बरेली, उत्तर प्रदेश: पुराने शहर के सूफी टोला में दो दिन से जो नजारा दिख रहा है, उसे देखकर किसी की भी रूह कांप जाए। एक तरफ बच्चे गोद में लिए महिलाएं चीखती-चिल्लाती रहीं, लोग बुलडोजर के सामने लेट गए, आंसू बहाते रहे। दूसरी तरफ दो जेसीबी और एक पोकलैन मशीनें लगातार गरजती रहीं। करोड़ों की लागत से बने एवान-ए-फरहत और गुड मैरिज होम बारातघर धीरे-धीरे मलबे में तब्दील होते चले गए। मंगलवार को 40 फीसदी हिस्सा ढहाया गया था, बुधवार सुबह बीडीए की टीम फिर पहुंची और बाकी बचा पूरा निर्माण जमीनदोज कर दिया।
1992 में बने थे बारातघर, आजम खान के करीबियों से जुड़े होने की चर्चा
स्थानीय लोगों के मुताबिक, दोनों बारातघर 1992 में बने थे। उस समय शादी-विवाह की बुकिंग 2000-3000 रुपये में हो जाती थी। दशकों से ये इलाके की शान थे। माना जाता है कि ये बारातघर सपा के दिग्गज नेता आजम खान के करीबी सरफराज (जो अल्पसंख्यक कल्याण बोर्ड के सदस्य रह चुके हैं) और मौलाना तौकीर रजा खान के निकटवर्ती लोगों से जुड़े हैं। आजम खान जब भी बरेली आते थे, सरफराज के घर ठहरते थे। अब सरफराज अपने बेटे सैफ वली खान को सपा की राजनीति में आगे बढ़ा रहे हैं।
मंगलवार को 5 घंटे, बुधवार को फिर सुबह से तबाही
मंगलवार सुबह 10 बजे से पुलिस, पीएसी और बीडीए की भारी फोर्स पहुंची। लोगों को घर खाली करने को कहा गया। कई परिवारों ने अभी चूल्हा तक नहीं जलाया था। सामान निकालते हुए लोग सिसकियां ले रहे थे। दोपहर 2:15 बजे से पांच घंटे तक बुलडोजर चले और करीब 40 फीसदी हिस्सा ढहा दिया गया।
बुधवार सुबह फिर वही सन्नाटा और फिर वही दहशत। बीडीए की टीम ने बाकी हिस्से पर मशीनें चला दीं। महिलाएं बच्चों को गोद में लेकर बुलडोजर के सामने खड़ी हो गईं। कुछ लोग धक्का-मुक्की करने लगे, लेकिन भारी पुलिस बल ने सबको पीछे धकेल दिया। छतों पर, दरवाजों पर, गलियों में सैकड़ों लोग खड़े होकर अपनी आंखों के सामने अपनी यादें मिटती देखते रहे।
पहले नोटिस, फिर एक्शन: बीडीए का साफ कहना
बीडीए के संयुक्त सचिव दीपक कुमार ने मीडिया को बताया, “इन निर्माणों को अवैध घोषित करते हुए पहले ही कई बार नोटिस दिए गए थे। समयसीमा खत्म होने के बाद कानूनी कार्रवाई की जा रही है। यह मुहिम पूरे शहर में अवैध निर्माणों के खिलाफ जारी रहेगी।” बीडीए का दावा है कि ये बारातघर और ऊपर बने मकान सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करके बनाए गए थे।
सूफी टोला में मातम, लोग बोले – “हमारी जिंदगी ही ढहा दी”
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एक बुजुर्ग महिला फूट-फूट कर रोते हुए बोलीं, “हमारा घर, हमारी यादें, सब कुछ खत्म हो गया। कहां जाएंगे अब?” एक युवक ने गुस्से में कहा, “पहले नोटिस देते, हम खुद तोड़ देते। इतनी बेरहमी से किसी की जिंदगी नहीं उजाड़ी जाती।”
आसपास की छतों पर खड़ी महिलाएं और बच्चे बस चुपचाप सब देखते रहे। कोई चीखा, कोई रोया, लेकिन बुलडोजर नहीं रुका। पांच दशक पुरानी शान कुछ ही घंटों में मलबे में बदल गई।
बरेली में योगी सरकार का बुलडोजर एक बार फिर गरजा है – और इस बार उसकी गूंज पूरे सूफी टोला में मातम बनकर फैल गई है।

