रायबरेली, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के रायबरेली में अंतरधार्मिक प्रेम विवाह की कोशिश उस समय विवाद का शिकार हो गई जब हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने होटल में हंगामा कर शादी रोक दी। दुल्हन शादी के लिए अड़ी रही, चिल्लाती रही, यहां तक कि हाईवे पर गाड़ी के आगे कूदकर जान देने की धमकी दी और एक विरोधी पर मोबाइल फेंककर मारने की कोशिश की। लेकिन विरोध की तीव्रता के आगे दुल्हन और उसका परिवार बैकफुट पर आ गया। बिना शादी के ही दोनों पक्षों को होटल से लौटना पड़ा। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति संभाली, लेकिन कोई लिखित शिकायत न होने से मामला शांत कर दिया गया।
दिल्ली में प्यार, यूपी में शादी की योजना
बिहार के जलालुद्दीन एम अकबर और रायबरेली के महाराजगंज थाना क्षेत्र की सपना यादव दिल्ली में नौकरी के दौरान एक-दूसरे के करीब आए। दोनों ने प्यार किया और शादी का फैसला लिया। परिवार की सहमति से शनिवार शाम डिडौली गांव स्थित एक होटल में वैवाहिक समारोह आयोजित किया गया। दोनों पक्षों के लोग होटल में जुटे थे। दुल्हन ने खुद तीन दिन पहले होटल बुक किया था, जिसमें दूल्हे का नाम ‘बबलू’ लिखवाया गया ताकि धार्मिक पहचान छिपी रहे। पहले योजना गांव में शादी की थी, लेकिन वहां विरोध की आशंका से होटल शिफ्ट कर लिया गया।
हिंदूवादी संगठनों की एंट्री, हंगामा शुरू
शादी की भनक लगते ही करणी सेना जिलाध्यक्ष सत्येंद्र सिंह भदौरिया मोनू, धर्म जागरण मंच के अजीत सिंह सहित हिंदूवादी संगठनों के दर्जनों कार्यकर्ता होटल पहुंच गए। नारेबाजी शुरू हो गई—”जय श्री राम”, “लव जिहाद नहीं चलेगा” जैसे slogans गूंजने लगे। होटल में धक्कामुक्की हुई, मेहमानों में अफरा-तफरी मच गई। होटल मालिक ने भी हाथ खड़े कर दिए और खाना परोसने से इनकार कर दिया।
दुल्हन का गुस्सा: धमकी, मोबाइल फेंका
दुल्हन सपना विरोध से भड़क उठी। वह शादी की जिद पर अड़ी रही और चिल्लाती रही—”मुझे शादी करनी है, कोई रोक नहीं सकता।” विरोधियों से तीखी बहस की, एक युवक पर मोबाइल फेंककर मारने की कोशिश की। हंगामा बढ़ता देख उसने होटल से बाहर निकलकर हाईवे पर किसी वाहन के आगे कूदकर आत्महत्या करने की धमकी दी। परिजनों ने उसे किसी तरह रोका। दुल्हन के परिवार वाले भी समझौते की कोशिश करते रहे, लेकिन हिंदूवादी कार्यकर्ताओं का विरोध नहीं थमा।
पुलिस का हस्तक्षेप, बिना शादी लौटे
सूचना पर थाने के एसआई धीरेंद्र कुमार वर्मा पुलिस बल के साथ पहुंचे। दोनों पक्षों को समझाया गया। पुलिस ने कहा कि दोनों अलग-अलग संप्रदाय के हैं और विरोध के कारण विवाद हो गया। लंबी समझाइश के बाद दोनों पक्षों को होटल से भेज दिया गया। कोई तहरीर न देने से मामला आगे नहीं बढ़ा। एसआई ने बताया कि स्थिति शांत है और कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हुई।
होटल बुकिंग का छलावा, गांव से शिफ्ट
होटल मालिक के अनुसार, दुल्हन ने 100 लोगों के लिए बुकिंग की थी और दूल्हे का नाम ‘बबलू’ बताया। धार्मिक पहचान छिपाने के लिए यह नाम इस्तेमाल किया गया। पहले शादी महाराजगंज के गांव में होनी थी, लेकिन वहां विरोध शुरू हो गया। गुपचुप तरीके से होटल शिफ्ट किया गया, लेकिन यहां भी भनक लग गई। हिंदूवादी संगठनों ने इसे ‘लव जिहाद’ का मामला बताया और शादी नहीं होने दी।
यह घटना अंतरधार्मिक विवाहों की जटिलताओं और सामाजिक विरोध को उजागर करती है। दुल्हन की जिद और परिवार की सहमति के बावजूद शादी टूट गई। अब दोनों पक्ष अपने-अपने घर लौट चुके हैं।

