अयोध्या, उत्तर प्रदेश: मंगलवार को एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सिख गुरुओं के बलिदान को सनातन धर्म की रक्षा का सबसे बड़ा प्रतीक बताया। उन्होंने साफ शब्दों में कहा – “मुगल शासकों ने पूरे भारत का इस्लामीकरण करना चाहा। औरंगजेब ने तो तिलक लगाना और जनेऊ धारण करना तक अपराध बना दिया। उसने सोचा था कि हिंदुओं की पहचान मिट जाएगी। लेकिन जब कश्मीर में हिंदुओं पर जुल्म चरम पर पहुंचा तो नौवें सिख गुरु तेग बहादुर जी ने खुलकर उसका मुकाबला किया और सनातन की रक्षा के लिए अपना शीश दे दिया।”
“आज अयोध्या से भगवा ध्वज लहरा रहा है, इसके पीछे सिख गुरुओं का बलिदान”
सीएम योगी ने कहा:
“मुझे सौभाग्य मिला है कि मैं अयोध्या धाम से आ रहा हूं। आज पूरा देश देख रहा है – सनातन संस्कृति का भगवा ध्वज फिर से ऊंचा लहरा रहा है। यह वही भगवा है जिसकी रक्षा के लिए सिख गुरुओं की चार पीढ़ियों ने अपना सर्वस्व कुर्बान कर दिया। गुरु तेग बहादुर जी ने औरंगजेब के सामने सिर झुकाने से इनकार किया और कहा – पहले मेरी गर्दन काटो, फिर हिंदुओं का तिलक-जनेऊ मिटाना।”
योगी ने आगे कहा:
“सिख धर्म और सनातन धर्म एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। जब-जब सनातन पर संकट आया, सिख गुरुओं ने छत्रपति शिवाजी महाराज की तरह ढाल बनकर खड़े हो गए। गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना कर हर हिंदू को शस्त्र धारण करने की शक्ति दी। यह बलिदान भारत के इतिहास का स्वर्णिम अध्याय है।”
“औरंगजेब चाहता था हिंदू पहचान मिटे, गुरु तेग बहादुर ने रोक दिया”
मुख्यमंत्री ने औरंगजेब के उस फरमान का जिक्र किया जिसमें उसने हिंदुओं पर जबरन धर्म परिवर्तन शुरू किया था। कश्मीर के पंडितों ने जब गुरु तेग बहादुर से मदद मांगी तो गुरु जी दिल्ली पहुंचे और औरंगजेब से कहा – “अगर तुम मुझे मुसलमान बना लो, तो सारे हिंदू खुद-ब-खुद मुसलमान बन जाएंगे।” औरंगजेब ने गुरु जी को इस्लाम कबूल करने को कहा, लेकिन गुरु जी ने सिर झुकाने से इनकार कर दिया। 24 नवंबर 1675 को दिल्ली के चांदनी चौक में उनका शीश काट दिया गया।
योगी ने कहा:
“उस दिन गुरु तेग बहादुर जी ने सिर्फ कश्मीर के पंडितों की नहीं, पूरे सनातन धर्म की रक्षा की। आज जब अयोध्या में राम मंदिर का भगवा ध्वज लहरा रहा है, तो उसकी छाया में गुरु तेग बहादुर और गुरु गोबिंद सिंह जी के बलिदान की गूंज साफ सुनाई देती है।”
“सनातन और सिख परंपरा एक-दूसरे से अलग नहीं”
सीएम ने जोर देकर कहा:
“सिख गुरु ग्रंथ साहिब में भगवान राम और श्री कृष्ण के भजन हैं। गुरु गोबिंद सिंह जी ने दशम ग्रंथ में राम-कृष्ण की कथाएं लिखीं। यह दिखाता है कि सिख धर्म सनातन की रक्षा के लिए ही जन्मा। आज पूरा देश इन गुरुओं को श्रद्धांजलि देता है।”
कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने गुरु तेग बहादुर जी और सिख गुरुओं के बलिदान को याद कर नम आंखों से श्रद्धासुमन अर्पित किए। योगी का यह बयान एक बार फिर सनातन और सिख परंपरा की अटूट एकता को रेखांकित करता है।
जय श्री राम… वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतेह!

