आगरा, उत्तर प्रदेश: आगरा के शाहगंज में पकड़े गए धर्मांतरण गिरोह ने एक ऐसी भयावह प्रक्रिया का खुलासा किया है, जिसे सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। हिंदुओं को ईसाई बनाने के लिए मांस खिलाकर खून पिलाने जैसी प्रक्रिया अपनाई जा रही थी। मुख्य आरोपी राजकुमार लालवानी को रिमांड पर लेने की तैयारी में पुलिस जुटी है, और उसके बैंक खातों की जाँच से फंडिंग के स्रोत का पता लगाया जा रहा है।
धर्मांतरण का अड्डा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मंगलवार को शाहगंज पुलिस ने केदार नगर में चल रहे एक धर्मांतरण गिरोह का भंडाफोड़ किया। गिरोह लोगों को बीमारी और कष्ट दूर करने के बहाने प्रार्थना सभाओं में बुलाता था। यहाँ हिंदुओं को ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित किया जाता था। मुख्य आरोपी राजकुमार लालवानी के नेतृत्व में यह साजिश चल रही थी, जिसमें लोगों को लालच और डर के जरिए फँसाया जाता था। पुलिस ने राजकुमार सहित आठ लोगों को गिरफ्तार किया था, और अब वह अन्य संदिग्धों की तलाश में है।
मांस खिलाने और खून पिलाने की प्रक्रिया
पुलिस जाँच में सामने आया कि धर्मांतरण के लिए एक भयावह प्रक्रिया अपनाई जाती थी। हिंदुओं को कलावा पहनने और तिलक लगाने से मना किया जाता था। प्रार्थना सभाओं में कलावा काटने और तिलक मिटाने की बात कही जाती थी। घर में मूर्ति पूजा पर रोक थी। सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि सभाओं में लोगों को मांस खिलाया जाता और खून पिलाया जाता, जिसे धर्मांतरण की प्रक्रिया का हिस्सा बताया जाता था। इसके लिए कोई प्रमाणपत्र नहीं दिया जाता था। कई बार कष्ट दूर करने के नाम पर पैसे भी वसूले जाते, जिसे आरोपी आपस में बाँट लेते थे।
फंडिंग की जाँच
पुलिस को पूछताछ में पता चला कि राजकुमार को महाराष्ट्र और हरियाणा से फंडिंग मिल रही थी। कुछ रकम उसकी बेटी के खाते में भी भेजी गई थी। पुलिस ने बैंक से लेन-देन का ब्योरा माँगा है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि फंडिंग का स्रोत क्या था और कौन लोग इसके पीछे थे। यह साजिश सुनियोजित थी, और इसके पीछे एक बड़ा नेटवर्क होने की आशंका है।
गूगल मीट और यूट्यूब का इस्तेमाल
गिरोह केवल स्थानीय स्तर पर ही सक्रिय नहीं था। राजकुमार गूगल मीट के जरिए प्रार्थना सभाएँ आयोजित करता था, जिसमें देश के अन्य शहरों के साथ-साथ स्पेन और दुबई के लोग भी शामिल होते थे। वह यूट्यूब चैनल पर वीडियो अपलोड कर ईसाई धर्म का प्रचार करता था। पुलिस ने राजकुमार के पास से डायरी और रजिस्टर बरामद किए हैं, जिनमें कई लोगों के नाम और नंबर दर्ज हैं। इनकी जाँच से नेटवर्क के अन्य सदस्यों का पता लगाया जा रहा है।
पुलिस की कार्रवाई
एसीपी लोहामंडी मयंक तिवारी ने मीडिया पत्रकार को बताया कि राजकुमार को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी, ताकि गिरोह के अन्य सदस्यों और उनकी साजिश का खुलासा हो सके। पुलिस शनिवार को इसके लिए कोर्ट में प्रार्थनापत्र दे सकती है। साथ ही, बैंक खातों की जाँच से फंडिंग के स्रोत का पता लगाया जा रहा है। पुलिस इस मामले को गंभीरता से ले रही है और पूरे नेटवर्क को उजागर करने की कोशिश में है।
सामाजिक और धार्मिक सवाल
यह घटना धर्मांतरण, सामाजिक विश्वास, और साजिश जैसे गंभीर मुद्दों को उजागर करती है। मांस और खून जैसी प्रक्रियाएँ न केवल कानूनी अपराध हैं, बल्कि यह धार्मिक संवेदनशीलता को भी ठेस पहुँचाती हैं। यह मामला समाज से जागरूकता, परिवारों से सतर्कता, और प्रशासन से कठोर कार्रवाई की माँग करता है। साथ ही, यह सवाल उठता है कि क्या बाहरी फंडिंग से इस तरह की साजिशों को बढ़ावा दिया जा रहा है। यह प्रकरण सामाजिक और धार्मिक स्तर पर गहरी बहस छेड़ रहा है।

