झांसी, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के झांसी में एक प्रेम कहानी का दुखद अंत ने सभी को स्तब्ध कर दिया है। डेढ़ साल पहले पड़ोस में शुरू हुई दोस्ती से पनपे प्यार और फिर भागकर की गई शादी की कहानी अब मौत के साये में सिमट गई। अलीगोल खिड़की मोहल्ले की 21 वर्षीय मुस्लिम युवती महक अपने किराए के कमरे में फांसी के फंदे पर लटकी मिली। महक ने डेढ़ साल पहले हिंदू युवक विवेक अहिरवार से प्रेम विवाह किया था। ससुराल पक्ष इसे आत्महत्या बता रहा है, जबकि मायके वालों ने हत्या का गंभीर आरोप लगाया है। पुलिस ने विवेक को हिरासत में लिया है और पोस्टमॉर्टम के बाद जांच शुरू कर दी है।
पड़ोस से प्यार तक का सफर
महक की मां गुड़िया के अनुसार, उनकी बेटी बचपन से हंसमुख और मिलनसार थी। पड़ोस में रहने वाले विवेक अहिरवार का उनके घर आना-जाना था। यहीं से दोनों की दोस्ती शुरू हुई, जो धीरे-धीरे प्यार में बदल गई। धर्म और सामाजिक बंधनों को तोड़ते हुए दोनों ने साथ जीने का फैसला किया। 7 मार्च 2024 को विवेक महक को भगा ले गया। गुड़िया ने कोतवाली में शिकायत दर्ज की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। दो महीने बाद पता चला कि दोनों ने शादी कर ली और इमलीपुरा मोहल्ले में किराए के मकान में रह रहे थे।
ससुराल में यातनाओं का आरोप
मां गुड़िया का दावा है कि शादी के शुरुआती महीनों में सब ठीक रहा, लेकिन जल्द ही महक की जिंदगी में मुश्किलें शुरू हो गईं। आरोप है कि विवेक और उसके परिवार ने महक से पैसे की मांग शुरू कर दी। मांग पूरी न होने पर उसे मारपीट और मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ा। गुड़िया ने बताया, “विवेक ने फ्रिज के लिए पैसे मांगे। हमने किसी तरह इंतजाम कर फ्रिज दिलवाया, लेकिन उनकी मांगें नहीं रुकीं। दो बार उसे फांसी लगाने की कोशिश की गई।” इसके बाद महक कुछ समय के लिए मायके आ गई थी। विवेक और उसके परिवार ने माफी मांगकर उसे दोबारा ससुराल भेजने के लिए मना लिया। गुड़िया को उम्मीद थी कि अब सब ठीक हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
करवाचौथ की रात मातम में बदली
9 अक्टूबर को महक का परिवार मजदूरी के लिए इंदौर गया था। रविवार को उन्हें खबर मिली कि महक ने फांसी लगा ली है। जब तक वे झांसी लौटे, पुलिस ने शव का पंचनामा और पोस्टमॉर्टम पूरा कर लिया था। गुड़िया ने आरोप लगाया, “मेरी बेटी को विवेक और उसके परिवार ने मार डाला। वे शव को रस्सी से बांधकर गाड़ी में ले जा रहे थे, तभी मेरे मुंह बोले भाई ने देखा और पुलिस को सूचना दी।” मां का कहना है कि महक डर के साये में जी रही थी, और विवेक उसे बार-बार धमकी देता था कि मायके से रिश्ता तोड़ दे, वरना अंजाम बुरा होगा।
पुलिस जांच और हिरासत
कोतवाली इंस्पेक्टर राजेश अवस्थी ने मीडिया रिपोर्टर को बताया कि प्रथम दृष्टया मामला आत्महत्या का लगता है। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया और परिजनों को सौंप दिया गया। विवेक अहिरवार को हिरासत में लिया गया है, और मायके पक्ष की लिखित शिकायत के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, विवेक ने दावा किया कि महक मानसिक तनाव में थी, जिसके चलते उसने आत्महत्या की। हालांकि, मायके वालों ने इसे हत्या बताते हुए विवेक और उसके परिवार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
परिवार की गुहार: “हमें इंसाफ चाहिए”
पोस्टमॉर्टम हाउस के बाहर महक की मां गुड़िया की चीखें इंसाफ की गुहार बन गईं। उन्होंने कहा, “मेरी बेटी को विवेक और उसकी मां ने मिलकर मारा। वह डर में जी रही थी, लेकिन खुलकर कुछ कह नहीं पाती थी। हमें इंसाफ चाहिए।” महक के भाई ने भी कहा कि अगर यह आत्महत्या भी थी, तो इसके लिए विवेक और उसके परिवार की यातनाएं जिम्मेदार हैं। उन्होंने पुलिस से हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की।
सामाजिक और भावनात्मक सवाल
यह घटना न केवल एक प्रेम विवाह का दुखद अंत है, बल्कि यह अंतर-धार्मिक विवाहों और सामाजिक दबावों पर भी सवाल उठाती है। महक और विवेक की प्रेम कहानी, जो धर्म और समाज की दीवारों को तोड़कर शुरू हुई थी, एक दर्दनाक मोड़ पर खत्म हुई। मायके और ससुराल के बीच आरोप-प्रत्यारोप ने इस मामले को और जटिल बना दिया है। स्थानीय लोग इस घटना से स्तब्ध हैं और इसे रिश्तों में विश्वास की कमी से जोड़कर देख रहे हैं।
पुलिस की आगे की कार्रवाई
पुलिस ने विवेक के साथ-साथ उसके परिवार के अन्य सदस्यों को भी पूछताछ के लिए बुलाया है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और अन्य सबूतों के आधार पर यह तय होगा कि मामला आत्महत्या का है या हत्या का। फिलहाल, जांच के लिए विशेष टीमें गठित की गई हैं, और पुलिस इस मामले को संवेदनशीलता के साथ संभाल रही है।
यह घटना झांसी में चर्चा का विषय बनी हुई है। महक की मौत ने न केवल एक परिवार को तोड़ दिया, बल्कि प्रेम विवाह और सामाजिक स्वीकार्यता जैसे मुद्दों पर गहरी बहस छेड़ दी है। अब सभी की नजर पुलिस जांच और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पर है, जो इस दुखद कहानी के सच को उजागर करेगी।

