अराक्कोणम, तमिलनाडु: भारतीय नौसेना में एक और गौरवशाली अध्याय जुड़ गया है। सब-लेफ्टिनेंट सिद्धि हेमंत ने नौसेना की दूसरी महिला हेलिकॉप्टर पायलट बनकर इतिहास रच दिया। सिद्धि सहित 18 नौसेना अधिकारियों ने 9 जून 2025 को तमिलनाडु के आईएनएस राजाली स्थित हेलिकॉप्टर ट्रेनिंग स्कूल से पायलट प्रशिक्षण पूरा किया।
कठिन प्रशिक्षण के बाद उपलब्धि
इन 18 अधिकारियों ने भारतीय नौसेना के एयर स्क्वाड्रन-561 में 22 सप्ताह के गहन उड़ान और जमीनी प्रशिक्षण को सफलतापूर्वक पार किया। सोमवार को आयोजित भव्य पासिंग आउट परेड में इन अधिकारियों ने अपनी मेहनत का परिचय दिया। इस समूह में एक अन्य महिला अधिकारी, दुबे, भी शामिल थीं, जिन्होंने अपनी प्रतिभा से सबका ध्यान खींचा।
गोल्डन विंग्स से सम्मान
जानकारी के अनुसार, पासिंग आउट परेड में इन नव-प्रशिक्षित पायलटों को प्रतिष्ठित गोल्डन विंग्स प्रदान किए गए, जो हेलिकॉप्टर पायलट के रूप में उनकी योग्यता का प्रतीक हैं। पूर्वी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल राजेश पेंढारकर ने यह सम्मान दिया। उन्होंने अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि नौसेना का विमानन हमेशा पेशेवरता, सटीकता और गर्व के लिए जाना जाता है।
फ्रंटलाइन मिशनों में जिम्मेदारी
ये नए पायलट अब नौसेना की अग्रिम पंक्ति की इकाइयों में तैनात होंगे। वे टोही, निगरानी, खोज और बचाव, और समुद्री डकैती विरोधी अभियानों जैसे महत्वपूर्ण मिशनों में हिस्सा लेंगे। वाइस एडमिरल पेंढारकर ने कहा, “इन पायलटों ने न सिर्फ उड़ान भरना सीखा है, बल्कि मिशन के साथ उद्देश्यपूर्ण उड़ान की कला भी हासिल की है।”
नौसेना में नारी शक्ति
सिद्धि हेमंत की यह उपलब्धि नौसेना में महिलाओं की बढ़ती भूमिका को रेखांकित करती है। उनके इस कदम ने न केवल नौसेना की गौरवशाली परंपरा को मजबूत किया, बल्कि युवा महिलाओं के लिए एक प्रेरणा भी स्थापित की। सिद्धि और उनके बैच के अन्य अधिकारी अब देश की समुद्री सुरक्षा में अहम योगदान देंगे।