ज्योति मल्होत्रा: पहलगाम हमले से बांग्लादेश मॉड्यूल तक, NIA की गहन जांच में मिले सबूत!

Jyoti Malhotra Youtuber: पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा के केस में NIA ने गंभीर खुलासे किए हैं। पहलगाम दौरे के बाद हुए आतंकी हमले और बांग्लादेश वीजा जैसे सुरागों ने उसके अंतरराष्ट्रीय संपर्कों की परतें खोली हैं। पूछताछ में पाकिस्तानी अधिकारी से मुलाकात, पुरी यात्रा और ISI से संबंधों की जांच जारी है। यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े करता है।

Samvadika Desk
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ज्योति मल्होत्रा यूट्यूबर। (इमेज - सोशल मीडिया)
Highlights
  • पहलगाम हमला और यूट्यूबर ज्योति की कड़ी क्या है? NIA जांच में बड़ा शक!
  • पाकिस्तानी अधिकारी से होटल में मुलाकात, क्या दे डाली संवेदनशील जानकारी?
  • पहलगाम दौरे के बाद आतंकी हमला – क्या था ज्योति का असली मकसद?
  • हाई कमीशन, ISI और यूट्यूब – कैसे जुड़ा है जासूसी का जाल?

हिसार, हरियाणा: यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा (Youtuber Jyoti Malhotra), जो पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार है, की गतिविधियों ने जांच एजेंसियों को चौंका दिया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और खुफिया ब्यूरो (IB) की टीमें उससे पूछताछ कर रही हैं। जांच में पता चला है कि ज्योति मार्च 2025 में पाकिस्तानी हाई कमीशन के अधिकारी दानिश से मिली थी। उसके पहलगाम दौरे के बाद हुए आतंकी हमले (Pahalgam Attack) ने भी सवाल खड़े किए हैं। इसके अलावा, ज्योति के बांग्लादेश वीजा आवेदन ने जासूसी रैकेट के नए मॉड्यूल की ओर इशारा किया है।

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पहलगाम हमले से ज्योति मल्होत्रा का कनेक्शन

ज्योति मल्होत्रा, जो ‘ट्रैवल विद जो (Travel with Jo) ’ यूट्यूब चैनल चलाती थीं, की गतिविधियाँ जांच के दायरे में हैं। एनआईए को संदेह है कि ज्योति के मार्च 2025 में पहलगाम दौरे और उसके बाद हुए आतंकी हमले के बीच कोई संबंध हो सकता है। पूछताछ में सामने आया कि ज्योति ने उसी दौरान पाकिस्तानी हाई कमीशन के अधिकारी दानिश से मुलाकात की थी, जिसके बाद दोनों के बीच चैट होती रही। एनआईए अब ज्योति को पहलगाम ले जाकर घटनास्थल की जांच कर सकती है। जांच एजेंसियों को ज्योति के मोबाइल और लैपटॉप से कई अहम सबूत मिले हैं, जिनका विश्लेषण जारी है।

बांग्लादेश मॉड्यूल: नया जासूसी कोण

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जांच में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि ज्योति ने बांग्लादेश वीजा (Bangladesh Visa) के लिए आवेदन किया था। उसने अपने अस्थायी पते के रूप में ढाका के उत्तरा क्षेत्र को दर्ज किया, लेकिन आवेदन में तारीख का उल्लेख नहीं था। एनआईए का मानना है कि ज्योति की यह प्रस्तावित यात्रा बांग्लादेशी ऑपरेटिव्स से मिलने के लिए थी, जिसे वीडियो शूट के बहाने छिपाया गया। जांच एजेंसियों को शक है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) भारत में जासूसी के लिए बांग्लादेश-आधारित मॉड्यूल तैयार कर रही है। इस मॉड्यूल में भारत के जासूसों को बांग्लादेशी ऑपरेटरों से जोड़ा जा रहा है। एनआईए और पुलिस अब इस कोण पर गहराई से जांच कर रही हैं।

पाकिस्तानी अधिकारी दानिश से मुलाकात

ज्योति की जासूसी गतिविधियों का एक बड़ा सुराग उसकी पाकिस्तानी हाई कमीशन के अधिकारी दानिश से मुलाकात है। मार्च 2025 में हुई इस मुलाकात के बाद दोनों के बीच नियमित संवाद था। एनआईए को संदेह है कि ज्योति ने दानिश को संवेदनशील जानकारी दी, जो राष्ट्रीय सुरक्षा (National Security) के लिए खतरा थी। पूछताछ में ज्योति के डिवाइस से मिले डेटा ने इन संदेहों को बल दिया है। हालांकि, मोबाइल और लैपटॉप के डेटा की फोरेंसिक रिपोर्ट अभी बाकी है, जो और खुलासे कर सकती है।

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पुरी की यूट्यूबर से संपर्क

जांच में यह भी सामने आया कि ज्योति ने सितंबर 2024 में पुरी की यूट्यूबर प्रियंका सेनापति (Youtuber Priyanka Senapati) से संपर्क किया था। दोनों की मुलाकात ज्योति के पुरी दौरे के दौरान हुई, जहाँ प्रियंका ने उसे जगन्नाथ मंदिर (Jagannath Temple) और अन्य स्थानों की सैर कराई। हालांकि, प्रियंका और उनके पिता ने दावा किया कि उनकी दोस्ती केवल पेशेवर थी, और प्रियंका को ज्योति की जासूसी गतिविधियों की कोई जानकारी नहीं थी। एनआईए इस पहलू की भी जांच कर रही है, लेकिन अभी तक प्रियंका के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिला है।

कानूनी कार्रवाई और आगे की जांच

ज्योति की रिमांड अवधि पूरी होने के बाद गुरुवार को पुलिस उसे अदालत में पेश करेगी। इसके बाद एनआईए या पुलिस उसे और रिमांड पर ले सकती है। जांच एजेंसियाँ ज्योति के सोशल मीडिया अकाउंट्स, वीडियो, और विदेशी संपर्कों की गहन पड़ताल कर रही हैं। पुरी के एसपी विनीत अग्रवाल ने स्थानीय रिपोर्टर को बताया कि ज्योति की पुरी यात्रा के दौरान की गतिविधियाँ, ठहरने की जगह, और मुलाकातें जांच के दायरे में हैं। केंद्रीय एजेंसियाँ और हरियाणा पुलिस के साथ समन्वय बनाकर इस जासूसी रैकेट की सभी कड़ियों को खंगाला जा रहा है।

राष्ट्रीय सुरक्षा पर सवाल

ज्योति मल्होत्रा (Jyoti Malhotra) का जासूसी मामला न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चुनौती है, बल्कि सोशल मीडिया और यूट्यूब जैसे मंचों के दुरुपयोग को भी उजागर करता है। पहलगाम हमले से लेकर बांग्लादेश मॉड्यूल तक, ज्योति की गतिविधियाँ एक बड़े जासूसी नेटवर्क की ओर इशारा करती हैं। एनआईए (National Investigation Agency) और आईबी (Intelligence Bureau) की जांच से इस रैकेट की और परतें खुलने की उम्मीद है। यह मामला सोशल मीडिया पर कंटेंट क्रिएटर्स की गतिविधियों पर निगरानी की जरूरत को भी रेखांकित करता है। ज्योति की अदालती पेशी और डेटा विश्लेषण से जल्द ही नए खुलासे हो सकते हैं।

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