लखनऊ/फरीदाबाद: जैश-ए-मोहम्मद के फरीदाबाद मॉड्यूल में गिरफ्तार डॉ. शाहीन शाहिद के मामले में जांच एजेंसियों को एक के बाद एक चौंकाने वाले सुराग मिल रहे हैं। सबसे बड़ा खुलासा यह है कि शाहीन पिछले एक साल से जिस मोबाइल सिम का सबसे ज्यादा इस्तेमाल कर रही थी, वह फर्जी पते पर जारी किया गया था—और वह पता फरीदाबाद के धौज कस्बे की एक मस्जिद का था। न तो शाहीन कभी उस इलाके में रही, न ही उसका कोई स्थाई संबंध वहां से जुड़ा। यह खुलासा उसके नेटवर्क की गहराई और छिपी गतिविधियों पर सवाल खड़े कर रहा है।
फर्जी सिम: मस्जिद का पता, लखनऊ का घर गायब
मीडिया के सूत्रों के मुताबिक, साल 2023 में शाहीन ने फरीदाबाद के धौज कस्बे की एक मस्जिद के पते पर मोबाइल सिम जारी कराया। यह सिम उसके अधिकांश संपर्कों, मैसेज और कॉल्स में इस्तेमाल हो रहा था। अल-फलाह यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में रहते हुए भी यही नंबर उसका मुख्य संपर्क माध्यम था। एजेंसियां मान रही हैं कि फर्जी पता उसकी गतिविधियों को छिपाने का तरीका था।
हैरानी की बात यह है कि शाहीन ने कभी भी अपने लखनऊ स्थित पिता के घर का पता स्थाई एड्रेस के रूप में नहीं दिया। इसके बजाय, वह अपने भाई डॉ. परवेज अंसारी के घर का पता इस्तेमाल करती रही। परवेज का नाम भी संदिग्ध गतिविधियों और जांच के दायरे में है, जिससे शाहीन का पिता का पता छिपाना और सवालों में घिर गया है।
थाईलैंड टूर का रहस्य, 2013 में कानपुर छोड़कर गई विदेश
जांच में शाहीन की ट्रैवल हिस्ट्री भी सामने आई है। साल 2013 में कानपुर की नौकरी छोड़ने के तुरंत बाद वह कुछ दिनों के लिए थाईलैंड गई थी। एजेंसियां अब यह पता लगा रही हैं कि इस यात्रा का असली मकसद क्या था? वहां उसकी किससे मुलाकात हुई? क्या यह कोई ट्रेनिंग या संपर्क स्थापित करने का दौरा था? थाईलैंड आतंकी नेटवर्क के लिए एक हब माना जाता है, जिससे यह यात्रा और संदिग्ध हो गई है।
दो महीने पहले लखनऊ-कानपुर का दौरा, भाई परवेज के साथ
हाल ही में, करीब दो महीने पहले शाहीन लखनऊ आई थी। यहीं से वह अपने भाई डॉ. परवेज अंसारी के साथ कानपुर भी गई। यूपी एटीएस और इंटेलिजेंस यूनिट इस मूवमेंट के पीछे के मकसद, शामिल लोगों और संभावित संपर्कों की गहन जांच कर रही है। क्या यह कोई नया मॉड्यूल तैयार करने या हथियार/विस्फोटक ट्रांसफर का हिस्सा था?
कार से AK-47, पिस्टल बरामद: जांच का दायरा बढ़ा
इससे पहले शाहीन की कार से AK-47 राइफल, पिस्टल और गोला-बारूद बरामद हो चुके हैं। फरीदाबाद में 2,900 किलो विस्फोटक के साथ गिरफ्तार डॉ. मुजम्मिल गनई से उसका गहरा संबंध था। शाहीन को जैश की महिला विंग ‘जमात उल-मोमिनात’ की भारत कमान सौंपी गई थी। अब फर्जी सिम, मस्जिद पता, थाईलैंड यात्रा और भाई के घर का इस्तेमाल—ये सभी सुराग उसके यूपी कनेक्शन और नेटवर्क को और गहराई से उजागर कर रहे हैं।
एजेंसियां अब शाहीन के पूरे कॉल डिटेल, फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन, सोशल मीडिया और संपर्कों की स्क्रूटनी कर रही हैं। यह मामला न सिर्फ बिहार, यूपी, हरियाणा तक फैला है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय लिंक की ओर भी इशारा कर रहा है। शाहीन का चेहरा भले ही एक डॉक्टर का हो, लेकिन उसके पीछे का नेटवर्क आतंक की गहरी साजिश बयां कर रहा है। जांच जारी है।

