ऑपरेशन सिंदूर: मसूद अजहर के परिवार पर भारत की सटीक चोट, बहावलपुर में जैश का अड्डा तबाह

Operation Sindoor: भारत ने "ऑपरेशन सिंदूर" के तहत पाकिस्तान के बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख अड्डे पर हमला कर मसूद अजहर के परिवार और उसके करीबियों को निशाना बनाया। यह सटीक सैन्य कार्रवाई पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब थी। हमले में मसूद की बहन, भतीजे, और प्रमुख सहयोगियों की मौत हुई है। भारत ने नौ ठिकानों पर प्रहार कर दिखाया कि अब आतंक के हर सूत्रधार को जवाब मिलेगा—शब्दों से नहीं, कार्रवाई से।

Samvadika Desk
7 Min Read
मसूद अजहर के ठिकाने पर स्ट्राइक (Image - Social Media)
Highlights
  • ऑपरेशन सिंदूर: भारत की सैन्य नीति का ज़मीन पर सटीक प्रदर्शन!
  • मसूद अजहर का परिवार निशाने पर, खुद बोला – "काश मैं भी मर जाता"
  • बहावलपुर में जैश का गढ़ ध्वस्त, 10+ करीबी मारे गए!
  • पाकिस्तान को चेतावनी – अब शब्द नहीं, सर्जिकल वार!

Operation Sindoor: भारत ने पाकिस्तान के बहावलपुर (Bahawalpur) में जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) के गढ़ पर “ऑपरेशन सिंदूर” (Operation Sindoor) के तहत सटीक हमला (Precision Strike) कर आतंकवाद के खिलाफ अपनी दृढ़ता को फिर साबित किया। इस हमले में जैश के सरगना मसूद अजहर (Masood Azhar) के परिवार के 10 सदस्यों और चार करीबी सहयोगियों के मारे जाने की खबर है। मसूद अजहर ने खुद इस नुकसान की पुष्टि करते हुए कहा, “काश, मैं भी मर गया होता।” यह हमला 22 अप्रैल को पहलगाम (Pahalgam) में हुए आतंकी हमले का जवाब है, जिसमें 26 लोग, ज्यादातर पर्यटक, मारे गए थे। भारत की इस कार्रवाई ने न केवल जैश के मरकज सुब्हान अल्लाह (Markaz Subhan Allah) परिसर को ध्वस्त किया, बल्कि पाकिस्तान को साफ संदेश दिया कि आतंकवाद के खिलाफ उसका जवाब अब और तेज होगा।

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मरकज सुब्हान अल्लाह पर भारत का जोरदार प्रहार

भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) ने मंगलवार देर रात 1:05 बजे शुरू हुए “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। इनमें बहावलपुर का मरकज सुब्हान अल्लाह परिसर प्रमुख था, जिसे जैश-ए-मोहम्मद का प्रशिक्षण और संचालन केंद्र (Training and Operations Hub) माना जाता है। बीबीसी उर्दू के अनुसार, इस परिसर में जामिया मस्जिद सुब्हान अल्लाह पूरी तरह तबाह हो गई। हमले में मसूद अजहर की बड़ी बहन, बहनोई, भतीजा, भतीजी, और पांच बच्चे मारे गए। इसके अलावा, मौलाना काशिफ और उनके परिवार, मौलाना अब्दुल रऊफ की बेटी, और चार अन्य करीबी सहयोगी भी इस हमले में मारे गए।

सूत्रों के मुताबिक, ये सभी लोग हमले के समय मरकज परिसर में मौजूद थे, जो 20-25 एकड़ में फैला है और जिसमें शिक्षकों के आवास, एक कब्रिस्तान, और प्रशिक्षण सुविधाएँ शामिल हैं। स्थानीय पत्रकार राजा शफकत महमूद ने बताया कि मंगलवार रात पहले धमाके के बाद स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे, और तभी दूसरा विस्फोट हुआ, जिसकी तीव्रता इतनी थी कि दो किलोमीटर दूर घरों की खिड़कियाँ टूट गईं। एक शिक्षक ने बीबीसी को बताया कि हमले से पहले परिसर को खाली करा लिया गया था, लेकिन मसूद का परिवार और कुछ सहयोगी वहाँ मौजूद थे।

मसूद अजहर की टूटी कमर, जैश का ढहा ढांचा

मसूद अजहर, जो 2001 के संसद हमले, 2016 के पठानकोट हमले, और 2019 के पुलवामा हमले का मास्टरमाइंड है, ने अपने बयान में इस हमले को व्यक्तिगत त्रासदी बताया। उसने कहा कि मरकज सुब्हान अल्लाह पर भारत के हमले ने उसके परिवार को “शहीद” कर दिया, लेकिन वह “न तो पछताएगा और न निराश होगा।” फिर भी, सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट्स में दावा किया गया कि मसूद ने यह भी कहा, “अच्छा होता कि मैं भी मर जाता।” यह बयान उसकी मनोदशा और इस हमले से जैश की कमजोर पड़ती पकड़ को दर्शाता है।

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बहावलपुर, मसूद अजहर का गृहनगर, जैश-ए-मोहम्मद का केंद्रीय केंद्र रहा है। 18 एकड़ में फैला मरकज सुब्हान अल्लाह, जिसे उस्मान-ओ-अली कैंपस (Usman-o-Ali Campus) भी कहा जाता है, भर्ती, फंडरेजिंग, और आतंकी प्रशिक्षण (Recruitment, Fundraising, and Indoctrination) का प्रमुख अड्डा था। भारत की सटीक मिसाइल स्ट्राइक ने इस परिसर को मलबे में बदल दिया, जिसके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।

ऑपरेशन सिंदूर: भारत की रणनीति और संदेश

“ऑपरेशन सिंदूर” का नाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुना, जो पहलगाम हमले में मारे गए लोगों की याद में रखा गया। इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, जिसमें बहावलपुर, मुरिदके (Muridke), और सियालकोट (Sialkot) जैसे इलाकों में जैश और लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) के अड्डे शामिल थे। रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि ये हमले “सटीक, संयमित, और गैर-उत्तेजक” (Focused, Measured, and Non-Escalatory) थे, जिनमें पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों को निशाना नहीं बनाया गया।

विदेश सचिव विक्रम मिश्री (Vikram Misri) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान ने आतंकी ढांचे पर कोई कार्रवाई नहीं की, बल्कि इनकार और आरोप लगाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत की खुफिया जानकारी (Intelligence Inputs) के आधार पर ये हमले आतंकवाद को रोकने और भविष्य के हमलों को नाकाम करने के लिए किए गए।

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पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और वैश्विक नजर

पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ने दावा किया कि बहावलपुर के अहमदपुर शर्किया (Ahmedpur Sharqia) में चार हमले हुए, जिनमें एक मस्जिद ध्वस्त हो गई। पाकिस्तानी मीडिया ने शुरू में दावा किया कि हमले में आम नागरिक मारे गए, लेकिन एक स्थानीय निवासी के वायरल वीडियो ने पुष्टि की कि निशाना मसूद अजहर का मदरसा था।

वैश्विक स्तर पर, रूस ने भारत-पाकिस्तान तनाव पर चिंता जताई, जबकि कतर ने कूटनीतिक समाधान की वकालत की। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवल (Ajit Doval) ने अमेरिका, ब्रिटेन, और सऊदी अरब जैसे देशों के समकक्षों को ऑपरेशन की जानकारी दी।

मसूद अजहर: जिंदा या मरा?

हमले के बाद सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या मसूद अजहर जिंदा है? भारतीय खुफिया एजेंसियाँ (Intelligence Agencies) उसकी गतिविधियों पर नजर रख रही थीं, और ताजा जानकारी के अनुसार, वह 2024 के अंत में बहावलपुर में फिर सक्रिय हुआ था। एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने न्यूज18 को बताया कि “संकेत मिल रहे हैं कि हमले के समय मसूद परिसर में मौजूद था,” लेकिन उसकी मौत की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

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भारत की चेतावनी

“ऑपरेशन सिंदूर” ने जैश-ए-मोहम्मद के ढांचे को गहरा झटका दिया है। मसूद अजहर के परिवार और सहयोगियों का खात्मा न केवल एक सामरिक जीत (Tactical Victory) है, बल्कि यह आतंकवादियों और उनके समर्थकों के लिए चेतावनी भी है। भारत ने यह साबित कर दिया कि वह आतंकवाद के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस नीति (Zero Tolerance Policy) पर अडिग है।

पाकिस्तान के लिए यह समय अपनी नीतियों पर विचार करने का है। जैश जैसे संगठनों को पनाह देना अब उसे भारी पड़ सकता है। दुनिया की नजरें भारत के अगले कदमों पर हैं, और यह साफ है कि नया भारत अब चेतावनी नहीं देता, बल्कि कार्रवाई करता है।

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