झाँसी, यूपी: झांसी के मऊरानीपुर थाना क्षेत्र से एक वीडियो ने हाल में सुर्खियाँ बटोरी हैं। झांसी वायरल वीडियो में पवन, जो एक स्वास्थ्य कर्मी है, अपनी पत्नी रितु वर्मा पर चरित्रहीनता, धमकियों और अपने छह साल के बेटे की सुरक्षा को लेकर गंभीर आरोप लगाते दिख रहे हैं। दूसरी ओर, रितु ने पुलिस को बताया कि उन्होंने सिर्फ़ दवा के लिए एक व्यक्ति को बुलाया था। पुलिस का कहना है कि यह मामला जून-जुलाई 2024 का है, लेकिन वीडियो अब अप्रैल 2025 में वायरल हो रहा है। यह कहानी तथ्यों, भावनाओं और अनुत्तरित सवालों का एक जटिल मिश्रण प्रस्तुत करती है।
विवाद की शुरुआत: एक वीडियो कॉल
पवन, जो महोबा जिला अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग के संविदा कर्मी हैं, उस रात महोबा में ड्यूटी पर थे। यह जून-जुलाई 2024 की बात है। अपने छह साल के बेटे से वीडियो कॉल पर बात करते समय उन्हें मऊरानीपुर के गांधीगंज स्थित अपने किराये के मकान में कुछ गड़बड़ नज़र आई। “मेरी पत्नी ने बच्चे की शक्ल दिखाई और फोन घुमाया, तो मुझे किसी दूसरे व्यक्ति का आभास हुआ,” पवन ने वीडियो में कहा। “जैसे ही मुझे शक हुआ, उसने फोन काट दिया।”
इस शक ने पवन को तुरंत हरकत में ला दिया। “मैंने 2-3 मिनट सोचा और 112 पर कॉल कर दी,” उन्होंने बताया। पुलिस उनके घर पहुँची और दरवाजा खुलवाने की कोशिश शुरू की। “काफी हल्ला-गुल्ला हुआ, मोहल्ले वाले उठ गए,” पवन ने कहा। आखिरकार, जब गेट खुला, तो एक व्यक्ति बाहर निकला, जिसे पवन ने अभिषेक पाठक के रूप में पहचाना।
अक्टूबर 2024: तनाव का पहला संकेत
पवन के लिए ये कोई नई बात नहीं थी। उनके मुताबिक, इससे पहले भी उनकी पत्नी रितु के व्यवहार ने उन्हें परेशान किया था। “पिछले साल अक्टूबर की 10 तारीख को मैंने अपनी बीबी को किसी के साथ चैट करते पकड़ा था,” पवन ने बताया। “मैंने उसकी चैट देखी और समझाने की बहुत कोशिश की। लेकिन उसने कहा, ‘मेरा शरीर मेरी मर्जी, तुम रोकने वाले कौन?’”
पवन का कहना है कि इस घटना के बाद उनका रिश्ता और बिगड़ गया। “उसके बाद मैं और मेरी पत्नी अलग रहने लगे,” उन्होंने कहा। लेकिन उस रात का वाकया उनके लिए एक नया झटका था। पवन ने बताया कि अक्टूबर की चैट में अभिषेक का नाम था, और वही व्यक्ति उनके घर से रात 1-1:30 बजे निकलते पकड़ा गया। “अब मुझे याद आ रहा है, उस चैट में भी अभिषेक जी लिखा था,” पवन ने कहा।
झांसी वायरल वीडियो: पति ने पत्नी पर लगाए गंभीर आरोप
पवन ने अपने वीडियो में कई गंभीर बातें सामने रखीं। “मैंने उसे पहले भी रात में दूसरों से बात करते पकड़ा, माफ किया, इग्नोर किया, लेकिन उसने कभी गलती नहीं मानी,” उन्होंने कहा। पवन के अनुसार, रितु ने उनके परिवार पर दबाव बनाने की कोशिश की। “वो मेरे घरवालों को दहेज़ और घरेलू हिंसा के केस में फँसाने की धमकी देती थी,” पवन ने बताया। “खुद आत्महत्या की धमकी देकर मुझे चुप करा देती थी।”
उस रात के बाद धमकियाँ और बढ़ गईं। पवन ने बताया, “उसने मुझसे कहा, ‘उखाड़ लिया जो उखाड़ना था, अब तुम्हें जेल भिजवाकर रहूँगी। या तो मैं जेल जाऊँगी, या तुम जेल जाओगे।’” पवन का कहना है कि रितु ने उनकी शिकायतों को खारिज करते हुए उल्टा उन पर दबाव बनाया। “वो मानने को तैयार नहीं कि उसने गलत किया,” उन्होंने कहा।
पवन का सबसे बड़ा डर उनके बेटे की सुरक्षा को लेकर है। “मुझे डर है कि मेरा या मेरे बच्चे का शव किसी ड्रम में मिले,” उन्होंने कहा। यह डर मेरठ में 2024 में हुई एक हत्या से प्रेरित है, जहाँ एक शव ड्रम में पाया गया था। “मुझे फर्क नहीं पड़ता कि वो किसके साथ रहे,” पवन ने कहा। “बस मेरा बच्चा मुझे मिल जाए।”
रितु की ओर से जवाब
रितु वर्मा, जो मऊरानीपुर के एक सरकारी स्कूल में क्लर्क हैं, ने पुलिस को एक अलग कहानी सुनाई। उनके मुताबिक, उस रात उनके पेट में दर्द था, और उन्होंने अभिषेक को दवा लाने के लिए बुलाया था। रितु ने किसी अनुचित रिश्ते के आरोपों से इनकार किया। लेकिन पवन का दावा है कि रितु ने अपने बेटे को घर में अकेले छोड़कर थाने पहुँचकर अभिषेक को छुड़ाने की कोशिश की। “वो अपने बच्चे को सोता हुआ छोड़कर, बाहर से ताला लगाकर थाने गई,” पवन ने कहा।
पुलिस की जाँच: पुराना मामला, नया विवाद
मऊरानीपुर के सर्किल ऑफिसर रामवीर सिंह ने बताया, “यह वीडियो जून-जुलाई 2024 का है। उस रात पुलिस ने व्यक्ति को थाने ले जाकर पूछताछ की थी।” रितु ने लिखित में अपनी सफाई दी, जिसमें उन्होंने दवा के लिए बुलाने की बात कही। पुलिस के अनुसार, उस समय कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं हुई थी। लेकिन अब, अप्रैल 2025 में वीडियो के वायरल होने से मामला फिर से चर्चा में है।
पुलिस इस बात की जाँच कर रही है कि यह वीडियो इतने समय बाद क्यों और कैसे सामने आया। “हम परिस्थितियों को देख रहे हैं,” सर्किल ऑफिसर ने कहा। लेकिन इस बयान ने और सवाल खड़े किए हैं। अगर मामला पुराना है, तो क्या कोई नई शिकायत सामने आई है? और अगर नहीं, तो वीडियो का वायरल होना क्या दर्शाता है?
अभिषेक की भूमिका: रसूख का सवाल
पवन ने अभिषेक को एक सभासद बताया, जिसने उस रात अपने प्रभाव का इस्तेमाल करने की कोशिश की। “उसने पुलिस और मोहल्ले वालों को धमकाने की कोशिश की,” पवन ने कहा। “वीडियो बनाने वालों पर हमला करने की कोशिश की।” पवन के अनुसार, यह घटना रात 1-1:30 बजे की थी, जब अभिषेक उनके घर से बाहर निकला। लेकिन अभिषेक की ओर से कोई जवाब सामने नहीं आया है। पुलिस ने भी इस पहलू पर कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी।
पवन की पुकार: न्याय और सुरक्षा
पवन का वीडियो सिर्फ़ आरोपों की कहानी नहीं, बल्कि एक पिता का दर्द भी बयाँ करता है। “मैंने क्या गलत किया?” उन्होंने पूछा। “अगर मैं गलत हूँ, तो मुझे जेल डाल दो। लेकिन अगर वो गलत है, तो मुझे और मेरे बच्चे को बचाओ।” पवन ने साफ कहा कि वे रितु के साथ अब नहीं रहना चाहते। “मुझे उस पर भरोसा नहीं,” उन्होंने कहा। “हो सकता है, मैं इसके साथ रहूँ, तो मेरा या मेरे बच्चे का शव किसी ड्रम में मिले।”
पवन ने यह भी बताया कि रितु ने उनकी शिकायतों को कभी स्वीकार नहीं किया। “इस बार हद हो गई,” उन्होंने कहा। “घर के अंदर किसी को घुसा लिया, और अभी भी मानने को तैयार नहीं। उल्टा मुझे धमकी दे रही है।” पवन का कहना है कि उन्हें अब सिर्फ़ अपने बेटे की चिंता है। “मेरा बच्चा मुझे मिल जाए, मुझे और कुछ नहीं चाहिए,” उन्होंने कहा।
झांसी वायरल वीडियो के कई अनसुलझे सवाल
झांसी वायरल वीडियो से जुड़े कई सवाल अब भी अनसुलझे हैं । रितु की धमकियाँ कितनी गंभीर हैं? क्या पवन का डर वाजिब है, या यह उनके बीच लंबे समय से चले आ रहे तनाव का नतीजा है? पुलिस का दावा है कि मामला पुराना है, लेकिन वीडियो का अब वायरल होना क्या कोई नई परिस्थिति दर्शाता है? और सबसे अहम—पवन के बेटे की सुरक्षा का क्या होगा?
पवन ने अपने वीडियो में प्रशासन से गुहार लगाई: “मेरी इस बिनती को स्वीकार करें और दोनों के खिलाफ उचित कार्रवाई करें, जिससे मुझे न्याय मिल सके। अन्यथा मेरे साथ कुछ भी हो सकता है।” लेकिन पुलिस की जाँच अभी तक कोई ठोस जवाब नहीं दे पाई है। यह मामला सिर्फ़ एक परिवार की कहानी नहीं, बल्कि उन जटिल रिश्तों की पड़ताल है, जो निजता, ज़िम्मेदारी और सामाजिक दबावों के बीच फँस गए हैं।
नोट: यह रिपोर्ट उपलब्ध जानकारी और तथ्यों पर आधारित है। इसकी संवेदनशीलता को देखते हुए, पाठकों से अनुरोध है कि इसे व्यक्तिगत राय बनाने के लिए इस्तेमाल न करें।