बदरीनाथ धाम की सुरक्षा आईटीबीपी के हवाले, केदारनाथ में विवाद और यात्रा में चुनौतियाँ

Uttarakhand News: चारधाम यात्रा 2025 की शुरुआत कड़े सुरक्षा इंतज़ामों और कई चुनौतियों के साथ हुई है। बदरीनाथ धाम की सुरक्षा पहली बार आईटीबीपी को सौंपी गई है, जबकि केदारनाथ में वायरल वीडियो और अफवाहों के चलते केस दर्ज हुए हैं। घोड़े-खच्चरों पर रोक, हेमकुंड साहिब में भारी बर्फबारी और मध्यमेश्वर मंदिर की तैयारियाँ इस यात्रा को चुनौतीपूर्ण और ऐतिहासिक बना रही हैं।

Samvadika Desk
6 Min Read
केदारनाथ धाम (Image - Social Media)
Highlights
  • बदरीनाथ में पहली बार ITBP की तैनाती, आतंकी हमले के बाद अलर्ट!
  • केदारनाथ में युवकों के डांस का वीडियो वायरल, आस्था पर चोट
  • घोड़े-खच्चरों पर रोक, यात्रियों को पैदल या पालकी का सहारा
  • मध्यमेश्वर मंदिर के कपाट 21 मई को खुलेंगे, तैयारियाँ जोरों पर

देहरादून, उत्तराखण्ड: उत्तराखंड के चारधाम यात्रा (Chardham Yatra) की शुरुआत के साथ प्रशासन ने सुरक्षा और व्यवस्था को लेकर कड़े कदम उठाए हैं। बदरीनाथ धाम में पहली बार भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (Indo-Tibetan Border Police, ITBP) को यात्रा मार्ग और मंदिर की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है। यह फैसला हाल के पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) के बाद लिया गया। दूसरी ओर, केदारनाथ धाम में सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो और भगदड़ की अफवाहों ने विवाद खड़ा किया, जिसके चलते पुलिस ने केस दर्ज किए। इसके अलावा, केदारनाथ मार्ग पर घोड़े-खच्चरों की आवाजाही पर रोक और हेमकुंड साहिब में बर्फबारी ने यात्रा को चुनौतीपूर्ण बना दिया है।

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बदरीनाथ धाम की सुरक्षा: आईटीबीपी की नई ज़िम्मेदारी

बदरीनाथ धाम में हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। इस बार उनकी सुरक्षा और ट्रैफिक व्यवस्था (Traffic Management) को मज़बूत करने के लिए प्रशासन ने अभूतपूर्व कदम उठाया है। अब तक शीतकाल में मंदिर की सुरक्षा संभालने वाली आईटीबीपी को पहली बार यात्रा सीज़न में भी यह दायित्व सौंपा गया है। पहले, कपाट खुलने के बाद स्थानीय पुलिस यह ज़िम्मेदारी लेती थी, लेकिन पहलगाम में आतंकी घटना के बाद सुरक्षा को लेकर सतर्कता बढ़ा दी गई।

चमोली के पुलिस अधीक्षक (Superintendent of Police, SP) सर्वेश पंवार ने स्थानीय अखबार के रिपोर्टर को बताया कि आईटीबीपी की तीन प्लाटून, यानी 110 सशस्त्र जवान और अधिकारी, देहरादून से बदरीनाथ पहुँच चुके हैं। ये प्लाटून गौचर, ज्योतिर्मठ, और बदरीनाथ धाम में तैनात हैं। जवान स्थानीय पुलिस और होमगार्ड्स के साथ मिलकर यात्रियों की सुरक्षा और ट्रैफिक व्यवस्था संभाल रहे हैं। यह व्यवस्था फिलहाल दो महीने के लिए लागू की गई है, लेकिन हालात के आधार पर इसे बढ़ाया जा सकता है।

केदारनाथ धाम: वायरल वीडियो और अफवाहों पर कार्रवाई

केदारनाथ धाम में इस बार विवादों ने भी ध्यान खींचा है। एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें कुछ युवक मंदिर के पीछे डीजे पर नाचते और हो-हल्ला करते दिख रहे हैं। जाँच में पता चला कि यह वीडियो कपाट खुलने से एक दिन पहले का है। बदरी-केदार मंदिर समिति (Badrinath-Kedarnath Temple Committee, BKTC) के प्रभारी अधिकारी गिरीश देवली ने इसकी शिकायत सोनप्रयाग कोतवाली में दर्ज की। पुलिस ने धाम की पवित्रता भंग करने (Defiling Sanctity) के आरोप में अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया।

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इसके अलावा, एक अन्य मामले में राखी झा नाम की यूज़र ने सोशल मीडिया पर केदारनाथ में भगदड़ होने की झूठी खबर फैलाई। वीडियो में भ्रामक दावे किए गए, जिससे धाम की छवि को नुकसान पहुँचा। रुद्रप्रयाग पुलिस ने डीआईओ वीरेश्वर तोमर की शिकायत पर इस मामले में भी केस दर्ज किया। ये घटनाएँ सोशल मीडिया के दुरुपयोग और धार्मिक स्थलों की गरिमा बनाए रखने की चुनौती को उजागर करती हैं।

केदारनाथ मार्ग: घोड़े-खच्चरों पर रोक

केदारनाथ पैदल मार्ग पर घोड़े-खच्चरों में एक्वाइन इन्फ्लूएंजा वायरस (Equine Influenza Virus) की शिकायत के बाद प्रशासन ने उनकी आवाजाही पर पूरी तरह रोक लगा दी। मंगलवार को मार्ग पर कोई घोड़ा-खच्चर नहीं चला। इससे यात्रियों को पैदल चलना पड़ा या पालकी और डंडी-कंडी (Palanquin Services) का सहारा लेना पड़ा। रोज़ाना करीब 5,000 घोड़े-खच्चर यात्रियों को केदारनाथ ले जाते हैं, लेकिन वायरस के कारण अब तक घोड़े-खच्चरों की मौत हो चुकी है। प्रभावित पशुओं को क्वारंटाइन (Quarantine) किया गया है, और प्रशासन स्थिति की निगरानी कर रहा है।

हेमकुंड साहिब: बर्फबारी की चुनौती

हेमकुंड साहिब और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट 25 मई को खुलने वाले हैं। सेना का एक दल पैदल मार्ग और गुरुद्वारे से बर्फ हटाने में जुटा है, लेकिन लगातार बारिश और बर्फबारी (Snowfall) ने काम में रुकावट डाली है। चमोली जिले में 15,225 फीट की ऊँचाई पर स्थित हेमकुंड साहिब में अभी 7 फीट से ज़्यादा बर्फ जमी है। गुरुद्वारा का पहला तल, लोकपाल लक्ष्मण मंदिर, और सरोवर पूरी तरह बर्फ से ढके हैं। सेना और प्रशासन तेज़ी से काम कर रहे हैं, ताकि कपाट खुलने से पहले मार्ग तैयार हो।

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मध्यमेश्वर मंदिर: कपाट खुलने की तैयारियाँ

पंचकेदारों में शामिल द्वितीय केदार मध्यमेश्वर मंदिर के कपाट 21 मई को भक्तों के लिए खुलेंगे। बदरी-केदार मंदिर समिति ने तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। 18 मई को स्थानीय महिलाएँ भगवान मध्यमेश्वर को छाबड़ी का भोग लगाएँगी, जो इस धाम की खास परंपरा है। समिति ने मंदिर की साफ-सफाई और यात्रियों की सुविधाओं पर ध्यान देना शुरू कर दिया है।

सुरक्षा और व्यवस्था की नई मिसाल

बदरीनाथ धाम में आईटीबीपी की तैनाती और केदारनाथ में सख्त कार्रवाई से साफ है कि उत्तराखंड प्रशासन चारधाम यात्रा को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। पहलगाम हमले के बाद बदरीनाथ की सुरक्षा बढ़ाना एक ज़रूरी कदम है, जबकि केदारनाथ में सोशल मीडिया पर गलत सूचनाओं के खिलाफ कार्रवाई धाम की गरिमा बनाए रखने की कोशिश है। घोड़े-खच्चरों पर रोक और हेमकुंड में बर्फबारी जैसी चुनौतियाँ यात्रा को मुश्किल बना रही हैं, लेकिन प्रशासन और मंदिर समितियाँ श्रद्धालुओं के लिए हरसंभव प्रयास कर रही हैं। यह यात्रा सीज़न न केवल आध्यात्मिक, बल्कि प्रशासनिक दक्षता की भी परीक्षा है।

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