India-Pakistan Tension: केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) से बर्खास्त किए गए जवान मुनीर अहमद ने अपनी पाकिस्तानी कजिन (मामू की बेटी से निकाह) मीनल खान से शादी और बर्खास्तगी को लेकर अपनी पूरी कहानी बयां की है। मुनीर का दावा है कि उन्होंने शादी की पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता बरती और विभाग को समय-समय पर जानकारी दी। इसके बावजूद, CRPF ने उन पर गुप्त निकाह और राष्ट्रीय सुरक्षा नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए तत्काल सेवा से बर्खास्त कर दिया। अब मुनीर प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री से न्याय की गुहार लगा रहे हैं, यह कहते हुए कि उनके पास सभी सबूत हैं और उन्होंने कोई गलती नहीं की।
बचपन में तय हुआ था रिश्ता
मुनीर अहमद ने समाचार एजेंसी ANI को बताया कि उनकी शादी पाकिस्तान के सियालकोट में रहने वाली उनकी मामू की बेटी मीनल खान से हुई थी। यह रिश्ता बचपन में ही तय हो गया था, जब बंटवारे से पहले उनका परिवार एक साथ रहता था। मुनीर ने कहा, “24 मई 2024 को हमारा निकाह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुआ। मीनल मेरी कजिन है, और यह रिश्ता परिवार की सहमति से तय हुआ था।”
मुनीर का दावा है कि उन्होंने इस शादी के लिए CRPF के नियमों का पूरी तरह पालन किया। उन्होंने बताया, “31 दिसंबर 2022 को मैंने अपने विभाग को शादी की सूचना देने के लिए पत्र लिखा था, जिसमें शादी का कार्ड और अन्य विवरण शामिल थे। विभाग ने कुछ आपत्तियाँ उठाईं, जिन्हें मैंने ठीक करके दोबारा दस्तावेज़ जमा किए। इसके बाद मेरा पत्र कमांडेंट से होता हुआ दिल्ली CRPF मुख्यालय तक गया। वहाँ से जवाब आया कि मैंने शादी की जानकारी दे दी है। मेरे पास यह पत्र आज भी है।”
कजिन से शादी और वीजा की जानकारी दी: मुनीर
मुनीर ने आगे बताया कि शादी के बाद भी उन्होंने विभाग को हर कदम की जानकारी दी। “शादी के बाद मैंने मैरिज कार्ड और मैरिज सर्टिफिकेट की कॉपी भेजी। नौ महीने बाद मीनल को वीजा मिला, और वह भारत आई। मैंने इसकी भी सूचना विभाग को दी। 4 मार्च 2025 को मैंने मीनल के लिए लॉन्ग-टर्म वीजा (LTV) के लिए आवेदन किया। जम्मू में फॉरेन रजिस्ट्रेशन ऑफिस (FRO) में इंटरव्यू के बाद मुझे बताया गया कि मीनल LTV कैटेगरी में आती हैं और भारत में रह सकती हैं।”
मुनीर का कहना है कि उन्होंने हर कदम पर पारदर्शिता बरती और सभी जरूरी दस्तावेज़ विभाग को सौंपे। उनके पास इन दस्तावेज़ों के सबूत भी हैं, जो उनकी बात को पुष्ट करते हैं।
अचानक बर्खास्तगी: मुनीर का दर्द
मुनीर ने अपनी बर्खास्तगी को अन्यायपूर्ण बताया। उन्होंने कहा, “मुझे बताया गया कि मैंने अपनी पत्नी के भारत में रहने की जानकारी विभाग से छिपाई, लेकिन यह गलत है। मैंने हर जानकारी दी, मेरे पास सबूत हैं। 26 मार्च को मुझे अचानक सुंदरबनी से 41वीं बटालियन में रिपोर्ट करने को कहा गया। वहाँ मैंने इंटरव्यू दिया और अपनी पूरी कहानी बताई। मैंने डीजी को पत्र लिखकर भी सब कुछ स्पष्ट किया। मेरा आवेदन अभी प्रक्रिया में था, तभी पहलगाम आतंकी हमला हुआ। इसके बाद अचानक मुझे सूचना मिली कि मुझे सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।”
मुनीर ने इस फैसले पर दुख जताते हुए कहा, “मैं एक जवान हूँ, और मैंने अपने विभाग को हर विवरण दिया। फिर भी मेरे साथ ऐसा क्यों हुआ? मैं प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री से अपील करता हूँ कि मुझे न्याय मिले।”
पहलगाम हमले और मीनल का डिपोर्टेशन
मुनीर और मीनल की शादी का मामला तब सामने आया, जब पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने देश में रह रहे सभी पाकिस्तानी नागरिकों को अप्रैल 2025 तक भारत छोड़ने का आदेश दिया। मीनल, जो मार्च 2025 में शॉर्ट-टर्म वीजा पर भारत आई थीं, का वीजा 22 मार्च को खत्म हो गया था। सरकार के आदेश के तहत उन्हें 29 अप्रैल तक देश छोड़ना था।
मीनल ने अपने वीजा विस्तार के लिए गृह मंत्रालय में आवेदन किया था, जो लंबित था। वह डिपोर्टेशन बस से अटारी-वाघा बॉर्डर की ओर रवाना हो चुकी थीं, जब उनके वकील ने कोर्ट से स्टे ऑर्डर हासिल किया। इसके बाद उनकी वापसी की प्रक्रिया रोक दी गई। लेकिन इस बीच, CRPF ने मुनीर की बर्खास्तगी की कार्रवाई पूरी कर दी।
CRPF का रुख: राष्ट्रीय सुरक्षा पर ‘जीरो टॉलरेंस’
CRPF ने इस मामले को राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ते हुए मुनीर की बर्खास्तगी को उचित ठहराया है। विभाग का कहना है कि मुनीर ने शादी और अपनी पत्नी के भारत में रहने की जानकारी छिपाई, जो सेवा नियमों और राष्ट्रीय सुरक्षा मानकों का उल्लंघन है। CRPF के प्रवक्ता डीआईजी एम दिनाकरन ने कहा, “मुनीर के कार्यों को सेवा आचरण के खिलाफ और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हानिकारक पाया गया।”
CRPF ने इस मामले में ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति अपनाते हुए तत्काल कार्रवाई की। विभाग का कहना है कि सुरक्षा बलों के जवानों से पूरी पारदर्शिता और अनुशासन की अपेक्षा की जाती है, खासकर जब मामला किसी विदेशी नागरिक से जुड़ा हो।
सामाजिक और कानूनी जटिलताएँ
मुनीर अहमद का मामला न केवल एक व्यक्तिगत कहानी है, बल्कि यह भारत-पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण रिश्तों और राष्ट्रीय सुरक्षा की जटिलताओं को भी उजागर करता है। मुनीर का दावा है कि उनकी शादी एक पारिवारिक रिश्ता था, जो बंटवारे से पहले की जड़ों से जुड़ा है। लेकिन CRPF का मानना है कि इस तरह की शादी और उसकी जानकारी छिपाना सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकता है।
मीनल का डिपोर्टेशन रुकना और कोर्ट का स्टे ऑर्डर इस मामले को और जटिल बनाता है। यह सवाल उठता है कि क्या मुनीर ने वाकई जानकारी छिपाई, या CRPF ने पहलगाम हमले के बाद बढ़े तनाव के चलते सख्त रुख अपनाया? मुनीर के दस्तावेज़ और पत्र इस मामले में उनकी बात को कितना मजबूत करेंगे, यह जांच और कानूनी प्रक्रिया पर निर्भर करता है।
न्याय की उम्मीद
मुनीर अहमद की कहानी एक जवान की व्यक्तिगत जिंदगी और राष्ट्रीय सुरक्षा के बीच टकराव की कहानी है। मुनीर का दावा है कि उन्होंने नियमों का पालन किया और हर जानकारी विभाग को दी, लेकिन CRPF का सख्त फैसला उनकी बर्खास्तगी के रूप में सामने आया। अब मुनीर न्याय की उम्मीद में प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की ओर देख रहे हैं।
मीनल के वीजा विस्तार पर गृह मंत्रालय का फैसला और कोर्ट की कार्यवाही इस मामले की दिशा तय करेगी।साथ ही मुनीर की अपील और जांच के नतीजे इस कहानी को अंतिम रूप देंगे, लेकिन यह साफ है कि यह मामला लंबे समय तक चर्चा में रहेगा।