मारे गए। सुबह 7:30 बजे शुरू हुई कार्रवाई में परिवार के सदस्यों से पूछताछ की गई। नरेंद्र के घर पर देर रात तक तलाशी जारी रही।

NH-74 घोटाले से जुड़ा मामला

ED को शक है कि NH-74 के चौड़ीकरण के दौरान 2017 में हुए करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार से अर्जित अवैध धन का इस्तेमाल डोईवाला चीनी मिल से जुड़े ट्रांसपोर्ट कारोबार में किया गया। डीपी सिंह, जो रिटायर हो चुके हैं, लेकिन सेवा विस्तार पर मिल के कार्यकारी निदेशक हैं, इस घोटाले में मुख्य आरोपी हैं। उनके भाई राजेश और कारोबारी नरेंद्र भी मिल के ट्रांसपोर्ट व्यवसाय से जुड़े हैं। ED ने दस्तावेजों और लेनदेन की जाँच शुरू कर दी है, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।

डीपी सिंह का राजनीतिक और पारिवारिक पृष्ठभूमि

डीपी सिंह की पत्नी अलका सिंह ने 2022 के विधानसभा चुनाव में बरेली की बिथरी चैनपुर सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था। इससे पहले वह भाजपा में सक्रिय थीं, लेकिन टिकट न मिलने पर उन्होंने कांग्रेस जॉइन की। उनकी बेटी हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रही है। इस छापेमारी ने प्रशासनिक और राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है।

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सामाजिक और प्रशासनिक सवाल

यह मामला भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गंभीर मुद्दों को उजागर करता है। क्या उच्च पदों पर बैठे अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए और सख्त निगरानी की जरूरत है? क्या सरकारी परियोजनाओं में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए और पारदर्शी तंत्र विकसित करना होगा? यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में एक कदम हो सकती है, लेकिन समाज और प्रशासन से गहरे आत्ममंथन की माँग करती है।

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