इंदौर, मध्य प्रदेश: मध्यप्रदेश की राजनीति में एक दुखद खबर ने सबको स्तब्ध कर दिया। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रदेश प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा का बुधवार को हार्ट अटैक से निधन हो गया। महज कुछ घंटे पहले, दोपहर 2:54 बजे, सलूजा ने अपने आखिरी ट्वीट में अक्षय तृतीया की शुभकामनाएँ दी थीं। लेकिन दोपहर 5 बजे तक, उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। उनके अचानक निधन से राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर दौड़ गई है।
सीने में दर्द के बाद अस्पताल में निधन
नरेंद्र सलूजा की तबीयत बुधवार सुबह अचानक बिगड़ गई। मंगलवार को वे सीहोर के एक रिसोर्ट में शादी समारोह में शामिल हुए थे। सीहोर से इंदौर लौटते वक्त उन्हें असहजता महसूस हुई। दोस्तों ने उन्हें तुरंत डॉक्टर को दिखाने की सलाह दी, लेकिन सलूजा ने इसे हल्के में लेते हुए कहा, “यह सिर्फ एसिडिटी है, कुछ नहीं।” दोपहर में घर पहुँचने के बाद उन्हें सीने में तेज दर्द हुआ और वे बेहोश हो गए। परिजन उन्हें तुरंत इंदौर के एक अस्पताल ले गए, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
राजनीतिक हस्तियों ने जताया शोक
नरेंद्र सलूजा के निधन की खबर फैलते ही मध्यप्रदेश के राजनीतिक नेताओं ने गहरा दुख व्यक्त किया। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने X पर लिखा, “नरेंद्र सलूजा के असामयिक निधन से हम सभी स्तब्ध हैं। उनका योगदान पार्टी और समाज के लिए हमेशा याद रहेगा। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।”
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ ने भी शोक जताया। उन्होंने X पर लिखा, “भारतीय जनता पार्टी मध्यप्रदेश के प्रवक्ता श्री नरेंद्र सलूजा के अचानक निधन का दुखद समाचार मिला। यह मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है। ईश्वर उनकी आत्मा को अपने चरणों में स्थान दे और उनके परिवार को यह अपूरणीय हानि सहने की शक्ति प्रदान करे। मेरी संवेदनाएँ उनके परिजनों के साथ हैं। ओम शांति।”
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, जिनकी मौजूदगी में सलूजा ने बीजेपी जॉइन की थी, ने भी उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “नरेंद्र जी एक ऊर्जावान और समर्पित नेता थे। उनका जाना पार्टी के लिए बड़ी क्षति है।”
कमलनाथ के सलाहकार से बीजेपी प्रवक्ता तक का सफर
नरेंद्र सलूजा का राजनीतिक जीवन विविध और प्रेरणादायक रहा। वे लंबे समय तक कांग्रेस पार्टी से जुड़े रहे और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के मीडिया सलाहकार के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी सूझबूझ और संवाद कौशल ने उन्हें कांग्रेस में एक जाना-पहचाना नाम बनाया। हालांकि, 25 नवंबर 2022 को उन्होंने एक बड़ा फैसला लेते हुए कांग्रेस छोड़ दी और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की।
बीजेपी में शामिल होने के बाद सलूजा ने जल्द ही पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता के रूप में अपनी पहचान बनाई। उनकी वाकपटुता और राजनीतिक विश्लेषण ने उन्हें मीडिया और जनता के बीच लोकप्रिय बनाया। वे अक्सर टीवी डिबेट्स और सोशल मीडिया पर बीजेपी के विचारों को मजबूती से रखते थे।
अक्षय तृतीया की शुभकामनाएँ बनीं आखिरी संदेश
नरेंद्र सलूजा सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय थे और अक्सर सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर अपनी राय रखते थे। उनके आखिरी ट्वीट ने सभी को भावुक कर दिया। बुधवार दोपहर 2:54 बजे, उन्होंने X पर लिखा, “सभी को अक्षय तृतीया की हार्दिक शुभकामनाएँ।” यह उनका आखिरी संदेश बन गया। इस ट्वीट के ठीक दो घंटे बाद, उनके निधन की खबर ने उनके समर्थकों और दोस्तों को सदमे में डाल दिया।
परिवार और समाज में शून्य
नरेंद्र सलूजा के निधन ने उनके परिवार, दोस्तों, और समर्थकों के बीच एक बड़ा शून्य छोड़ दिया है। उनके करीबी दोस्तों ने बताया कि सलूजा हमेशा हँसमुख और मददगार स्वभाव के थे। वे न केवल राजनीति में सक्रिय थे, बल्कि सामाजिक कार्यों में भी उनकी गहरी रुचि थी। उनके निधन की खबर सुनकर इंदौर और सीहोर के स्थानीय लोग भी शोक में डूब गए।
हार्ट अटैक: एक चेतावनी और हमारे लिए सीख
सलूजा जी जैसे ऊर्जावान और सामाजिक रूप से सक्रिय नेता का यूँ अचानक चले जाना हमें एक गहरी सीख भी देता है। विशेषज्ञों का कहना है कि सीने में दर्द, असहजता, या साँस लेने में तकलीफ जैसे लक्षणों को हल्के में नहीं लेना चाहिए। सलूजा जी द्वारा अपनी असहजता को “एसिडिटी” मानना एक ऐसी गलती थी, जो कई लोग करते हैं। डॉक्टर सलाह देते हैं कि ऐसी स्थिति में तुरंत मेडिकल मदद लेनी चाहिए।
राजनीति में सलूजा की विरासत
नरेंद्र सलूजा जी का राजनीतिक सफर छोटा लेकिन प्रभावशाली रहा। कांग्रेस से बीजेपी तक, उन्होंने दोनों पार्टियों में अपनी छाप छोड़ी। उनकी वाकपटुता, समर्पण, और जनता से जुड़ने की कला ने उन्हें एक खास मुकाम दिलाया। मध्यप्रदेश बीजेपी के लिए उनका जाना एक ऐसी क्षति है, जिसे भरना आसान नहीं होगा।
उनके समर्थकों और सहयोगियों ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा, “नरेंद्र सलूजा सिर्फ एक नेता नहीं, बल्कि एक विचार थे। उनकी कमी हमेशा खलेगी।” उनके परिवार ने अभी कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन उनके करीबी सूत्रों का कहना है कि अंतिम संस्कार की तैयारियाँ शुरू कर दी गई हैं।
शोक और संवेदनाएँ
मध्यप्रदेश की जनता, बीजेपी कार्यकर्ता, और विपक्षी नेताओं ने एकजुट होकर सलूजा को श्रद्धांजलि दी। सोशल मीडिया पर #NarendraSaluja और #RIPSaluja जैसे हैशटैग्स ट्रेंड करने लगे, जहाँ लोग उनके योगदान को याद कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, “अक्षय तृतीया की शुभकामनाएँ देकर आप चले गए, लेकिन आपकी सकारात्मकता हमेशा हमारे बीच रहेगी।”
नरेंद्र सलूजा के निधन ने न केवल मध्यप्रदेश की राजनीति, बल्कि उनके चाहने वालों के दिलों में एक गहरी चोट छोड़ी है। संवादिका न्यूज़ नेटवर्क की ओर से उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना और उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदनाएँ।