बदायूँ, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के बदायूँ जिले में एक अनोखी घटना ने सबका ध्यान खींचा है। लव जिहाद का शिकार हुई दो सहेलियों ने पुरुषों से विश्वास उठने के बाद कलेक्ट्रेट परिसर के शिव मंदिर में एक-दूसरे को वरमाला (Jaimala) पहनाकर शादी रचा ली। दोनों ने कसम खाई कि वे जीवनभर एक-दूसरे का सहारा बनकर रहेंगी, भले ही कानून उनकी शादी को मान्यता न दे। इस घटना ने इलाके में खूब चर्चा बटोरी है, और लोग इनके साहस और फैसले पर हैरानी जता रहे हैं।
कलेक्ट्रेट में अनोखा फैसला
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों युवतियाँ बदायूँ कलेक्ट्रेट में वकील दिवाकर वर्मा के चैंबर में पहुँचीं। उन्होंने बताया कि वे पिछले तीन महीनों से एक साथ रह रही हैं और पुरुषों से मिले धोखे के बाद अब पति-पत्नी की तरह जीवन बिताना चाहती हैं। उन्होंने वकील से शादी करवाने की गुहार लगाई, लेकिन समलैंगिक विवाह (Same-Sex Marriage) को कानूनी मान्यता न होने के कारण यह संभव नहीं था। इसके बावजूद, दोनों ने कलेक्ट्रेट के शिव मंदिर में विधि-विधान से एक-दूसरे को वरमाला पहनाई और जिंदगी भर साथ रहने की कसम खाई। इस दौरान उन्होंने पुरुषों के प्रति अपनी नफरत जाहिर की और कहा कि वे अब केवल एक-दूसरे पर भरोसा करती हैं।
लव जिहाद ने तोड़ा भरोसा
दोनों सहेलियों ने अपनी आपबीती साझा करते हुए बताया कि वे लव जिहाद (Love Jihad) का शिकार हुईं। उन्होंने आरोप लगाया कि दो मुस्लिम युवकों ने नाम बदलकर उनके साथ प्यार का नाटक किया और शादी का झाँसा देकर उनकी भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया। जब मामला सामने आया, तो कानून ने भी आरोपियों को कोई सजा नहीं दी, जिससे उनका पुरुष समाज से भरोसा उठ गया। उन्होंने कहा, “हमें धोखा देने वालों को सजा नहीं मिली, इसलिए हमने पुरुषों से नाता तोड़कर एक-दूसरे का सहारा चुना।” दोनों ने यह भी कहा कि अगर उनके परिवार उनसे रिश्ता रखना चाहें तो ठीक, वरना वे एक-दूसरे के साथ पूरा जीवन बिताएँगी।
वकील का बयान
वकील दिवाकर वर्मा ने इस मामले पर स्थानीय रिपोर्टर से कहा कि दोनों युवतियाँ उनके पास अपनी इच्छा लेकर आईं। उन्होंने बताया कि वे पुरुषों से बहुत नफरत करती हैं, क्योंकि मुस्लिम युवकों ने उन्हें प्यार में धोखा दिया और लव जिहाद का शिकार बनाया। वकील ने कहा, “उनके प्रस्ताव पर विचार करने के बाद हमने कचहरी के शिव मंदिर में विधिवत उनकी शादी करवाई। हालाँकि यह कानूनी शादी नहीं है, लेकिन यह उनका निजी फैसला है।” वकील ने यह भी कहा कि दोनों का यह कदम पुरुषों के अत्याचार और धोखे के खिलाफ उनका गुस्सा दर्शाता है।
सामाजिक चर्चा और सवाल
यह घटना बदायूँ में चर्चा का विषय बन गई है। कुछ लोग दोनों सहेलियों के साहस की तारीफ कर रहे हैं, जो धोखे के बाद भी अपने लिए नया रास्ता चुन रही हैं। वहीं, कुछ लोग इसे सामाजिक और कानूनी दृष्टिकोण से असामान्य मान रहे हैं। यह मामला लव जिहाद, महिलाओं की भावनात्मक सुरक्षा, और समलैंगिक रिश्तों को कानूनी मान्यता जैसे गंभीर मुद्दों पर सवाल उठाता है। दोनों युवतियों ने साफ कहा कि सरकार भले ही लव जिहाद पर सख्ती का दावा करे, लेकिन उन्हें धोखा देने वालों को सजा नहीं मिली, जिसने उन्हें यह अनोखा कदम उठाने के लिए मजबूर किया।