हिसार, हरियाणा: हरियाणा के हिसार की मशहूर यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा (YouTuber Jyoti Malhotra) की जासूसी की कहानी ने पूरे देश में हलचल मचा दी है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने के आरोप में ज्योति और उनके पाँच साथियों को हिसार पुलिस ने गिरफ्तार किया है। ज्योति पर भारत के सैन्य अभियान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और सेना की गोपनीय सूचनाएँ (Classified Information) पाकिस्तान भेजने का गंभीर आरोप है। शनिवार, 17 मई 2025 को कोर्ट ने ज्योति को पाँच दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा, और अब पूछताछ में बड़े खुलासे होने की उम्मीद है। ज्योति के पिता हरीश मल्होत्रा ने भी इस मामले पर अपनी चुप्पी तोड़ी, जिससे कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं।
यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा (YouTuber Jyoti Malhotra) का परिचय
ज्योति मल्होत्रा हिसार, हरियाणा की रहने वाली हैं और ‘ट्रैवल विद जो’ नाम से यूट्यूब चैनल चलाती हैं, जिसके 3.77 लाख से अधिक सब्सक्राइबर्स हैं। उनके इंस्टाग्राम पर 1.31 लाख फॉलोअर्स हैं। ज्योति यात्रा व्लॉग्स (Travel Vlogs) बनाती हैं, जिनमें देश-विदेश के पर्यटन स्थल, संस्कृति, और खानपान की झलक दिखती है। उन्होंने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से पढ़ाई की है और सोशल मीडिया पर अपनी देसी हरियाणवी शैली के लिए जानी जाती हैं। ज्योति ने 2018 में पासपोर्ट बनवाया था, जिसकी वैधता 2028 तक है। वह पाकिस्तान, दुबई, थाईलैंड, इंडोनेशिया, नेपाल, भूटान, चीन, और बांग्लादेश जैसे देशों की यात्रा कर चुकी हैं।
दिल्ली से हिसार: नौकरी से यूट्यूबर तक का सफर
ज्योति के पिता हरीश मल्होत्रा, जो बिजली विभाग से रिटायर्ड कर्मचारी हैं, ने अमर उजाला के रिपोर्टर को बताया कि ज्योति पहले दिल्ली में 20,000 रुपये की नौकरी करती थी। उस समय वह 12,000 रुपये किराया देती थी। 2020 में कोविड लॉकडाउन के दौरान ज्योति को हिसार लौटना पड़ा, और तभी से उसने यूट्यूब पर वीडियो बनाना शुरू किया। पिता ने कहा, “मुझे नहीं पता कि वह यूट्यूब से कितना कमाती है, मैंने कभी नहीं पूछा। अब मकान मेरा है, तो किराए की चिंता नहीं।” उन्होंने यह भी बताया कि उनका ज्योति की माँ से तलाक हो चुका है, और वह उससे कोई संपर्क नहीं रखते। पिता को यह भी नहीं पता कि ज्योति ने पाकिस्तान के अलावा अन्य देशों की यात्राएँ की थीं।
ISI के जाल में कैसे फँसी ज्योति?
ज्योति ने पुलिस पूछताछ में बताया कि 2023 में वह वीजा के लिए दिल्ली में पाकिस्तान हाई कमीशन गई थी, जहाँ उसकी मुलाकात अहसान उर रहीम उर्फ दानिश से हुई। दानिश को भारत सरकार ने जासूसी के आरोप में ‘पर्सन नॉन ग्राटा’ (Persona Non Grata) घोषित किया है। ज्योति ने दानिश का मोबाइल नंबर लिया, और दोनों के बीच बातचीत शुरू हुई। इसके बाद उसने 2023 और 2024 में दो बार पाकिस्तान की यात्रा की, जिसमें एक बार वह सिख जत्थे के साथ और एक बार अकेले करतारपुर साहिब गुरुद्वारा गई। पुलिस के अनुसार, इन यात्राओं के दौरान ज्योति ने पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों से मुलाकात की और संवेदनशील सूचनाएँ साझा कीं।
पाकिस्तान और कश्मीर के वीडियो
ज्योति के यूट्यूब चैनल पर पाकिस्तान से जुड़े कई वीडियो हैं, जिनमें वह वहाँ की संस्कृति, पर्यटन स्थल, और सकारात्मक छवि (Positive Image) दिखाती थी। सीआईए की जाँच में पता चला कि इन वीडियो में ज्योति का पाकिस्तान के प्रति रुझान साफ दिखता था। उसने कटास राज मंदिर जैसे धार्मिक स्थलों के वीडियो बनाए, जिनमें उसने 5,000 साल पुराने इतिहास और गुरु नानक व पांडवों से संबंध की बात कही। इसके अलावा, ज्योति ने कश्मीर में भी वीडियो बनाए, जिनमें सेना के जवानों को फिल्माया गया था। क्रिकेट विश्व कप 2023 के दौरान भारत-पाकिस्तान मैचों पर दर्शकों की प्रतिक्रियाओं वाले उसके वीडियो भी चर्चा में रहे। पुलिस को शक है कि इन वीडियो के जरिए उसने संवेदनशील जानकारी इकट्ठा की।
गिरफ्तारी और पुलिस रिमांड
हिसार पुलिस ने ज्योति को न्यू अग्रसेन एक्सटेंशन से उनके पाँच साथियों के साथ 17 मई 2025 को गिरफ्तार किया। पुलिस ने बताया कि ज्योति ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे सैन्य अभियान और सेना की गोपनीय जानकारियाँ पाकिस्तान भेजी थीं। कोर्ट ने शनिवार को ज्योति को पाँच दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा, और अब पूछताछ में उसके जासूसी नेटवर्क के बारे में और खुलासे होने की उम्मीद है। पुलिस ज्योति के मोबाइल, सोशल मीडिया अकाउंट्स, और डिजिटल डिवाइस की जाँच कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि उसने और कौन सी सूचनाएँ लीक कीं।
पिता की प्रतिक्रिया और पारिवारिक पृष्ठभूमि
ज्योति के पिता हरीश मल्होत्रा इस घटना से सदमे में हैं। उन्होंने कहा, “मुझे नहीं पता था कि वह ऐसी गतिविधियों में शामिल थी। वह दिल्ली में नौकरी करती थी, फिर वीडियो बनाने लगी।” पिता ने यह भी बताया कि ज्योति की माँ से उनका तलाक हो चुका है, और वह परिवार से अलग रहती हैं। हरीश ने ज्योति की कमाई या उसकी यात्राओं के बारे में अनभिज्ञता जताई। उनकी प्रतिक्रिया से पता चलता है कि ज्योति ने अपनी गतिविधियाँ परिवार से छिपाकर रखी थीं। यह सवाल उठता है कि क्या आर्थिक तंगी, पारिवारिक दूरी, या अन्य प्रलोभनों ने ज्योति को ISI के जाल में फँसने के लिए प्रेरित किया?
सामाजिक और राष्ट्रीय प्रभाव
ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी ने सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स की विश्वसनीयता और राष्ट्रीय सुरक्षा (National Security) पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। एक यूट्यूबर, जिसके लाखों फॉलोअर्स थे, का ISI के लिए जासूसी करना यह दर्शाता है कि विदेशी एजेंसियाँ प्रभावशाली हस्तियों को निशाना बना सकती हैं। हिसार के लोग इस खुलासे से हैरान हैं और माँग कर रहे हैं कि ज्योति और उसके साथियों को कड़ी सजा दी जाए। यह घटना सोशल मीडिया के दुरुपयोग और संवेदनशील सूचनाओं के लीक होने के खतरे को उजागर करती है। विशेषज्ञों का कहना है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट की निगरानी और इन्फ्लुएंसर्स की गतिविधियों पर नजर रखने की जरूरत है।
समाज में चर्चा और अनुत्तरित सवाल
यह मामला हिसार से लेकर पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। लोग यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक ट्रैवल व्लॉगर, जिसके वीडियो पर्यटन और संस्कृति पर आधारित थे, जासूसी जैसे अपराध में कैसे शामिल हो सकती है। क्या ज्योति को आर्थिक प्रलोभन दिया गया था? क्या पारिवारिक दूरी और लॉकडाउन के बाद की आर्थिक तंगी ने उसे इस रास्ते पर धकेला? या फिर ISI ने उसका सोशल मीडिया प्रभाव इस्तेमाल करने की साजिश रची? ये सवाल पुलिस जाँच के बाद ही सुलझ सकते हैं। ज्योति की कहानी समाज को यह सोचने पर मजबूर करती है कि ऑनलाइन छवि और वास्तविक इरादों में कितना अंतर हो सकता है।