नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुआ आतंकी हमला (Pahalgam Terror Attack) देश के लिए एक गहरा सदमा बना। इस हमले में 26 निर्दोष लोग मारे गए, जिसने पूरे देश को गुस्से और शोक में डुबो दिया। बॉलीवुड सितारों से लेकर आम लोग तक ने इसकी कड़ी निंदा की। इस बीच, ‘खुदगर्ज’ फिल्म के दिग्गज अभिनेता और तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेता शत्रुघ्न सिन्हा (Shatrughan Sinha) का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें उन्होंने हमले को ‘प्रोपेगैंडा वॉर’ (Propaganda War) बताया। इस बयान ने सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएँ भड़काईं, और सिन्हा को ट्रोलिंग (Trolling) का सामना करना पड़ा।
पहलगाम आतंकी हमला (Pahalgam Terror Attack) : एक त्रासदी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पहलगाम के बैसरन घाटी (Baisaran Valley) में हुए इस हमले की ज़िम्मेदारी आतंकी संगठन द रेज़िस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली। हमलावरों ने पर्यटकों को धार्मिक आधार पर निशाना बनाया, जिससे यह घटना और भी संवेदनशील हो गई। हमले में मारे गए लोगों में अधिकांशतः पर्यटक और स्थानीय निवासी शामिल थे। बॉलीवुड ने इसकी एकजुट निंदा की। सलमान खान ने इसे “अमानवीय” बताया, अनुपम खेर ने इसे “संप्रभुता पर हमला” कहा, और शाहरुख खान ने एकता की अपील की। लेकिन शत्रुघ्न सिन्हा का बयान इन सबसे अलग था, जिसने विवाद को जन्म दिया।
शत्रुघ्न सिन्हा का वायरल बयान
वायरल वीडियो में, एक पत्रकार ने सिन्हा से पहलगाम हमले पर सवाल किया। सिन्हा ने पहले अनजान बनते हुए पूछा: “वहाँ क्या हुआ है?” जब पत्रकार ने कहा, “हिंदुओं के साथ जो हुआ…,” तो सिन्हा ने तुरंत जवाब दिया: “ये हिंदुओं-हिंदुओं क्यों कह रहे हैं? हिंदू, मुस्लिम, सब भारतीय हैं।” उन्होंने आगे कहा: “ये गोदी मीडिया प्रोपेगैंडा वॉर को ज़्यादा बढ़ा रही है। हमारे माननीय प्रधानमंत्री और उनके समूह की ओर से यह ज़्यादा चल रहा है। यह संवेदनशील मुद्दा है, हमें तनाव बढ़ाने वाली बातें नहीं करनी चाहिए। जख्मों पर मरहम चाहिए।” सिन्हा का यह बयान कई लोगों को असंवेदनशील लगा, खासकर जब हमले में धार्मिक आधार पर निशाना बनाए जाने की बात सामने आई थी।
सोशल मीडिया पर भड़का गुस्सा
सिन्हा के बयान ने सोशल मीडिया पर तूफान ला दिया। कई यूज़र्स ने इसे हमले की गंभीरता को कम करने वाला बताया। एक यूज़र ने लिखा: “इनका दामाद मुस्लिम है, इसलिए ये ऐसा बोल रहे।” एक अन्य ने गुस्से में कहा: “धर्म पूछकर मारा गया, और ये प्रोपेगैंडा की बात करते हैं?” कुछ ने सिन्हा को “पाकिस्तानी एजेंट” करार दिया, तो एक ने लिखा: “ऐसे गद्दारों को पहले सबक सिखाना चाहिए।” ट्रोलिंग में सिन्हा की बेटी सोनाक्षी सिन्हा और उनके दामाद ज़हीर इकबाल को भी निशाना बनाया गया। हालांकि, कुछ यूज़र्स ने सिन्हा का बचाव करते हुए कहा कि वे तनाव कम करने की कोशिश कर रहे थे। एक समर्थक ने लिखा: “सिन्हा ने सही कहा, गोदी मीडिया मुद्दे को भड़का रही है।”
बयान से उपजा विवाद
सिन्हा का बयान इसलिए विवादास्पद बना, क्योंकि हमले में आतंकियों ने सीधे तौर पर गैर-मुस्लिमों को निशाना बनाया, जिससे धार्मिक संवेदनशीलता बढ़ गई। सिन्हा का ‘हिंदू-मुस्लिम’ को एक साथ भारतीय कहना और हमले को ‘प्रोपेगैंडा’ (Propaganda War) बताना कई लोगों को गलत लगा। कुछ ने इसे उनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि और TMC से जोड़ा, तो कुछ ने इसे व्यक्तिगत जीवन (बेटी का विवाह) से। यह बयान बॉलीवुड की एकजुट निंदा से अलग था, जिसने विवाद को और बढ़ाया।
देश की प्रतिक्रिया और सरकारी कदम
पहलगाम हमले ने देश को एकजुट कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी दौरा रद्द कर दिल्ली में सुरक्षा बैठक बुलाई और कहा: “दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।” सरकार ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौता निलंबित किया और अटारी-वाघा सीमा बंद कर दी। गृह मंत्री अमित शाह ने पीड़ितों से मुलाकात की। जम्मू-कश्मीर में तलाशी अभियान तेज़ हुआ, और NIA जाँच में जुटी। देशभर में शोक और गुस्सा है, और लोग न्याय की माँग कर रहे हैं।
संवेदनशीलता की ज़रूरत
शत्रुघ्न सिन्हा का बयान इस बात का सबक है कि संवेदनशील मुद्दों पर बोलते समय सावधानी बरतनी चाहिए। उनका इरादा भले ही तनाव कम करना रहा हो, लेकिन बयान ने उल्टा असर किया। पहलगाम हमला एक राष्ट्रीय त्रासदी है, और इस समय देश को एकजुटता और संवेदनशीलता की ज़रूरत है। सिन्हा की ट्रोलिंग से यह भी पता चलता है कि सोशल मीडिया पर हर बयान की बारीकी से जाँच होती है।