Operation Sindoor: भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव ने पाकिस्तान सुपर लीग (Pakistan Super League, PSL) को संकट में डाल दिया है। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (Pakistan Cricket Board, PCB) ने सभी खिलाड़ियों को तुरंत रावलपिंडी छोड़ने का आदेश जारी किया है। यह फैसला 8 मई को रावलपिंडी क्रिकेट स्टेडियम पर कथित ड्रोन हमलों की खबरों के बाद लिया गया, जिससे स्टेडियम को भारी नुकसान होने का दावा किया जा रहा है। हालाँकि, भारतीय सेना ने इन हमलों की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। यह घटना पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) के जवाब में भारत की सैन्य कार्रवाई के बाद तनावपूर्ण माहौल में हुई।
ऑपरेशन सिंदूर: पहलगाम हमले का जवाब
7 मई को भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (Pakistan-Occupied Kashmir, PoK) में नौ आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले किए। इन हमलों का मकसद 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का बदला लेना था, जिसमें 26 लोग, ज्यादातर पर्यटक, मारे गए थे। भारत ने जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) और लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) जैसे संगठनों के ठिकानों को निशाना बनाया। इस कार्रवाई ने दोनों देशों के बीच तनाव को चरम पर पहुँचा दिया, जिसका असर अब खेल जगत पर भी दिख रहा है।
रावलपिंडी स्टेडियम पर कथित ड्रोन हमला
8 मई को रावलपिंडी क्रिकेट स्टेडियम के आसपास कई ड्रोन हमले होने की खबरें सामने आईं। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में स्टेडियम को नुकसान पहुँचने का दावा किया गया है, जिसमें इमारत का कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त दिख रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये हमले उस समय हुए, जब स्टेडियम में कराची किंग्स (डेविड वॉर्नर की कप्तानी) और पेशावर ज़ाल्मी (बाबर आज़म की कप्तानी) के बीच PSL का एक अहम मुकाबला होने वाला था। हमले की खबरों के बाद इस मैच पर अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं।
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने तत्काल कदम उठाते हुए सभी खिलाड़ियों को रावलपिंडी छोड़ने का निर्देश दिया। हालाँकि, बोर्ड ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया कि टूर्नामेंट का शेड्यूल रद्द होगा या किसी अन्य शहर में शिफ्ट किया जाएगा। स्टेडियम के नुकसान की गंभीरता और हमले की प्रकृति पर भी आधिकारिक बयान का इंतज़ार है।
विदेशी खिलाड़ियों में बेचैनी
रावलपिंडी में कथित हमले और बढ़ते तनाव ने PSL में खेल रहे विदेशी खिलाड़ियों में बेचैनी बढ़ा दी है। खबर है कि मुल्तान सुल्तांस के इंग्लिश खिलाड़ी डेविड विली और क्रिस जॉर्डन ने अपनी फ्रेंचाइज़ी से स्वदेश लौटने की इच्छा जताई है। सूत्रों के अनुसार, इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (England and Wales Cricket Board, ECB) और प्रोफेशनल क्रिकेटर्स एसोसिएशन (Professional Cricketers’ Association, PCA) अपने खिलाड़ियों के साथ संपर्क में हैं। हालाँकि, अभी तक इन संगठनों ने खिलाड़ियों को पाकिस्तान छोड़ने का कोई औपचारिक निर्देश नहीं दिया है।
ब्रिटिश सरकार ने भी पाकिस्तान में बिगड़ते हालात पर नज़र रखने की बात कही है। कराची किंग्स और पेशावर ज़ाल्मी जैसी टीमों में कई विदेशी सितारे शामिल हैं, और इनमें से कुछ अब अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। यह स्थिति PSL की साख और इसके भविष्य पर सवाल उठा रही है।
PSL पर मंडराता संकट
पाकिस्तान सुपर लीग का 10वाँ संस्करण पहले ही ऑपरेशन सिंदूर के कारण चर्चा में था। रावलपिंडी में 7, 8, 9 और 10 मई को मैचों का शेड्यूल था, जिसमें 13 मई को क्वालिफायर भी शामिल था। इसके बाद लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम में 14, 16 और 18 मई को एलिमिनेटर और फाइनल होने थे। लेकिन रावलपिंडी स्टेडियम पर कथित हमले ने पूरे टूर्नामेंट को खतरे में डाल दिया है।
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के सामने अब कठिन फैसले का समय है। क्या टूर्नामेंट को कराची या लाहौर जैसे शहरों में शिफ्ट किया जाएगा, या इसे पूरी तरह रद्द करना पड़ेगा? विदेशी खिलाड़ियों का मनोबल गिरने से भी बोर्ड पर दबाव बढ़ रहा है। इससे पहले, बोर्ड ने दावा किया था कि कोई भी विदेशी खिलाड़ी टूर्नामेंट छोड़ने की माँग नहीं कर रहा, लेकिन अब स्थिति बदलती दिख रही है।
सियासी और सामाजिक प्रभाव
ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद की घटनाएँ न केवल खेल, बल्कि भारत-पाकिस्तान के रिश्तों पर भी गहरा असर डाल रही हैं। पहलगाम हमले के बाद भारत की सख्त कार्रवाई को कई लोग आतंकवाद के खिलाफ ज़रूरी कदम मान रहे हैं, लेकिन पाकिस्तान ने इसे “युद्ध की कार्रवाई” करार दिया है। रावलपिंडी में ड्रोन हमले का दावा, भले ही अपुष्ट हो, दोनों देशों के बीच तनाव को और भड़का सकता है।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो और खबरों ने लोगों में डर और अनिश्चितता पैदा कर दी है। ऐसे में, PSL जैसे आयोजन की निरंतरता पर सवाल उठना स्वाभाविक है। यह घटना खेल की भावना को भी प्रभावित कर रही है, जो दोनों देशों के बीच तनाव कम करने का एक ज़रिया हो सकता था।
अनिश्चितता के बीच चुनौती
रावलपिंडी स्टेडियम पर कथित ड्रोन हमले और पीसीबी के खिलाड़ियों को शहर छोड़ने के आदेश ने PSL 2025 को अनिश्चितता के भँवर में डाल दिया है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद बिगड़े हालात ने न केवल खेल, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता को भी प्रभावित किया है। विदेशी खिलाड़ियों की सुरक्षा और टूर्नामेंट का भविष्य अब पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अगले कदमों पर टिका है। क्या PSL इस संकट से उबर पाएगा, या यह सीज़न अधूरा रह जाएगा? यह समय ही बताएगा।