लखनऊ, उत्तर प्रदेश: योगी आदित्यनाथ सरकार ने अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों पर अब तक का सबसे सख्त और हाईटेक प्लान तैयार कर लिया है। SIR (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) सर्वे में पकड़े जाने वाले हर घुसपैठिए को सिर्फ डिटेंशन सेंटर भेजकर या देश से बाहर करके छोड़ा नहीं जाएगा – बल्कि उसकी फेशियल रिकॉग्निशन, फिंगरप्रिंट और पूरी बायोमेट्रिक प्रोफाइल बनाकर एक खास ‘निगेटिव लिस्ट’ में डाला जाएगा। यह लिस्ट पूरे देश में शेयर होगी, ताकि फर्जी दस्तावेज बनाकर ये लोग दोबारा यूपी या भारत के किसी कोने में घुस ही न सकें।
देश में पहला ऐसा बायोमेट्रिक डेटाबेस
आजतक की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया, यह अपने तरह का देश का पहला प्रयोग होगा। पकड़े गए हर घुसपैठिए की:
- फेशियल रिकॉग्निशन
- फिंगरप्रिंट
- आईरिस स्कैन (संभव होने पर)
- फोटो और अन्य पहचान चिह्न
एक हाई-सिक्योर डेटाबेस में दर्ज होंगे। इस डेटा को आधार, पासपोर्ट, वोटर आईडी जैसी किसी भी सरकारी आईडी से लिंक करने की कोशिश होते ही अलर्ट बज जाएगा। मतलब, एक बार पकड़े गए तो जिंदगी भर भारत में फर्जी पहचान बनाना नामुमकिन।
फर्जी दस्तावेज बनाने वाले नेटवर्क पर भी बड़ा एक्शन
सरकार सिर्फ घुसपैठियों तक नहीं रुकेगी। फर्जी आधार, राशन कार्ड, वोटर आईडी बनाने वाले पूरे गिरोह पर शिकंजा कसा जाएगा। हाईटेक स्कैनिंग सिस्टम से जाली दस्तावेज पकड़े जाएंगे और इनके सरगनाओं पर NSA तक लगाने की तैयारी है।
SIR सर्वे में अब तक सैकड़ों संदिग्ध पकड़े गए
SIR के दौरान अब तक सैकड़ों ऐसे लोग पकड़े जा चुके हैं जिनके दस्तावेज संदिग्ध हैं या जो विदेशी मूल के लग रहे हैं। कई जगह तो रोहिंग्या और बांग्लादेशी परिवार ही मिले। योगी सरकार ने साफ कहा है – “यूपी में घुसपैठियों की कोई जगह नहीं। जो पकड़े जाएंगे, उन्हें देश से बाहर किया जाएगा और उनकी दोबारा एंट्री हमेशा के लिए बंद कर दी जाएगी।”
पूरे देश के लिए बनेगा मॉडल
यूपी का यह ‘निगेटिव प्रोफाइल डेटाबेस’ मॉडल जल्द ही केंद्र सरकार को सौंपा जाएगा। असम और अन्य बॉर्डर स्टेट्स में भी इसे लागू करने की मांग उठने लगी है। अधिकारी इसे “भारत की सील पैक बॉर्डर की तरह अंदरूनी सुरक्षा” बता रहे हैं।
योगी सरकार का यह कदम साफ संदेश दे रहा है – उत्तर प्रदेश में अब अवैध घुसपैठिए की ‘नो एंट्री’ है, और जो पकड़ा गया, उसकी वापसी की राह हमेशा के लिए बंद।

