पहलगाम हमला और ISI से रिश्ता: ट्रैवल विद जो की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा का ‘देशभक्ति’ वाला वीडियो चर्चाओं में

Youtuber Jyoti Malhotra on Pahalgam Terror Attack: हरियाणा की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को ISI के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। अब उनका एक पुराना वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह पहलगाम हमले के लिए सरकार और नागरिकों को जिम्मेदार ठहराते हुए दिख रही हैं। इस वीडियो ने सोशल मीडिया पर बवाल मचा दिया है और उनके इरादों पर सवाल खड़े हो रहे हैं। पुलिस और NIA इस मामले की गहराई से जाँच कर रही है।

Samvadika Desk
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यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा। (इमेज - फाइल फोटो)
Highlights
  • यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा का पहलगाम हमले पर दिया बयान चर्चाओं में!
  • सोशल मीडिया के जरिए फैलाया भारत-विरोधी नैरेटिव!
  • ‘ट्रैवल विद जो’ यूट्यूब चैनल से बटोरी थी लोकप्रियता!
  • पाकिस्तान यात्राओं के दौरान ISI एजेंटों से हुई थी मुलाकात!

हिसार, हरियाणा: हरियाणा की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा, जो पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार हुई हैं, एक बार फिर चर्चा में हैं। इस बार वजह है उनका पुराना वीडियो, जिसमें उन्होंने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) पर विवादित बयान दिया था। ज्योति ने हमले के लिए न केवल सरकार, बल्कि आम नागरिकों को भी जिम्मेदार ठहराया और कहा कि आतंकवादियों को समर्थन देने वाले भारतीय नहीं हो सकते। इस वीडियो ने उनकी गिरफ्तारी के बाद सोशल मीडिया पर तीखी बहस छेड़ दी है, क्योंकि जाँच में उनके ISI से संबंध और भारत-विरोधी गतिविधियों का खुलासा हुआ है।

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पहलगाम हमले पर ज्योति का बयान

सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में ज्योति मल्होत्रा पहलगाम आतंकी हमले पर अपनी राय रखती दिख रही हैं। उन्होंने कहा, “इस हमले में सिर्फ सरकार ही नहीं, बल्कि हर उस नागरिक की जिम्मेदारी है जो घूमने जाता है। हमें सतर्क रहना चाहिए। कश्मीर में चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बल (Security Forces) तैनात हैं, फिर भी यह घटना हुई। इसका मतलब हम भी कसूरवार हैं, क्योंकि हमने सावधानी नहीं बरती।” ज्योति ने आगे कहा, “अगर कोई आतंकवादियों को समर्थन दे रहा है, तो वह भारतीय नहीं हो सकता। हम खुद भ्रष्ट हैं, गलत हैं। यह बहुत झकझोरने वाली बात है। आतंकियों को सपोर्ट करना बेहद गलत है, और इसमें हमारी सरकार भी जिम्मेदार है, क्योंकि सुरक्षा में चूक (Security Lapse) हुई है।”

यह बयान अब उनकी जासूसी की गतिविधियों के संदर्भ में सवाल उठा रहा है। लोग पूछ रहे हैं कि क्या यह बयान उनकी छवि को देशभक्त के रूप में पेश करने की कोशिश थी, या इसमें कोई गहरी साजिश थी?

ज्योति मल्होत्रा और ISI कनेक्शन

हिसार की रहने वाली ज्योति मल्होत्रा को 17 मई 2025 को पुलिस ने ISI के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया। वह अपने यूट्यूब चैनल ‘ट्रैवल विद जो’ के जरिए लाखों फॉलोअर्स के बीच लोकप्रिय थीं। जाँच में सामने आया कि ज्योति ने पाकिस्तान की कई यात्राएँ कीं, जिनमें करतारपुर साहिब और अन्य धार्मिक स्थल शामिल थे। इन यात्राओं के दौरान उसने पाकिस्तान हाई कमीशन के एक कर्मचारी से नजदीकी बढ़ाई और ISI एजेंटों से संपर्क स्थापित किया। पुलिस के अनुसार, ज्योति ने सोशल मीडिया के जरिए भारत-विरोधी नैरेटिव (Anti-India Narrative) को बढ़ावा दिया और संवेदनशील सैन्य सूचनाएँ, जैसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से जुड़ी जानकारी, ISI को लीक की।

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वीडियो का विवाद और सवाल

ज्योति का पहलगाम हमले पर दिया गया बयान अब नए सिरे से चर्चा में है। वीडियो में वह आतंकवाद की निंदा करती दिखती हैं, लेकिन उनकी गिरफ्तारी के बाद लोग उनके इरादों पर सवाल उठा रहे हैं। कुछ का मानना है कि यह बयान उनकी जासूसी गतिविधियों को छिपाने और देशभक्ति की छवि बनाने की कोशिश थी। अन्य का कहना है कि वह सुरक्षा चूक की आड़ में भारत की छवि को नुकसान पहुँचाने की कोशिश कर रही थी। जाँच एजेंसियाँ अब इस वीडियो को उनकी सोशल मीडिया रणनीति के हिस्से के रूप में देख रही हैं, जिसके जरिए वह अपने फॉलोअर्स का भरोसा जीतकर ISI के लिए काम करती थीं।

जाँच और पुलिस कार्रवाई

ज्योति मल्होत्रा को हिसार के न्यू अग्रसेन एक्सटेंशन से गिरफ्तार किया गया था, और उनके साथ पाँच अन्य सहयोगी भी पकड़े गए। कोर्ट ने 17 मई 2025 को ज्योति को पाँच दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा, और पूछताछ में उनके ISI नेटवर्क के बारे में और खुलासे होने की उम्मीद है। पुलिस ने उनके मोबाइल, लैपटॉप, और सोशल मीडिया अकाउंट्स की जाँच शुरू की है। ज्योति के खिलाफ आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम, 1923 (Official Secrets Act) के तहत मामला दर्ज किया गया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) भी इस मामले में शामिल हो गई है, और इसे अंतरराष्ट्रीय जासूसी नेटवर्क से जोड़कर देखा जा रहा है।

सामाजिक और राष्ट्रीय प्रभाव

ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी और उनके पहलगाम हमले पर बयान ने सोशल मीडिया पर तीखी बहस छेड़ दी है। लोग हैरान हैं कि एक यूट्यूबर, जिसके लाखों फॉलोअर्स थे और जो धार्मिक स्थलों के व्लॉग बनाती थी, ISI की जासूस कैसे बन गई। यह मामला सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स की विश्वसनीयता और उनके कंटेंट की निगरानी की जरूरत को उजागर करता है। ज्योति का बयान, जिसमें उन्होंने नागरिकों और सरकार को जिम्मेदार ठहराया, अब उनकी जासूसी गतिविधियों के संदर्भ में संदिग्ध लगता है। यह घटना राष्ट्रीय सुरक्षा (National Security) के लिए खतरे को दर्शाती है, खासकर जब प्रभावशाली लोग विदेशी एजेंसियों के लिए काम करने लगें।

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समाज में हलचल और अनुत्तरित सवाल

ज्योति का वीडियो और उनकी गिरफ्तारी हिसार से लेकर कश्मीर तक चर्चा का विषय बनी हुई है। लोग यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या ज्योति का बयान उनकी असली सोच को दर्शाता था, या यह ISI के निर्देश पर भारत की छवि खराब करने की साजिश थी। क्या आर्थिक प्रलोभन, हनी ट्रैप, या अन्य दबाव ने उन्हें जासूसी के रास्ते पर धकेला? यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या उनकी देशभक्ति वाली छवि सिर्फ एक मुखौटा थी। पुलिस जाँच इन सवालों के जवाब तलाश रही है, लेकिन यह मामला समाज को सोशल मीडिया पर दिखने वाली छवियों पर सवाल उठाने के लिए मजबूर कर रहा है।

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