नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दीवाली के पावन अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए एक विशेष पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बाद दूसरी दीवाली की खुशी साझा की और स्वदेशी अपनाने, सभी भाषाओं का सम्मान करने, स्वच्छता और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने की अपील की। पीएम ने ऑपरेशन सिंदूर और नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्रों में शांति की बहाली का जिक्र करते हुए देशवासियों से एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना को मजबूत करने का आह्वान किया।
राम मंदिर और दीवाली का महत्व
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, पीएम मोदी ने पत्र में लिखा कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के बाद यह दूसरी दीवाली है, जो आस्था और एकता का प्रतीक है। उन्होंने भगवान श्रीराम के धर्म का पालन और अन्याय के खिलाफ लड़ने के संदेश को याद किया। इसका उदाहरण देते हुए उन्होंने हाल के ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र किया, जिसमें भारत ने धर्म का पालन करते हुए अन्याय का जवाब दिया। पीएम ने कहा कि यह दीवाली उन क्षेत्रों में भी रोशन होगी, जहां नक्सलवाद और माओवादी आतंक खत्म हो चुका है। उन्होंने हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने वाले लोगों की सराहना की और इसे भारत की बड़ी उपलब्धि बताया।
स्वदेशी और एकता की अपील
प्रधानमंत्री ने देशवासियों से स्वदेशी अपनाने की अपील की, ताकि आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार हो। उन्होंने जीएसटी बचत उत्सव का जिक्र करते हुए कहा कि इससे नागरिकों को हजारों करोड़ रुपये की बचत हो रही है। वैश्विक संकटों के बीच भारत को स्थिरता और संवेदनशीलता का प्रतीक बताते हुए पीएम ने कहा कि देश तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। उन्होंने नागरिकों से राष्ट्र के प्रति कर्तव्यों का पालन करने, सभी भाषाओं का सम्मान करने, स्वच्छता बनाए रखने और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने का आग्रह किया। इसके लिए उन्होंने भोजन में तेल का उपयोग 10 प्रतिशत कम करने और योग अपनाने का सुझाव दिया।
दीवाली का संदेश: सहयोग और सकारात्मकता
पीएम ने लिखा कि दीवाली का पर्व सिखाता है कि एक दीपक दूसरे को जलाने से उसका प्रकाश कम नहीं, बल्कि बढ़ता है। इसी भावना के साथ हमें समाज में सहयोग, सकारात्मकता और सद्भाव के दीप जलाने चाहिए। उन्होंने दीवाली को केवल उत्सव नहीं, बल्कि सामाजिक एकता और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक बताया। यह पर्व हमें आपसी प्रेम और भाईचारे को मजबूत करने की प्रेरणा देता है।
जवानों के साथ दीवाली
सोमवार को पीएम मोदी ने गोवा और कर्नाटक के कारवार तट पर INS विक्रांत पर नौसेना के जवानों के साथ दीवाली मनाई। उन्होंने इसे ऐतिहासिक क्षण बताया। गौरतलब है कि 2014 से पीएम हर साल दीवाली जवानों के साथ मनाते हैं, जिसकी शुरुआत उन्होंने सियाचिन से की थी। इस बार भी उन्होंने देश की रक्षा में तैनात जवानों के प्रति कृतज्ञता जताई और उनके साथ उत्सव मनाकर देशवासियों को प्रेरणा दी।
सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव
पीएम का यह पत्र न केवल दीवाली की शुभकामनाओं तक सीमित है, बल्कि यह आत्मनिर्भर भारत, सांस्कृतिक एकता और सामाजिक सद्भाव का संदेश देता है। स्वदेशी और स्वच्छता पर जोर देकर उन्होंने देशवासियों को राष्ट्र निर्माण में भागीदार बनने का आह्वान किया है। स्थानीय लोग और विशेषज्ञ इसे एक प्रेरणादायक संदेश मान रहे हैं, जो दीवाली के उत्साह को राष्ट्रीय एकता और प्रगति से जोड़ता है।
भविष्य की दिशा
पीएम मोदी का यह पत्र दीवाली के मौके पर देशवासियों को नई ऊर्जा और दिशा देता है। यह न केवल धार्मिक उत्सव का महत्व दर्शाता है, बल्कि आर्थिक आत्मनिर्भरता, सामाजिक एकता और स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देने का भी संदेश देता है। अब यह देखना बाकी है कि देशवासी इस अपील को कितना अपनाते हैं और दीवाली का यह पर्व समाज में कितना सकारात्मक बदलाव लाता है।

