रामपुर, उत्तर प्रदेश: पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के लिए जासूसी करने के आरोप में रामपुर से गिरफ्तार शहजाद ने सनसनीखेज खुलासा किया है। उसने उत्तर प्रदेश में कई स्थानों पर आतंकी हमले की साजिश होने की बात कबूल की है, जिसे जल्द ही अंजाम दिया जाना था। उत्तर प्रदेश की एंटी-टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) को पूछताछ में शहजाद ने अपने नेटवर्क में शामिल अन्य एजेंटों, उनके काम करने के तरीकों, और महत्वपूर्ण संस्थानों की जासूसी की योजनाओं के बारे में अहम जानकारी दी है। यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरे को उजागर करता है, और ATS अब इस जासूसी नेटवर्क को पूरी तरह उजागर करने के लिए ताबड़तोड़ कार्रवाई में जुट गई है।
शहजाद की गिरफ्तारी और कबूलनामा
रामपुर के आजाद नगर मोहल्ले के निवासी शहजाद को ATS ने हाल ही में पाकिस्तानी ISI के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने उसे 31 मई, 2025 तक न्यायिक रिमांड पर भेजा है। पूछताछ के दौरान शहजाद शुरू में सवालों से बचता रहा और कई जानकारियों से इनकार करता रहा। हालांकि, जब ATS ने उसकी कॉल डिटेल्स और व्हाट्सएप चैट्स का सबूत पेश किया, तो उसने कबूल किया कि वह ISI के संपर्क में था।
शहजाद ने बताया कि वह व्हाट्सएप के जरिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के हैंडलर्स से जुड़ा था। उसने यह भी स्वीकारा कि वह ISI के इशारे पर कॉस्मेटिक्स और आर्टिफिशियल ज्वैलरी की तस्करी में शामिल था, जिसे कवर के रूप में इस्तेमाल किया जाता था। इसके अलावा, वह भारत में सक्रिय अन्य जासूसों को फंडिंग उपलब्ध कराता था, ताकि वे खुफिया जानकारी जुटाकर पाकिस्तान भेज सकें। ATS अब शहजाद को दोबारा रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है, ताकि इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों और उनकी गतिविधियों का पता लगाया जा सके।
आतंकी हमले की साजिश और जासूसी का जाल
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शहजाद के खुलासे ने यूपी में आतंकी हमले की साजिश को उजागर किया है। उसने कबूल किया कि ISI के इशारे पर यूपी के कई महत्वपूर्ण स्थानों पर हमले की योजना बन रही थी, और इसे जल्द ही अंजाम देने की तैयारी थी। इसके लिए शहजाद और उसके नेटवर्क के अन्य एजेंट महत्वपूर्ण संस्थानों, जैसे सैन्य छावनियों और सरकारी प्रतिष्ठानों, की जासूसी कर रहे थे।
शहजाद ने अपने नेटवर्क के काम करने के तरीके भी बताए। उसने खुलासा किया कि उसने कई परिचितों को पैसे का लालच देकर इस जासूसी नेटवर्क में शामिल किया था। ये लोग स्थानीय दुकानदारों, चाय की दुकानों, और होटलों के जरिए सैन्य क्षेत्रों की जानकारी जुटाते थे। ATS अब इन एजेंटों की पहचान और उनके संपर्कों की जांच कर रही है, ताकि इस नेटवर्क को पूरी तरह ध्वस्त किया जा सके।
तस्करी और फंडिंग का खेल
शहजाद ने पूछताछ में बताया कि वह ISI के लिए न केवल जासूसी करता था, बल्कि सीमा पार तस्करी और फंडिंग के जरिए भी इस नेटवर्क को सपोर्ट करता था। उसने कॉस्मेटिक्स और आर्टिफिशियल ज्वैलरी की तस्करी को जासूसी गतिविधियों के लिए एक कवर के रूप में इस्तेमाल किया। इसके अलावा, उसे पाकिस्तानी एजेंटों से छोटी-छोटी रकम बैंक खातों और नकद में मिलती थी, जिसे वह देश में फैले अन्य जासूसों तक पहुंचाता था।
ATS ने शहजाद से मिलने वाली रकम के बारे में कई सवाल किए, लेकिन उसने इस पर ज्यादा खुलकर बात नहीं की। उसने स्वीकारा कि उसे कई बार नकद और बैंक ट्रांसफर के जरिए पैसे मिले, लेकिन रकम की सटीक जानकारी देने से बचता रहा। ATS अब इस फंडिंग चैनल की गहराई से जांच कर रही है और शहजाद को लेकर दिल्ली, रामपुर, और अन्य जिलों में छापेमारी की योजना बना रही है।
हनीट्रैप कनेक्शन की जांच
ATS यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या शहजाद का उन लोगों से कोई संपर्क था, जो हाल ही में हनीट्रैप के जरिए जासूसी के मामलों में पकड़े गए थे। इनमें फिरोजाबाद आर्डिनेंस फैक्ट्री के कर्मचारी रवींद्र कुमार और कानपुर आर्डिनेंस फैक्ट्री के कर्मचारी विकास कुमार शामिल हैं, जिन्हें ISI की एजेंट नेहा शर्मा (काल्पनिक नाम) ने अपने जाल में फंसाया था। शहजाद ने अभी तक इन लोगों से संपर्क की बात से इनकार किया है, लेकिन ATS इस संभावना को खारिज नहीं कर रही है।
सामाजिक और राष्ट्रीय सुरक्षा पर खतरा
यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरे को उजागर करता है। ISI जैसे संगठन स्थानीय लोगों को पैसे का लालच देकर या अन्य तरीकों से अपने जाल में फंसाकर जासूसी और आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। शहजाद जैसे लोग, जो सामान्य पृष्ठभूमि से आते हैं, आसानी से ऐसे नेटवर्क का हिस्सा बन जाते हैं। यह मामला यह भी दर्शाता है कि कैसे सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स (जैसे व्हाट्सएप) का इस्तेमाल खुफिया जानकारी लीक करने के लिए किया जा रहा है।
रामपुर के आजाद नगर मोहल्ले में रहने वाले शहजाद के परिवार के बारे में भी जानकारी सामने आई है। उसने पूछताछ में अपने परिवार के सभी सदस्यों के बारे में बताया, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि क्या उसके परिवार को उसकी गतिविधियों की जानकारी थी। ATS अब इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या शहजाद का परिवार या अन्य स्थानीय लोग इस नेटवर्क से जुड़े थे।
एक चेतावनी और आगे की कार्रवाई
शहजाद के खुलासे ने उत्तर प्रदेश और देश की सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है। यह मामला न केवल आतंकी साजिश को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे विदेशी खुफिया एजेंसियां भारत के सामान्य नागरिकों को अपने जाल में फंसा रही हैं। ATS की जांच अब इस नेटवर्क के हर पहलू को खंगाल रही है, और जल्द ही और गिरफ्तारियां होने की संभावना है।
यह मामला समाज के लिए भी एक चेतावनी है कि पैसे के लालच या अन्य प्रलोभनों में फंसकर देश की सुरक्षा को खतरे में डालने वाले कदमों से बचना चाहिए। शहजाद की गिरफ्तारी और उसके खुलासे इस बात का सबूत हैं कि सुरक्षा एजेंसियां इस तरह की साजिशों को नाकाम करने के लिए पूरी तरह सतर्क हैं। यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने और जासूसी नेटवर्क को ध्वस्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है।