कौशांबी, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले से एक ऐसी प्रेम कहानी सामने आई है, जो धर्म और समाज की दीवारों को पार कर सात फेरों तक पहुंची। मुस्लिम युवती शाबरीन बानो ने अपने हिंदू प्रेमी अभिषेक सोनी के लिए न केवल अपना धर्म छोड़ा, बल्कि नाम बदलकर सीता बनकर उनके साथ मंझनपुर के दुर्गा मंदिर में हिंदू रीति-रिवाजों से शादी रचाई। नौ साल पहले स्कूल की किताबों के बीच शुरू हुई यह दोस्ती प्यार में बदली और अब शादी की वायरल तस्वीरों ने इसे अमर कर दिया। आइए जानते हैं इस अनोखी प्रेम कहानी के बारे में।
स्कूल की दोस्ती से शुरू हुआ प्यार का सफर
यूपीतक की रिपोर्ट के अनुसार, कहानी की शुरुआत कौशांबी के सिराथू तहसील क्षेत्र से होती है। गौसपुर कड़ाधाम थाना क्षेत्र की शाबरीन बानो और देवीगंज के अभिषेक सोनी की मुलाकात तब हुई, जब दोनों कक्षा 9 में एक ही स्कूल में पढ़ते थे। स्कूल के गलियारों में शुरू हुई दोस्ती धीरे-धीरे गहरे प्यार में बदल गई। उस वक्त दोनों ने शायद ही सोचा होगा कि उनकी राह इतनी लंबी और चुनौतीपूर्ण होगी। लेकिन प्यार की ताकत ने हर बाधा को पार किया।
नौ साल तक दोनों ने अपने रिश्ते को संजोया। परिवार और समाज की नजरों से दूर, उनकी मोहब्बत की डोर मजबूत होती गई। आखिरकार, इस साल दोनों ने फैसला लिया कि अब अपने प्यार को शादी का नाम देना है। शाबरीन ने न केवल अभिषेक के साथ जिंदगी बिताने का फैसला किया, बल्कि हिंदू धर्म अपनाकर एक नई शुरुआत करने का भी निश्चय किया।
मंझनपुर के दुर्गा मंदिर में सात फेरे
बुधवार को अभिषेक और शाबरीन ने कौशांबी के मंझनपुर कस्बे में स्थित दुर्गा मंदिर में कदम रखा। भगवान को साक्षी मानते हुए दोनों ने हिंदू रीति-रिवाजों से सात फेरे लिए। इस दौरान शाबरीन ने अपना नाम बदलकर सीता रख लिया, जो उनके नए जीवन और विश्वास का प्रतीक बना। मंदिर में मौजूद कुछ लोग और पुजारी इस जोड़े की हिम्मत और प्रेम की तारीफ करते नहीं थके। शादी की तस्वीरें और वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जो इस प्रेम कहानी को और खास बना रहे हैं।
शाबरीन से सीता की बात: ‘हिंदू धर्म में महिलाओं का सम्मान’
शादी के बाद सीता (पूर्व में शाबरीन) ने अपनी भावनाएं खुलकर जाहिर कीं। उन्होंने कहा, “हिंदू धर्म में महिलाओं को बहुत सम्मान दिया जाता है। यही वजह है कि मैंने इस धर्म को अपनाया और अभिषेक के साथ शादी की। हम पिछले नौ साल से एक-दूसरे को जानते हैं। स्कूल के दिनों में हमारी दोस्ती हुई, जो धीरे-धीरे प्यार में बदली। आज हमारा प्यार एक नई मंजिल तक पहुंचा है।” सीता की यह बात न केवल उनके प्रेम की गहराई दिखाती है, बल्कि उनके साहस और विश्वास को भी उजागर करती है।
अभिषेक ने भी इस मौके पर अपनी खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि शाबरीन का यह फैसला उनके लिए बहुत मायने रखता है, और वह हमेशा अपने रिश्ते को मजबूत रखने की कोशिश करेंगे।
सोशल मीडिया पर वायरल: प्रेम की जीत या सामाजिक बहस?
यह शादी न केवल कौशांबी बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में चर्चा का विषय बन गई है। सोशल मीडिया पर कुछ लोग इस जोड़े की हिम्मत की तारीफ कर रहे हैं, तो कुछ इसे धार्मिक और सामाजिक दृष्टिकोण से देख रहे हैं। खासकर ऐसे समय में जब धर्मांतरण और ‘लव जिहाद’ जैसे मुद्दे सुर्खियों में हैं, यह कहानी एक अलग नजरिया पेश करती है। यह प्रेम कहानी उन लोगों के लिए प्रेरणा बन रही है जो अपने रिश्तों को समाज की बाधाओं से ऊपर रखते हैं।
हालांकि, कुछ लोग इस शादी को लेकर सवाल भी उठा रहे हैं। लेकिन अभिषेक और सीता की कहानी बताती है कि प्यार और विश्वास के आगे कोई दीवार टिक नहीं सकती। यह जोड़ा अब एक नई जिंदगी शुरू कर रहा है, और उनकी यह कहानी निश्चित रूप से कई लोगों को प्रेरित करेगी।
कौशांबी की यह प्रेम कहानी न केवल दो दिलों के मिलन की गवाही देती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि सच्चा प्यार हर रुकावट को पार कर सकता है। शाबरीन से सीता बनी इस युवती और अभिषेक की कहानी आने वाले समय में भी याद रखी जाएगी।

