लखनऊ, उत्तर प्रदेश: सावन का महीना बस कुछ ही दिन दूर है, और 11 जुलाई 2025 से शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पूरी तरह कमर कस ली है। पश्चिमी यूपी के कांवड़ मार्गों पर लाखों श्रद्धालु गंगा जल लेने निकलेंगे, और उनकी सेहत की सुरक्षा के लिए सरकार ने खाद्य पदार्थों पर कड़ा पहरा बिठाने का फैसला किया है। मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद, हापुड़, बुलंदशहर, सहारनपुर, और शामली जैसे जिलों में खाने-पीने की चीजों की गुणवत्ता पर 24 घंटे निगरानी होगी।
खाद्य अधिकारियों को सख्त निर्देश
खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन विभाग के आयुक्त राजेश कुमार ने स्थानीय रिपोर्टर को बताया कि कांवड़ मार्गों से जुड़े सभी जिलों के खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को सख्त हिदायत दी गई है। उन्हें रैंडम खाद्य नमूने लेने और उनकी जाँच करने का आदेश है। अगर कहीं मिलावट या खराब खाना पकड़ा गया, तो तुरंत सख्त एक्शन लिया जाएगा। मेरठ की प्रयोगशाला में इन नमूनों की तुरंत जाँच होगी, ताकि कोई लापरवाही न बरती जाए।
पड़ोसी जिलों से अतिरिक्त मदद
यात्रा के दौरान किसी भी तरह की चूक से बचने के लिए पड़ोसी जिलों के खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को भी कांवड़ मार्गों पर तैनात किया गया है। ये टीमें दिन-रात ड्यूटी करेंगी और जिला प्रशासन के साथ मिलकर काम करेंगी। इस इंतजाम से यह सुनिश्चित होगा कि कांवड़ियों को शुद्ध और सुरक्षित खाना मिले। खासकर उन इलाकों में, जहाँ से भारी संख्या में श्रद्धालु गुजरते हैं, निगरानी और सघन होगी।
आस्था के साथ सेहत का ख्याल
योगी सरकार का यह कदम कांवड़ यात्रा को न सिर्फ सुगम और सुरक्षित बनाएगा, बल्कि श्रद्धालुओं की आस्था का भी सम्मान करेगा। खाने में मिलावट रोकने की यह मुहिम न केवल कांवड़ियों की सेहत की रक्षा करेगी, बल्कि सरकार की जिम्मेदारी और संवेदनशीलता को भी सामने लाएगी।