प्रयागराज, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में एक सनसनीखेज साजिश का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें एक नाबालिग दलित लड़की को बहला-फुसलाकर केरल ले जाया गया और उसका धर्म परिवर्तन कर जिहादी आतंकी बनाने की कोशिश की गई। पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों, दरकशा बानो और मोहम्मद कैफ, को गिरफ्तार कर लिया है। पीड़िता किसी तरह आरोपियों के चंगुल से बचकर वापस लौटी, जिसके बाद यह खुलासा हुआ। यह घटना 28 जून 2025 को दर्ज शिकायत के बाद सामने आई और अब पुलिस केरल में भी जाँच को आगे बढ़ा रही है।
अपहरण से लेकर जिहाद की साजिश
आजतक की रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता की माँ गुड्डी देवी ने 28 जून को प्रयागराज के थाने में शिकायत दर्ज की, जिसमें बताया कि गाँव की दरकशा बानो ने पैसे का लालच देकर उनकी नाबालिग बेटी को केरल ले गई। दरकशा के साथी मोहम्मद कैफ ने लड़की को प्रयागराज जंक्शन तक छोड़ा। केरल के त्रिशूर पहुँचने पर लड़की पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया गया और उसे जिहाद के लिए उकसाया गया। बताया गया कि दरकशा बानो ने पहले भी कई लड़कियों का धर्म परिवर्तन कराया और कुछ को विदेश भेजा। गनीमत रही कि पीड़िता आरोपियों के चंगुल से भागकर केरल जंक्शन पहुँची, जहाँ चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (CWC) की मदद से उसे फूलपुर, प्रयागराज लाया गया।
पुलिस की कार्रवाई और जाँच
प्रयागराज पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दरकशा बानो और मोहम्मद कैफ को गिरफ्तार कर लिया। डीसीपी गंगा नगर, कुलदीप सिंह गुणावत ने मीडिया चैनल को बताया कि दरकशा की गतिविधियों की गहन जाँच की जा रही है। तीन टीमें इस मामले में तथ्य जुटा रही हैं, और अन्य संदिग्धों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, दरकशा पहले भी नाबालिगों को देश-विरोधी और आतंकी संगठनों से जोड़ चुकी है। पीड़िता के बयान के आधार पर अब केरल में जाँच को आगे बढ़ाया जा रहा है ताकि इस साजिश के पूरे नेटवर्क का खुलासा हो सके।
सामाजिक और सुरक्षा चिंता
यह घटना न केवल धार्मिक संवेदनशीलता, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी गंभीर सवाल उठाती है। नाबालिग लड़कियों को निशाना बनाकर धर्मांतरण और आतंकी गतिविधियों में शामिल करने की साजिश समाज के लिए खतरे की घंटी है। पुलिस की सतर्कता और पीड़िता की हिम्मत ने इस साजिश को नाकाम कर दिया, लेकिन यह मामला गहरी जाँच और सख्त कानूनी कार्रवाई की माँग करता है।
एकजुट समाज की जरूरत
यह घटना हमें सोचने पर मजबूर करती है कि क्या समाज और प्रशासन ऐसी साजिशों को रोकने के लिए पर्याप्त सतर्क हैं? क्या नाबालिगों की सुरक्षा और शिक्षा पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है? यह मामला न केवल कानूनी कार्रवाई की माँग करता है, बल्कि समाज से एकजुट होकर ऐसी साजिशों के खिलाफ खड़ा होने और कमजोर वर्गों की रक्षा करने का आह्वान भी करता है।