कानपुर, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के कानपुर में धर्मांतरण विवाद (Kanpur Conversion Controversy) ने तूल पकड़ लिया है। पनकी के शिवालिक अपार्टमेंट में एक फ्लैट में कथित तौर पर धर्मांतरण का मामला सामने आने के बाद स्थानीय लोगों ने जमकर हंगामा किया। आरोप है कि एक मुस्लिम युवक पांच हिंदुओं को कलमा पढ़ा रहा था। मौके पर पहुंची पुलिस ने फ्लैट में एक मुस्लिम युवक, तीन हिंदू युवतियों, एक बुजुर्ग, और एक ऑटो चालक को पाया, जिनसे पूछताछ की जा रही है । फ्लैट में इस्लामिक साहित्य, लोबान, और इत्र जैसी चीजें बरामद हुई हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है, लेकिन देर रात तक कोई FIR दर्ज नहीं हुई। इस घटना ने शहर में तनाव का माहौल पैदा कर दिया है।
कानपुर धर्मांतरण विवाद: कैसे शुरू हुआ हंगामा?
यह घटना शनिवार देर शाम पनकी के शिवालिक अपार्टमेंट में सामने आई। इस सोसाइटी में जल्द ही चुनाव होने वाले हैं, और इसके लिए कमेटी के सदस्य फ्लैट-फ्लैट जाकर रजिस्टर मेंटेन कर रहे थे। इसी दौरान एक फ्लैट से कलमा पढ़ने की आवाजें सुनाई दीं। कमेटी के सदस्यों ने फ्लैट में प्रवेश किया तो वहां का नजारा देखकर हैरान रह गए। फ्लैट में एक मुस्लिम युवक दरी पर बैठकर कुछ लोगों को कलमा पढ़ा रहा था। वहां दो युवतियां, एक किशोरी, एक बुजुर्ग, और दो बच्चे मौजूद थे। दीवार पर एक तख्ती टंगी थी, जिस पर उर्दू में कुछ लिखा था।
स्थानीय लोगों ने इसे धर्मांतरण का प्रयास बताते हुए हंगामा शुरू कर दिया। टोपी लगाए मुस्लिम युवक ने भागने की कोशिश की, लेकिन उसे पकड़ लिया गया। उसने दावा किया कि वह फ्लैट में रहने वाले एक बुजुर्ग बाबा से आशीर्वाद लेने आया था। इस बीच, वहां मौजूद एक बुजुर्ग और दो किशोर मौके से फरार हो गए। सोसाइटी के लोगों ने पुलिस को बुलाया और धर्मांतरण विवाद को लेकर शिकायत दर्ज कराने की मांग की।
फ्लैट में क्या-क्या मिला?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस ने फ्लैट की तलाशी ली तो वहां इस्लामिक साहित्य, लोबान, इत्र, और अन्य सामग्री बरामद हुई। स्थानीय लोगों का दावा है कि यह फ्लैट धर्मांतरण का अड्डा बन चुका था। उनके मुताबिक, मुस्लिम युवक पांच हिंदुओं—तीन युवतियों, एक बुजुर्ग, और एक ऑटो चालक—को इस्लाम अपनाने के लिए प्रेरित कर रहा था। पुलिस ने मौके से मौजूद लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की। पनकी थाने के एसओ मानवेंद्र सिंह ने बताया कि सभी से पूछताछ चल रही है, और तहरीर के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।
रहस्यमय बाबा और तंत्र-मंत्र का कनेक्शन
पुलिस जांच में पता चला कि यह फ्लैट एक ITI प्राचार्य का है, जिन्होंने इसे एक बुजुर्ग बाबा को दे रखा है। यह बाबा मौदहा का रहने वाला है और तंत्र-मंत्र के लिए जाना जाता है। पहले वह मसवानपुर के मामा तालाब के पास रहता था, लेकिन 5 फरवरी को वह इस फ्लैट में शिफ्ट हुआ। बाबा ने ही फर्रुखाबाद के एक मौलाना को बुलाया था, जो कथित तौर पर कलमा पढ़ाने में शामिल था।
पुलिस को फ्लैट से मसवानपुर की एक किशोरी, अकबरपुर की दो युवतियां, एक बुजुर्ग, और एक ऑटो चालक मिले। इन सभी से पूछताछ जारी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बाबा और मौलाना मिलकर फ्लैट में धर्मांतरण का खेल चला रहे थे, जिसके लिए तंत्र-मंत्र का सहारा लिया जा रहा था।
सोसाइटी का गुस्सा और बजरंग दल की शिकायत
कानपुर धर्मांतरण विवाद ने सोसाइटी के लोगों में गुस्सा भर दिया। स्थानीय निवासियों ने फ्लैट को धर्मांतरण का केंद्र बताते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की। बजरंग दल के पदाधिकारियों ने भी मौके पर पहुंचकर पुलिस से इस मामले की गहन जांच की मांग की। उनका कहना है कि यह कोई इक्का-दुक्का घटना नहीं, बल्कि सुनियोजित तरीके से धर्मांतरण का प्रयास था।
एडीसीपी वेस्ट विजेंद्र द्विवेदी ने ‘हिन्दुस्तान के रिपोर्टर’ को बताया कि धर्मांतरण की शिकायत पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की। फ्लैट में छह लोग मौजूद थे, जिन्हें थाने लाकर पूछताछ की जा रही है। तहरीर मिलने के बाद जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि पुलिस इस मामले को गंभीरता से ले रही है और सभी पहलुओं की पड़ताल की जा रही है।
कानपुर में पहले भी उठे हैं धर्मांतरण के मामले
कानपुर में मतांतरण विवाद कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी शहर में कई बार ऐसे मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें कथित तौर पर लोगों को जबरन या लालच देकर धर्म बदलने के लिए प्रेरित करने के आरोप लगे हैं। उत्तर प्रदेश धर्म स्वतंत्रता अधिनियम 2021 के तहत राज्य में जबरन या धोखे से धर्मांतरण पर सख्त कार्रवाई का प्रावधान है। इस कानून के तहत दोषी को 7 साल तक की सजा और जुर्माना हो सकता है।
इस घटना ने एक बार फिर स्थानीय लोगों और संगठनों के बीच धर्मांतरण को लेकर बहस छेड़ दी है। कई लोग इसे सामाजिक सौहार्द के लिए खतरा मान रहे हैं, जबकि कुछ इसे तूल देने से बचने की सलाह दे रहे हैं।
सामाजिक तनाव और पुलिस की चुनौती
कानपुर धर्मांतरण विवाद ने शहर में तनाव का माहौल पैदा कर दिया है। सोसाइटी के लोगों का गुस्सा और बजरंग दल जैसे संगठनों की सक्रियता ने पुलिस पर दबाव बढ़ा दिया है। पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि वह मामले की निष्पक्ष जांच करे और सामाजिक सौहार्द को बनाए रखे। देर रात तक FIR दर्ज न होने से कुछ लोगों में नाराजगी भी देखी गई।
पुलिस का कहना है कि वह सभी सबूतों और गवाहों के बयानों को ध्यान में रखकर कार्रवाई करेगी। इस बीच, सोसाइटी के लोग और स्थानीय संगठन इस मामले में कड़ी निगरानी रख रहे हैं।
निष्कर्ष: क्या कानपुर धर्मांतरण विवाद सामाजिक तनाव को बढ़ाएगा?
कानपुर में मतांतरण मामले ने एक बार फिर धर्मांतरण जैसे संवेदनशील मुद्दे को सुर्खियों में ला दिया है। शिवालिक अपार्टमेंट में कथित तौर पर एक मुस्लिम युवक द्वारा पांच हिंदुओं को कलमा पढ़ाने का मामला न केवल स्थानीय लोगों के लिए चिंता का विषय है, बल्कि यह सामाजिक सौहार्द पर भी सवाल उठाता है। पुलिस की जांच और इस मामले में होने वाली कार्रवाई पर सभी की नजरें टिकी हैं।
यह घटना समाज को यह सोचने पर मजबूर करती है कि धर्म जैसे निजी मामले को लेकर विवाद क्यों बढ़ रहे हैं। धर्मांतरण विवाद को सुलझाने के लिए निष्पक्ष जांच और संवाद की जरूरत है, ताकि समाज में विश्वास और शांति बनी रहे। कानपुर पुलिस के लिए यह एक बड़ा टेस्ट है कि वह इस मामले को कैसे हैंडल करती है। क्या यह विवाद शांत होगा, या सामाजिक तनाव को और हवा देगा? इसका जवाब आने वाले दिनों में मिलेगा।