प्यार के लिए LoC पार: नागपुर की शादीशुदा महिला की पाकिस्तान तक दीवानगी!

India-Pakistan Cross Border Love: नागपुर की 43 वर्षीय सुनीता जांगड़े ने पाकिस्तान के एक पादरी से ऑनलाइन प्यार के चलते कारगिल के रास्ते LoC पार कर पाकिस्तान में प्रवेश किया। शादीशुदा और एक बेटे की मां सुनीता को पाक रेंजर्स ने गिरफ्तार कर 26 मई 2025 को बीएसएफ को सौंप दिया। परिवार का दावा है कि वह मानसिक तनाव में थी। बीएसएफ और सुरक्षा एजेंसियां उससे पूछताछ कर रही हैं।

Samvadika Desk
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नागपुर की महिला ने पादरी के लिए पार की LoC, पहुंची पाकिस्तान। (AI जनित प्रतीकात्मक इमेज - संवादिका)
Highlights
  • नागपुर की सुनीता ने पादरी के प्यार में LoC पार कर पहुंची पाकिस्तान!
  • शादीशुदा सुनीता ने बेटे को लद्दाख में छोड़ा, कारगिल से पार की सीमा!
  • पाक रेंजर्स ने सुनीता को गिरफ्तार कर बीएसएफ को सौंपा, जांच शुरू!
  • परिवार का दावा: मानसिक तनाव के चलते सुनीता को उठाया खतरनाक कदम!

नागपुर/अमृतसर: प्यार की खातिर सरहदें लांघने की कहानियां अक्सर फिल्मों में देखी जाती हैं, लेकिन नागपुर की 43 वर्षीय सुनीता जांगड़े ने इसे हकीकत में बदल दिया। शादीशुदा और एक बेटे की मां सुनीता को पाकिस्तान के एक पादरी से ऑनलाइन प्यार हो गया, जिसके लिए उसने खतरनाक रास्तों से नियंत्रण रेखा पार कर पाकिस्तान में प्रवेश किया। सोमवार, 26 मई, 2025 को पाकिस्तानी रेंजर्स ने उसे अमृतसर के अटारी बॉर्डर पर बीएसएफ को सौंप दिया। अब भारतीय सुरक्षा एजेंसियां सुनीता से पूछताछ कर रही हैं। यह मामला प्यार की दीवानगी, मानसिक तनाव, और सीमा सुरक्षा जैसे गंभीर मुद्दों को उजागर करता है।

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ऑनलाइन इश्क और सरहद पार की कहानी

जानकारी के मुताबिक, नागपुर की रहने वाली सुनीता जांगड़े की मुलाकात कुछ महीने पहले सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तान के एक पादरी से हुई थी। दोनों के बीच बातचीत धीरे-धीरे प्यार में बदल गई। सुनीता इस कदर पादरी के प्रेम में डूब गई कि वह अपने शादीशुदा जीवन और 14 साल के बेटे को भूलकर पाकिस्तान जाने को बेताब हो उठी। उसने दो बार अटारी बॉर्डर के रास्ते पाकिस्तान में प्रवेश की कोशिश की, लेकिन बीएसएफ ने उसे वापस लौटा दिया।

सुनीता की जिद यहीं नहीं रुकी। जब वैध रास्तों से पाकिस्तान जाना संभव नहीं हुआ, तो उसने खतरनाक रास्ता चुना। करीब 15 दिन पहले वह अपने बेटे को साथ लेकर लद्दाख घूमने गई। 14 मई, 2025 को उसने अपने बेटे को लद्दाख के एक होटल में छोड़ा और कारगिल के हुंदरमन गांव से नियंत्रण रेखा (LoC) पार कर पाकिस्तान में प्रवेश कर गई।

पाकिस्तान में गिरफ्तारी और वापसी

पाकिस्तानी सीमा में प्रवेश करते ही सुनीता को पाक रेंजर्स ने गिरफ्तार कर लिया। पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों ने उससे पूछताछ की और भारतीय राजनयिकों से संपर्क किया। जांच के बाद, 26 मई को सुनीता को अटारी बॉर्डर पर बीएसएफ के हवाले कर दिया गया। बीएसएफ ने उसे सुरक्षित भारतीय सीमा में लाया, और अब बीएसएफ के साथ अन्य सुरक्षा एजेंसियां उससे पूछताछ कर रही हैं।

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मानसिक तनाव या प्यार की दीवानगी?

सुनीता के परिवार का कहना है कि वह पिछले कुछ समय से मानसिक तनाव से जूझ रही थी। परिवार के मुताबिक, इसी तनाव के चलते उसने इतना बड़ा और जोखिम भरा कदम उठाया। सुनीता का अपने बेटे को लद्दाख में अकेला छोड़कर बॉर्डर पार करना और पादरी से मिलने की जिद उसके मानसिक हालात पर सवाल उठाता है। हालांकि, यह भी जांच का विषय है कि क्या उसका यह कदम सिर्फ प्यार की दीवानगी था या इसके पीछे कोई और मंशा थी।

सीमा हैदर से तुलना और प्यार की कहानियां

सुनीता की कहानी सीमा हैदर की तरह है, जो अपने प्रेमी सचिन के लिए पाकिस्तान से भारत आई थी। दोनों मामलों में प्यार ने सरहदें लांघने की हिम्मत दी, लेकिन सुनीता का मामला कई मायनों में अलग है। वह शादीशुदा थी, और उसका एक नाबालिग बेटा है, जिसे उसने अकेला छोड़ दिया। इसके अलावा, उसका खतरनाक रास्ते से बॉर्डर पार करना और पाकिस्तानी रेंजर्स की गिरफ्त में आना इस मामले को और जटिल बनाता है।

प्यार में सरहदें लांघने की कहानियां बॉलीवुड फिल्मों जैसे ‘गदर’ में रोमांचक लगती हैं, लेकिन वास्तविक जीवन में ये गंभीर परिणाम लाती हैं। सुनीता की कहानी प्यार की दीवानगी के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य, पारिवारिक जिम्मेदारियों, और सीमा सुरक्षा जैसे मुद्दों पर सवाल उठाती है।

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सुरक्षा और सामाजिक सवाल

सुनीता का नियंत्रण रेखा पार करना भारत की सीमा सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती है। यह सवाल उठता है कि एक आम नागरिक इतनी आसानी से LoC पार करने में कामयाब कैसे हो गया। बीएसएफ और अन्य एजेंसियां अब इस बात की जांच कर रही हैं कि सुनीता ने बॉर्डर पार करने के लिए किन रास्तों और साधनों का इस्तेमाल किया। साथ ही, यह भी जांचा जा रहा है कि क्या पादरी या अन्य लोगों ने उसे इस कदम के लिए उकसाया।

यह मामला सोशल मीडिया पर ऑनलाइन रिश्तों के खतरों को भी उजागर करता है। अनजान लोगों से ऑनलाइन दोस्ती और प्रेम संबंध कई बार गंभीर जोखिमों को जन्म दे सकते हैं। सुनीता की कहानी समाज के लिए एक चेतावनी है कि भावनात्मक फैसलों में सावधानी बरतना जरूरी है।

प्यार, जिम्मेदारी, और एक अनसुलझा रहस्य

सुनीता जांगड़े की यह कहानी प्यार की दीवानगी और मानसिक तनाव का एक जटिल मिश्रण है। एक शादीशुदा महिला का अपने बेटे को छोड़कर खतरनाक रास्तों से पाकिस्तान जाना कई सवाल छोड़ गया है। क्या यह सिर्फ प्यार था, या मानसिक तनाव ने उसे ऐसा कदम उठाने के लिए मजबूर किया? क्या पादरी ने उसे जानबूझकर फंसाया? इन सवालों के जवाब जांच के बाद ही मिलेंगे।

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फिलहाल, सुनीता की वापसी और उससे चल रही पूछताछ इस मामले की नई परतें खोल सकती है। यह कहानी न केवल प्यार की अंधी दौड़ की तस्वीर पेश करती है, बल्कि परिवार, समाज, और राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति जिम्मेदारी की याद भी दिलाती है।

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