बिजनौर, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में एक शर्मनाक घटना ने सामाजिक सौहार्द को चुनौती दी है। एक मुस्लिम छात्रा को अपने हिंदू साथी के साथ देखकर तीन युवकों ने उन्हें रास्ते में रोका, पूछताछ की, मोटरसाइकिल की चाबी छीनी और उनका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। छात्रा ने बार-बार समझाया कि युवक उसका रिश्ते का भाई है, लेकिन आरोपियों ने उसकी एक न सुनी। वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और उनके खिलाफ मामला दर्ज किया।
ट्यूशन से लौटते समय रोका गया
आजतक की रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना बिजनौर के कोटकादर क्षेत्र की है। 10 अक्टूबर को एक मुस्लिम छात्रा और उसका पड़ोसी, जो हिंदू समुदाय से है, ट्यूशन पढ़कर मोटरसाइकिल से घर लौट रहे थे। दोनों एक ही इंटर कॉलेज में इंटरमीडिएट के छात्र हैं और एक ही मोहल्ले में रहते हैं। रास्ते में एक निर्माणाधीन कॉलोनी के पास दोनों कुछ देर रुके और बातचीत करने लगे। तभी तीन युवक—आकिब, आवेश और अराफात—वहां पहुंच गए।
“तुम हिंदू लड़के के साथ क्यों घूम रही हो?”
आरोपियों ने पहले मोटरसाइकिल की चाबी छीन ली और फिर छात्रा से सवाल-जवाब शुरू कर दिए। उन्होंने पूछा, “तुम मुस्लिम हो और यह हिंदू है, तो इसके साथ क्यों घूम रही हो?” छात्रा ने बार-बार बताया कि युवक उसका रिश्ते का भाई है और वे साथ में ट्यूशन से लौट रहे हैं, लेकिन आरोपियों ने उनकी बात अनसुनी कर दी। इसके बजाय, उन्होंने जबरन दोनों का वीडियो बनाना शुरू कर दिया और छात्रा से उसके परिवार व शिक्षक के फोन नंबर मांगने लगे। इस दौरान उनकी हरकतें धमकी भरी थीं, जिससे छात्रा और उसका साथी डर गए।
वीडियो वायरल, पुलिस हरकत में आई
आरोपियों ने इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर डाल दिया, जिसमें छात्रा साफ कह रही है कि वह अपने रिश्ते के भाई के साथ है, लेकिन युवक उसे जाने नहीं दे रहे। वीडियो के वायरल होने के बाद मामला सुर्खियों में आया और सामाजिक सौहार्द को ठेस पहुंचाने की बात सामने आई। बिजनौर पुलिस ने तुरंत सक्रियता दिखाई और वीडियो की जांच शुरू की।
तीनों आरोपी गिरफ्तार, केस दर्ज
पुलिस ने वीडियो के आधार पर तीनों आरोपियों—आकिब, आवेश और अराफात—की पहचान की और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उनके खिलाफ आईटी एक्ट और अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि इस तरह की हरकतें सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाती हैं और दोषियों को कड़ी सजा दी जाएगी। जांच में यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या यह कोई सुनियोजित हरकत थी या अचानक की गई शरारत।
सामाजिक सौहार्द पर सवाल
यह घटना बिजनौर जैसे मिश्रित आबादी वाले जिले में सामुदायिक तनाव को बढ़ाने वाली साबित हो सकती थी। स्थानीय लोग इस घटना से नाराज हैं और इसे निजता का उल्लंघन मान रहे हैं। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “लड़की ने बार-बार बताया कि वह अपने रिश्तेदार के साथ थी, फिर भी उसका वीडियो बनाकर वायरल करना गलत है। इससे समाज में गलत संदेश जाता है।” वहीं, कुछ लोगों ने पुलिस की त्वरित कार्रवाई की सराहना की और मांग की कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
पुलिस की सख्ती और आगे की कार्रवाई
बिजनौर पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और समाज में शांति बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाने की बात कही है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरोपियों से पूछताछ जारी है, और यह पता लगाया जा रहा है कि क्या उनके पीछे कोई बड़ा मकसद था। साथ ही, सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो को हटाने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि पीड़ितों की निजता की रक्षा हो सके।
सामाजिक और कानूनी संदेश
यह घटना न केवल निजता के उल्लंघन का मामला है, बल्कि यह धार्मिक संवेदनशीलता और सामाजिक सौहार्द पर भी सवाल उठाती है। बिना सबूत के किसी को निशाना बनाना और उनकी निजी जिंदगी को सार्वजनिक करना न केवल कानूनी अपराध है, बल्कि यह सामाजिक एकता को भी कमजोर करता है। इस घटना ने यह भी दिखाया कि सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल कितना नुकसान पहुंचा सकता है।
बिजनौर पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने स्थिति को और बिगड़ने से रोक लिया, लेकिन यह घटना समाज में जिम्मेदारी और संवेदनशीलता की जरूरत को रेखांकित करती है। अब सभी की नजर इस बात पर है कि पुलिस की जांच में और क्या खुलासे होते हैं और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।

