यूपी के मुरादाबाद से ISI का जासूस शहजाद गिरफ्तार: तस्करी की आड़ में भेजता था गोपनीय सूचनाएँ

UP News: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से एटीएस ने ISI एजेंट शहजाद को गिरफ्तार किया है, जो रामपुर का निवासी है। वह तस्करी की आड़ में भारत की सैन्य व संवेदनशील सूचनाएँ पाकिस्तान भेज रहा था। एटीएस ने उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है और पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं। शहजाद पाकिस्तान आता-जाता था और भारत से अन्य लोगों भी भेजा करता था।

Samvadika Desk
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ISI का जासूस शहजाद गिरफ्तार।
Highlights
  • उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से पकड़ा गया ISI जासूस, रामपुर का शहजाद!
  • गोपनीय सूचनाएँ भेजता था पाकिस्तान, एजेंटों से था जुड़ा!
  • ATS ने लंबे समय से की निगरानी, अब गिरफ़्तारी!
  • शहजाद के मोबाइल और डिजिटल डिवाइसेज़ की जांच जारी!

मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश की एंटी-टेरेरिस्ट स्क्वॉड (ATS) ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने वाले शहजाद को मुरादाबाद से गिरफ्तार किया है। रामपुर के टांडा क्षेत्र का रहने वाला शहजाद तस्करी की आड़ में ISI को भारत की गोपनीय सैन्य सूचनाएँ (Classified Information) भेज रहा था। वह कई सालों से भारत-पाकिस्तान सीमा पर तस्करी के जरिए ISI के एजेंटों से संपर्क में था और उनके लिए लोगों को पाकिस्तान भेजता था। इस गिरफ्तारी ने देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरे को उजागर किया है, और एटीएस अब शहजाद के नेटवर्क को तोड़ने में जुटी है।

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तस्करी की आड़ में जासूसी का खेल

एटीएस को खुफिया सूचना मिली थी कि रामपुर का एक युवक भारत-पाकिस्तान सीमा पर तस्करी में शामिल है और ISI का संरक्षण प्राप्त है। जाँच में पता चला कि शहजाद, जो टांडा के आजाद नगर का निवासी है, कई वर्षों से चोरी-छिपे सीमा पार कॉस्मेटिक्स, कपड़े, मसाले, और अन्य सामान की तस्करी करता था। इस अवैध कारोबार की आड़ में वह ISI के लिए जासूसी कर रहा था। शहजाद ने देश की सुरक्षा से जुड़ी संवेदनशील सूचनाएँ ISI के हैंडलर्स को भेजीं और उनके इशारे पर एजेंटों को पैसे भी पहुँचाए। उसने भारतीय सिम कार्ड भी ISI को उपलब्ध करवाए, जिनका इस्तेमाल जासूसी के लिए किया गया।

पाकिस्तान की यात्राएँ और ISI का नेटवर्क

शहजाद कई सालों से भारत और पाकिस्तान के बीच आवाजाही कर रहा था। पूछताछ में उसने खुलासा किया कि वह रामपुर और उत्तर प्रदेश के अन्य क्षेत्रों से लोगों को तस्करी की आड़ में ISI के लिए काम करने के लिए पाकिस्तान भेजता था। इन लोगों के वीजा और अन्य इंतजाम ISI के एजेंट कराते थे। शहजाद कई ISI हैंडलर्स के संपर्क में था और नियमित रूप से उनके साथ संवेदनशील जानकारी साझा करता था। उसकी गतिविधियाँ इतनी गुप्त थीं कि स्थानीय स्तर पर किसी को शक नहीं हुआ। एटीएस ने गहन जाँच के बाद 18 मई 2025 को मुरादाबाद से उसे गिरफ्तार किया।

पुराने जासूसी मामलों से संबंध

शहजाद की गिरफ्तारी हाल के जासूसी मामलों की कड़ी में एक और खुलासा है। इससे पहले, हरियाणा की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा और कैथल के देवेंद्र सिंह को ISI के लिए जासूसी के आरोप में पकड़ा गया था। ज्योति ने अपने सोशल मीडिया प्रभाव का इस्तेमाल कर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसी सैन्य सूचनाएँ लीक की थीं और पाकिस्तान हाई कमीशन के कर्मचारी से नजदीकी बढ़ाई थी। वहीं, देवेंद्र सिंह फेसबुक पर हनी ट्रैप में फँसकर पटियाला के सैन्य क्षेत्र की तस्वीरें ISI को भेज रहा था। इन दोनों की तरह शहजाद भी ISI के नेटवर्क का हिस्सा था, जो तस्करी और सोशल मीडिया जैसे अलग-अलग तरीकों से भारत की सुरक्षा को नुकसान पहुँचा रहा था।

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गिरफ्तारी और कानूनी कार्रवाई

एटीएस ने शहजाद के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। हालांकि, अभी तक लागू धाराओं की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। सूत्रों के अनुसार, उस पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 111 (राज्य की सुरक्षा को खतरे में डालने का अपराध) सहित अन्य गंभीर धाराएँ लग सकती हैं। 18 मई 2025 को मुरादाबाद से गिरफ्तार किए गए शहजाद को सोमवार, 19 मई 2025 को अदालत में पेश किया जाएगा, जहाँ एटीएस उसकी रिमांड की माँग करेगी। पुलिस उसके मोबाइल, डिजिटल डिवाइस, और संपर्कों की जाँच कर रही है ताकि उसके नेटवर्क और अन्य सहयोगियों का पता लगाया जा सके। एटीएस यह भी जाँच रही है कि शहजाद ने कितने लोगों को पाकिस्तान भेजा और कितनी सूचनाएँ लीक कीं।

सामाजिक और राष्ट्रीय प्रभाव

शहजाद की गिरफ्तारी ने उत्तर प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था और ISI के बढ़ते प्रभाव को लेकर चिंता बढ़ा दी है। एक साधारण तस्कर की आड़ में जासूसी का यह खेल राष्ट्रीय सुरक्षा (National Security) के लिए गंभीर खतरा है। यह मामला दर्शाता है कि ISI विभिन्न तरीकों—सोशल मीडिया, हनी ट्रैप, और तस्करी—के जरिए भारत में अपने नेटवर्क को फैला रही है। रामपुर और मुरादाबाद के लोग इस खुलासे से हैरान हैं और माँग कर रहे हैं कि शहजाद और उसके सहयोगियों को कड़ी सजा दी जाए। यह घटना समाज को यह सोचने पर मजबूर करती है कि देश के भीतर छिपे गद्दारों की पहचान कितनी जरूरी है।

समाज में हलचल और अनुत्तरित सवाल

शहजाद की गिरफ्तारी ने रामपुर और मुरादाबाद में हलचल मचा दी है। लोग यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक स्थानीय तस्कर ISI का जासूस कैसे बन गया। क्या उसे आर्थिक प्रलोभन दिया गया था? क्या तस्करी का धंधा उसे ISI के नेटवर्क से जोड़ने का जरिया था? या फिर उसने जानबूझकर देश के खिलाफ साजिश रची? ये सवाल एटीएस की पूछताछ के बाद ही सुलझ सकते हैं। ज्योति मल्होत्रा और देवेंद्र सिंह जैसे मामलों के बाद शहजाद की गिरफ्तारी ने यह साफ कर दिया कि ISI का जाल भारत में गहरा है, और सुरक्षा एजेंसियों को और सतर्कता बरतने की जरूरत है।

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