बरेली: वीजा फर्जीवाड़े में नाइजीरियाई छात्र यूसुफ बाला को जेल रवानगी, फोन-लैपटॉप की फॉरेंसिक जांच; सहयोगी अयूब की तलाश में पंजाब रवाना होगी पुलिस

Bareilly News: बरेली में नाइजीरियाई छात्र यूसुफ बाला ने फर्जी FRRO सर्टिफिकेट से वीजा एक्सटेंशन की कोशिश की, बिना अनुमति यूनिवर्सिटी बदली। पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा। सहयोगी अयूब के लिए टीम पंजाब रवाना। एक लैपटॉप 17 छात्र साझा कर रहे थे, फोन-लैपटॉप फॉरेंसिक में। IB-ATS पूछताछ में आतंकी कनेक्शन नहीं, लेकिन जांच जारी।

Samvadika Desk
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Highlights
  • नाइजीरियाई छात्र यूसुफ बाला फर्जी FRRO सर्टिफिकेट बनाते पकड़ा गया!
  • वीजा एक्सटेंशन के लिए लुधियाना का जाली पंजीकरण अपलोड किया!
  • बिना अनुमति पंजाब से बरेली रुहेलखंड यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया!

बरेली, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के बरेली में विदेशी छात्रों द्वारा वीजा अवधि बढ़ाने के लिए फर्जी दस्तावेज बनाने का मामला सामने आया है, जिसके चलते नाइजीरिया के छात्र यूसुफ बाला को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। बारादरी थाना पुलिस ने बुधवार को उसे न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में पेश किया, जहां से जेल वारंट जारी हो गया। यूसुफ का सहयोग करने वाले सूडान के छात्र अयूब को गिरफ्तार करने के लिए बृहस्पतिवार को पुलिस टीम पंजाब रवाना होगी। जांच में यह भी खुलासा हुआ कि यूसुफ के पास से जब्त मोबाइल फोन और लैपटॉप की फॉरेंसिक जांच होगी, जो एक ही डिवाइस को 17 नाइजीरियाई छात्र साझा कर रहे थे। एसपी सिटी मनोज पाठक ने बताया कि यह फर्जीवाड़ा आतंकी कनेक्शन से मुक्त लगता है, लेकिन पूरी जांच पूरी तरह पारदर्शी तरीके से की जाएगी।

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वीजा एक्सटेंशन के लिए फर्जी FRRO सर्टिफिकेट, रुहेलखंड यूनिवर्सिटी में एंट्री

अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, यूसुफ बाला ने 31 जनवरी 2025 को पंजाब के लुधियाना स्थित सिटी यूनिवर्सिटी में बीसीए कोर्स में दाखिला लिया था। लेकिन 19 जुलाई को वह बरेली की महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड यूनिवर्सिटी (एमजेपीआरयू) में बीएमएस (बैचलर ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज) के पहले वर्ष में एडमिशन ले लिया। नियमों के अनुसार, यूनिवर्सिटी बदलने पर विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (FRRO) अमृतसर से स्थानांतरण प्रमाणपत्र लेना अनिवार्य होता है। लेकिन यूसुफ ने बिना अनुमति के ही एडमिशन ले लिया।

इसके बाद उसने वीजा अवधि (22 दिसंबर 2025 तक वैध) बढ़ाने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया। आवेदन में FRRO लुधियाना का फर्जी पंजीकरण प्रमाणपत्र अपलोड कर दिया। बरेली पुलिस को गोपनीय सूचना मिली, जिसके बाद जांच शुरू हुई। सूडान के छात्र अयूब ने भी इसी तरह फर्जी दस्तावेज बनाकर आवेदन किया था। दोनों के खिलाफ बारादरी थाने में IPC की धारा 420 (धोखाधड़ी), 467 (जालसाजी) और अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ।

IB-ATS ने की पूछताछ, कोई आतंकी लिंक नहीं मिला

यूसुफ को गिरफ्तार करने के बाद इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) और एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) की टीमों ने उससे लंबी पूछताछ की। उद्देश्य आतंकी कनेक्शन की तलाश था, खासकर दिल्ली ब्लास्ट और फरीदाबाद विस्फोटक कांड के बाद विदेशी छात्रों पर शक बढ़ने से। लेकिन अब तक कोई आतंकी लिंक सामने नहीं आया। यूसुफ ने पूछताछ में बताया कि फर्जीवाड़ा सिर्फ वीजा एक्सटेंशन के लिए किया गया था। फिर भी, उसके पास से जब्त मोबाइल फोन और लैपटॉप को फॉरेंसिक लैब भेजा गया है। इंस्पेक्टर धनंजय पांडे ने बताया कि एक ही लैपटॉप का 17 नाइजीरियाई छात्र इस्तेमाल कर रहे थे, जो संदिग्ध है।

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सहयोगी अयूब की गिरफ्तारी के लिए पंजाब रवाना होगी टीम

अयूब अभी फरार है। बुधवार को कुछ औपचारिकताएं पूरी न होने से पंजाब जाने वाली टीम रुकी रही। बृहस्पतिवार सुबह पुलिस टीम लुधियाना रवाना होकर अयूब को गिरफ्तार कर लाएगी। यूसुफ के करीबी एक बीटेक छात्र (नाइजीरिया निवासी) से भी पूछताछ की गई है। यूनिवर्सिटी हॉस्टल में उसके साथ रहने वाले अन्य विदेशी छात्रों के बयान भी दर्ज हो रहे हैं। एसपी सिटी ने कहा कि यूसुफ की विदेश यात्राओं की भी जांच होगी।

यूनिवर्सिटी और FRRO नियमों का उल्लंघन

रुहेलखंड यूनिवर्सिटी में विदेशी छात्रों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन एडमिशन प्रक्रिया में FRRO नियमों का पालन न होने से सवाल उठे हैं। यूसुफ का वीजा वैध है, लेकिन फर्जी दस्तावेज से एक्सटेंशन की कोशिश ने मामला गंभीर बना दिया। पुलिस ने यूनिवर्सिटी प्रशासन से भी सहयोग मांगा है।

यह मामला विदेशी छात्रों के वीजा नियमों की पालना पर सवाल खड़े कर रहा है। जांच में और खुलासे हो सकते हैं। पुलिस ने अपील की है कि विदेशी छात्र नियमों का पालन करें, वरना कड़ी कार्रवाई होगी।

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