प्रयागराज में विदाई से पहले टूटी शादी: दुल्हन की तोतली आवाज सुनकर दूल्हे ने तोड़ा रिश्ता!

Prayagraj News: प्रयागराज के मऊआइमा में 23 मई 2025 को एक शादी दुल्हन की तोतली आवाज के कारण टूट गई। विदाई के समय दुल्हन का रोना सुनकर दूल्हे और उसके परिवार ने धोखाधड़ी का आरोप लगाया। रातभर चली पंचायत के बाद दोनों पक्षों ने सहमति से रिश्ता रद्द किया। कौशांबी से आई बारात बिना दुल्हन लौटी।

Samvadika Desk
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दुल्हन की तोतली आवाज सुनकर दूल्हे ने तोड़ा रिश्ता (AI जनित प्रतीकात्मक इमेज - संवादिका)
Highlights
  • प्रयागराज में दुल्हन की तोतली आवाज बनी शादी टूटने की वजह!
  • मऊआइमा में विदाई से पहले दूल्हे ने ठुकराया रिश्ता, मचा हंगामा!
  • जयमाल और फेरे के बाद भी शादी अधूरी, धोखाधड़ी का लगा आरोप!

प्रयागराज, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में एक हैरान करने वाली घटना ने सभी को चौंका दिया। मऊआइमा में एक शादी धूमधाम से शुरू हुई, जयमाल और फेरे पूरे हुए, लेकिन विदाई के ठीक पहले दुल्हन की तोतली आवाज सुनकर दूल्हे ने शादी तोड़ दी। दूल्हे के परिवार ने कन्या पक्ष पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया। रातभर चली पंचायत के बाद दोनों पक्षों ने आपसी सहमति से रिश्ता खत्म किया, और बारात बिना दुल्हन के लौट गई। यह मामला क्षेत्र में चर्चा का केंद्र बन गया है।

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शादी की खुशियाँ और अचानक विवाद

ख़बरों के अनुसार, यह अनोखा वाकया 23 मई 2025 को प्रयागराज के मऊआइमा थाना क्षेत्र के एक गाँव में हुआ। गाँव की एक युवती की शादी कौशांबी जिले के एक युवक के साथ तय हुई थी। दोनों परिवार इस शादी को लेकर उत्साहित थे। तय तारीख पर दूल्हा बारात लेकर मऊआइमा पहुँचा। कन्या पक्ष ने बारातियों का जोरदार स्वागत किया, और मेहमानों की खातिरदारी में कोई कसर नहीं छोड़ी। रात को शान-ओ-शौकत के साथ जयमाल की रस्म हुई, और पंडित ने मंत्रोच्चार के साथ फेरे करवाए। वर-वधू को सुखी दांपत्य जीवन का आशीर्वाद दिया गया। माहौल खुशी और जश्न से भरा था।

विदाई में रोने से खुला राज: दुल्हन का तोतलापन बना बजह

रात बीतने के बाद 24 मई 2025 की सुबह विदाई का समय आया। परंपरा के अनुसार, दुल्हन विदा होने से पहले रोने लगी। लेकिन उसका रोना सुनकर दूल्हा और उसके परिजन हैरान रह गए। दुल्हन की आवाज में तोतलापन साफ सुनाई दे रहा था। यह सुनते ही दूल्हे के परिवार ने तुरंत आपत्ति जताई। उन्होंने कन्या पक्ष पर धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए कहा कि दुल्हन के तोतलेपन की बात उनसे छिपाई गई। दूल्हे ने साफ कहा कि वह इस शादी को आगे नहीं बढ़ा सकता।

इस बात को लेकर दोनों पक्षों में तीखी बहस शुरू हो गई। माहौल इतना तनावपूर्ण हो गया कि मामला गाँव के गणमान्य लोगों तक पहुँचा। कन्या पक्ष ने सफाई दी कि तोतलापन कोई बड़ी बात नहीं है, और शादी की बाकी रस्में पूरी हो चुकी हैं। लेकिन वर पक्ष अपनी बात पर अड़ा रहा।

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पंचायत में हुआ अंतिम फैसला

विवाद बढ़ता देख गाँव में तुरंत पंचायत बुलाई गई। दोनों पक्षों के बुजुर्गों और रिश्तेदारों ने घंटों इस मुद्दे पर चर्चा की। पंचायत में यह तर्क दिया गया कि दुल्हन का तोतलापन उसके वैवाहिक जीवन में बाधा बन सकता है। वर पक्ष का कहना था कि उन्हें इस बारे में पहले बताया जाना चाहिए था। दूसरी ओर, कन्या पक्ष ने इसे छोटी बात बताकर शादी जारी रखने की अपील की।

लंबी बातचीत के बाद पंचायत ने फैसला लिया कि अगर शादी के बाद भी दोनों पक्षों में सहमति नहीं है, तो रिश्ता आगे बढ़ाना ठीक नहीं होगा। आखिरकार, दोनों परिवारों ने आपसी सहमति से शादी रद्द करने का निर्णय लिया। वर पक्ष ने दहेज में लिया सामान वापस किया, और कन्या पक्ष ने बारात में दी गई चीजें लौटाईं। इसके बाद दूल्हा और बारात बिना दुल्हन के कौशांबी लौट गए।

गाँव में बहस का माहौल

शादी टूटने की खबर मऊआइमा और आसपास के गाँवों में जंगल की आग की तरह फैल गई। लोग इस घटना पर तरह-तरह की बातें कर रहे हैं। कुछ लोग वर पक्ष के फैसले को समझ रहे हैं, उनका कहना है कि शादी जैसे बड़े रिश्ते में पारदर्शिता जरूरी है। वहीं, कुछ लोग कन्या पक्ष के साथ हैं, जो इसे छोटी सी बात मानते हैं। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “तोतलापन कोई बीमारी नहीं, इसे इतना बड़ा मुद्दा बनाना ठीक नहीं।” यह घटना सामाजिक अपेक्षाओं और शादी में छोटी-छोटी बातों के प्रभाव को उजागर करती है।

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क्या थी कमी?

इस घटना ने यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि शादी से पहले दोनों पक्षों को एक-दूसरे की हर बात खुलकर जान लेनी चाहिए। दुल्हन के तोतलेपन को छिपाना कन्या पक्ष की गलती थी, लेकिन इसे शादी तोड़ने का आधार बनाना भी सवाल उठाता है। पंचायत ने शांति बनाए रखने के लिए आपसी सहमति का रास्ता चुना, लेकिन यह मामला यह बताता है कि शादी में छोटी सी बात भी बड़ा विवाद बन सकती है। अगर दोनों पक्ष पहले खुलकर बात करते, तो शायद यह नौबत न आती।

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