लखनऊ, उत्तर प्रदेश: दिल्ली के नई संसद भवन की तर्ज पर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी आधुनिक विधानसभा परिसर का निर्माण होने जा रहा है। इसके लिए लंबे समय से चली आ रही जमीन की तलाश अब लगभग पूरी हो चुकी है। लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने गोमती नगर एक्सटेंशन स्थित सहारा इंडिया पारिवारिक की 245 एकड़ भूमि का विस्तृत सर्वेक्षण पूरा कर रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जल्द ही इस पर अंतिम मुहर लगा सकते हैं। यह कदम मौजूदा विधान भवन में जगह की किल्लत को दूर करने और प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।
सहारा की जमीन सबसे उपयुक्त, एलडीए ने 10 दिनों में सर्वे पूरा किया
शासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया पत्रकार को बताया कि सहारा समूह को लीज पर दी गई सहारा सिटी की यह 245 एकड़ भूमि अब सरकार के पूर्ण कब्जे में है। इसे नई विधानसभा के लिए सबसे संभावित स्थल माना जा रहा है। एलडीए ने सरकारी निर्देश पर मात्र 10 दिनों में इस भूमि का माप और सर्वेक्षण कर लिया। रिपोर्ट में कुल क्षेत्र में से 130 एकड़ को लाइसेंस समझौते के तहत चिह्नित किया गया है, जिसमें 40 एकड़ हरित पट्टी और 75 एकड़ अन्य हरित उपयोग के लिए आरक्षित हैं। बाकी हिस्सा निर्माण के लिए उपलब्ध होगा। यह भूमि भौगोलिक और कनेक्टिविटी के लिहाज से आदर्श है—मुख्यमंत्री आवास, गोमती नगर के विधायकों के आवास परिसर और हजरतगंज के प्रशासनिक केंद्र से लगभग बराबर दूरी पर स्थित है। शहीद पथ और हजरतगंज से सीधा जुड़ाव, मेट्रो स्टेशन व एयरपोर्ट से मात्र 15-20 मिनट की दूरी इसे और आकर्षक बनाती है। अधिकारियों का मानना है कि यहां विधानसभा सत्रों के दौरान यातायात का बोझ काफी कम हो जाएगा।
2023 में नई संसद से प्रेरित योजना, एचसीपी डिजाइन को सौंपा काम
नई विधानसभा भवन की योजना को गति 2023 में नई संसद भवन के उद्घाटन के बाद मिली। राज्य सरकार ने गुजरात के अहमदाबाद स्थित एचसीपी डिजाइन, प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड (जिसने दिल्ली संसद का डिजाइन तैयार किया) को संभावित स्थलों के सुझाव देने का जिम्मा सौंपा। कंपनी ने गोमती नगर एक्सटेंशन को प्राथमिकता दी। वित्त वर्ष 2023-24 में इस परियोजना के लिए 50 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया था, लेकिन जमीन फाइनल न होने से काम अटक गया। शहर के बाहरी इलाकों के प्रस्तावित स्थलों को दूरी और प्रशासनिक असुविधा के कारण रद्द कर दिया गया। अब सहारा सिटी को अंतिम विकल्प माना जा रहा है।
मौजूदा भवन में जगह की किल्लत, 1928 का पुराना ढांचा
मौजूदा विधान भवन, जो 1928 में ब्रिटिश काल में बनाया गया था, उत्तर प्रदेश की स्थापत्य विरासत का अनमोल नमूना है। लेकिन यह द्विकक्षीय विधानमंडल (विधानसभा में 403 सदस्यों का लक्ष्य, वर्तमान में 379 सीटें) के लिए अपर्याप्त हो चुका है। अतिरिक्त पंक्तियां जोड़कर 35 और सीटें बढ़ाई गईं, लेकिन विस्तार की कोई गुंजाइश नहीं बची। सत्रों के दौरान विधायक, अधिकारी और स्टाफ के लिए जगह की भारी कमी से दैनिक कार्य प्रभावित हो रहे हैं। नई इमारत में आधुनिक सुविधाएं जैसे डिजिटल हॉल, कांफ्रेंस रूम और पर्यावरण-अनुकूल डिजाइन शामिल होंगे।
सीएम योगी की मुहर से शुरू होगा निर्माण, विकास को मिलेगी गति
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में योगी सरकार विकास को प्राथमिकता दे रही है। सहारा सिटी पर अंतिम फैसला जल्द आने की उम्मीद है। एक बार मुहर लगते ही एचसीपी डिजाइन को विस्तृत योजना तैयार करने का काम सौंपा जाएगा। भूमि अधिग्रहण और पर्यावरण मंजूरी के बाद निर्माण शुरू हो सकता है। यह परियोजना लखनऊ को एक आधुनिक विधायी केंद्र के रूप में स्थापित करेगी, जो दिल्ली संसद की तरह राज्य स्तर पर शासन को मजबूत बनाएगी। स्थानीय निवासियों में भी उत्साह है, क्योंकि इससे क्षेत्र में रोजगार और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को बल मिलेगा।

