यूपी: रात को प्रेमिका से मिलने गया प्रेमी, रंगे हाथ पकड़ा गया, पंचायत ने ऐसे कराई अनोखी शादी!

UP News: संतकबीरनगर के धनघटा में प्रकाश कुमार को प्रेमिका बिजना से मिलते रंगे हाथ पकड़ा गया। पंचायत ने डॉ. अंबेडकर प्रतिमा के सामने दोनों की शादी कराई। गाँव वालों ने प्रेम को स्वीकृति दी।

Samvadika Desk
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पंचायत ने प्रेमी-प्रेमिका करायी शादी (इमेज - सोशल मीडिया)
Highlights
  • संतकबीरनगर में प्रेमी को प्रेमिका से मिलते पकड़ा, पंचायत ने कराई शादी!
  • बिजना और प्रकाश की प्रेम कहानी, अंबेडकर प्रतिमा के सामने सात फेरे!
  • सोशल मीडिया पर वायरल: पंचायत की अनोखी शादी की कहानी!

संतकबीरनगर, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के धनघटा क्षेत्र में एक प्रेम कहानी ने अनोखा मोड़ ले लिया, जब चोरी-छिपे प्रेमिका से मिलने गए प्रेमी को उसके परिवार ने रंगे हाथों पकड़ लिया। इसके बाद गाँव में पंचायत बुलाई गई, और डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा के सामने प्रेमी जोड़े की शादी करा दी गई। यह घटना 27 जून 2025 की है, और पूरे इलाके में इसकी चर्चा जोरों पर है। प्रेमिका का नाम बिजना और प्रेमी का नाम प्रकाश कुमार बताया जा रहा है।

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चोरी-छिपे मिलने का नतीजा

जानकारी के अनुसार, धनघटा क्षेत्र के एक गाँव की रहने वाली बिजना का पड़ोस के गाँव के प्रकाश कुमार के साथ लंबे समय से प्रेम प्रसंग चल रहा था। शुक्रवार की रात, 27 जून 2025 को प्रकाश अपनी प्रेमिका से मिलने चोरी-छिपे उसके घर पहुँचा। लेकिन बिजना के परिवार वालों ने उसे पकड़ लिया। इसके बाद प्रकाश के परिवार को सूचना दी गई। दोनों पक्षों के लोग गाँव में इकट्ठा हुए, और एक पंचायत बुलाई गई। पंचायत में लंबी चर्चा के बाद फैसला लिया गया कि दोनों की शादी करा दी जाए, ताकि रिश्ते को सामाजिक मान्यता मिले।

अंबेडकर प्रतिमा के सामने सात फेरे

पंचायत के फैसले के बाद गाँव में डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा के सामने बिजना और प्रकाश की शादी की रस्में शुरू हुईं। दोनों ने प्रतिमा के चारों ओर सात फेरे लिए और एक-दूसरे के साथ जीने-मरने की कसमें खाईं। इस शादी में कोई भव्य आयोजन नहीं था, लेकिन पंचायत की मौजूदगी और गाँव वालों की सहमति ने इसे सामाजिक स्वीकृति दे दी। यह घटना पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गई है, और लोग इस अनोखी प्रेम कहानी की तारीफ कर रहे हैं।

पुलिस को कोई शिकायत नहीं

थानाध्यक्ष आर.के. मिश्रा ने स्थानीय रिपोर्टर को बताया कि उन्हें इस घटना की कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है, और न ही कोई शिकायत दर्ज हुई है। चूँकि यह मामला आपसी सहमति से सुलझ गया, पुलिस ने इसमें हस्तक्षेप नहीं किया। गाँव वालों का कहना है कि पंचायत का यह फैसला दोनों परिवारों के लिए स्वीकार्य था, और प्रेमी जोड़े को नया जीवन शुरू करने का मौका मिला।

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प्रेम की जीत या सामाजिक दबाव?

यह घटना प्रेम की जीत को दर्शाती है, लेकिन साथ ही सामाजिक दबाव और परंपराओं पर सवाल भी उठाती है। क्या पंचायत का त्वरित फैसला प्रेम को सम्मान देने का प्रतीक है, या सामाजिक दबाव का नतीजा? क्या ऐसी घटनाओं में परिवार और समाज को प्रेमी जोड़ों की भावनाओं को और खुलकर स्वीकार करना चाहिए? यह कहानी न केवल बिजना और प्रकाश के प्यार को उजागर करती है, बल्कि समाज से प्रेम और परंपरा के बीच संतुलन की माँग भी करती है।

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