हिसार, हरियाणा: हरियाणा के हिसार की 33 वर्षीय यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा, जो अपने यूट्यूब चैनल ‘ट्रैवल विद जो’ के जरिए लाखों फॉलोअर्स के बीच ट्रैवल ब्लॉगर के रूप में जानी जाती थीं, अब पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI की ‘एसेट’ (Asset) के रूप में सामने आई हैं। हिसार पुलिस ने 17 मई 2025 को उन्हें पाकिस्तान के लिए जासूसी और संवेदनशील सैन्य सूचनाएँ (Sensitive Military Information) लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किया। सिविल लाइंस थाने में 16 मई को दर्ज FIR और खुफिया एजेंसियों की गहन जाँच ने ज्योति के ISI नेटवर्क से जुड़े 10 चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उनकी पाकिस्तान और चीन की यात्राएँ, सोशल मीडिया के जरिए जासूसी, और पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) के दौरान संदिग्ध गतिविधियों ने राष्ट्रीय सुरक्षा (National Security) के लिए गंभीर खतरे को उजागर किया है।
ISI के जाल में ज्योति: 10 बड़े खुलासे
- पाकिस्तान हाई कमीशन से शुरुआत: 2023 में ज्योति मल्होत्रा ने दिल्ली में पाकिस्तान हाई कमीशन में वीजा के लिए आवेदन किया, जहाँ उनकी मुलाकात एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश से हुई। दानिश को भारत ने जासूसी के लिए ‘पर्सन नॉन ग्राटा’ (Persona Non Grata) घोषित किया है। ज्योति ने दानिश से कई बार मुलाकात की, जिससे उसका ISI नेटवर्क शुरू हुआ।
- पाकिस्तान की दो यात्राएँ: ज्योति ने 2023 और 2024 में दो बार पाकिस्तान की यात्रा की। वहाँ दानिश के परिचित अली अहवान ने उनके ठहरने की व्यवस्था की और ISI से जुड़े सुरक्षा व खुफिया अधिकारियों से उनकी मुलाकात करवाई। इन मुलाकातों में जासूसी की साजिश रची गई।
- सोशल मीडिया के जरिए जासूसी: ज्योति ने व्हाट्सएप, टेलीग्राम, और स्नैपचैट के जरिए ISI एजेंटों को सैन्य मूवमेंट, कैंटोनमेंट क्षेत्रों की तस्वीरें, और रणनीतिक सूचनाएँ (Strategic Information) भेजीं। ये सूचनाएँ भारत की सुरक्षा के लिए खतरा थीं।
- पहलगाम हमले से पहले कश्मीर: 22 अप्रैल 2025 को हुए पहलगाम आतंकी हमले से पहले ज्योति कश्मीर गई थी। उसने वहाँ सैन्य गतिविधियों पर वीडियो बनाए, जो संदेहास्पद रूप से ISI के लिए उपयोगी हो सकते थे। पुलिस इन वीडियो की जाँच कर रही है।
- ऑपरेशन सिंदूर के दौरान संपर्क: पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच चार दिन के सैन्य संघर्ष, जिसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ (Operation Sindoor) के नाम से जाना गया, के दौरान ज्योति दानिश और अन्य ISI एजेंटों के संपर्क में थी। वह पाकिस्तान हाई कमीशन के एक अधिकारी से भी जुड़ी थी, जिसे अवांछित घोषित किया गया।
- प्रायोजित यात्राएँ: पुलिस का मानना है कि ज्योति की पाकिस्तान और एक बार की चीन यात्रा ISI द्वारा प्रायोजित (Sponsored) थीं। एक वीडियो में वह चीन के लिए वीजा माँगती दिखी, जो उसकी संदिग्ध मंशा को दर्शाता है। इन यात्राओं का उद्देश्य सूचनाएँ इकट्ठा करना था।
- हाई-प्रोफाइल मुलाकातें: ज्योति ने पाकिस्तान में ISI से जुड़े हाई-प्रोफाइल लोगों से मुलाकात की। इन मुलाकातों में क्या सूचनाएँ साझा की गईं, यह पूछताछ का अहम हिस्सा है। पुलिस इन संपर्कों की गहराई तलाश रही है।
- इन्फ्लुएंसर नेटवर्क: ज्योति अन्य यूट्यूब इन्फ्लुएंसर्स के साथ जुड़ी थी, जो ISI के संपर्क में थे। यह एक बड़े जासूसी नेटवर्क की ओर इशारा करता है, जो सोशल मीडिया के जरिए भारत में सक्रिय है।
- वित्तीय लेन-देन की जाँच: पुलिस और वित्तीय विशेषज्ञ ज्योति के बैंक खातों और विदेशी भुगतानों की जाँच कर रहे हैं। संदेह है कि उसे दुबई में बैठे एक हैंडलर से नियमित भुगतान मिलता था।
- डिजिटल डिवाइस की फोरेंसिक जाँच: ज्योति के मोबाइल, लैपटॉप, और अन्य डिवाइस की फोरेंसिक जाँच चल रही है। हालाँकि उसके पास सैन्य अभियानों की सीधी जानकारी नहीं थी, लेकिन वह ISI के लिए सूचनाएँ इकट्ठा करने में सक्रिय थी।
गिरफ्तारी और पुलिस की कार्रवाई
हिसार पुलिस ने केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के इनपुट के आधार पर 17 मई 2025 को ज्योति को न्यू अग्रसेन एक्सटेंशन से गिरफ्तार किया। सिविल लाइंस थाने में 16 मई को दर्ज FIR में ज्योति के दानिश और अली अहवान के साथ संपर्क, पाकिस्तान यात्राओं, और ISI से संबंधों का विस्तार से जिक्र है। उसके खिलाफ आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम, 1923 (Official Secrets Act) की धारा 3 और 5 तथा भारतीय न्याय संहिता, 2023 (BNS) की धारा 152 के तहत मामला दर्ज किया गया। कोर्ट ने 17 मई को उसे पाँच दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा। हिसार के एसपी शशांक कुमार सावन ने मीडिया को बताया कि ज्योति से उसके वित्तीय लेन-देन, यात्रा विवरण, और संपर्कों के बारे में गहन पूछताछ चल रही है। पुलिस केंद्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर इस जासूसी नेटवर्क को पूरी तरह उजागर करने की कोशिश कर रही है।
ज्योति की संदिग्ध गतिविधियाँ और अनुत्तरित सवाल
ज्योति की गतिविधियाँ आधुनिक युद्ध के नए रूप को दर्शाती हैं, जहाँ ISI सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को भर्ती कर भारत-विरोधी प्रचार और जासूसी करवाती है। हिसार के एसपी सावन ने कहा, “आधुनिक युद्ध अब सीमाओं तक सीमित नहीं है। पाकिस्तानी एजेंट सोशल मीडिया के जरिए प्रभावशाली लोगों को अपने जाल में फँसाते हैं।” ज्योति पर खुफिया एजेंसियों की लंबे समय से नजर थी। उसकी कश्मीर और पाकिस्तान यात्राओं के बीच संबंध, पहलगाम हमले से पहले की गतिविधियाँ, और ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ISI से संपर्क ने उसे शक के दायरे में ला दिया। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि ज्योति ने पाकिस्तान में किन हाई-प्रोफाइल लोगों से मुलाकात की, क्या सूचनाएँ साझा कीं, और उसका नेटवर्क कितना व्यापक था। दानिश के साथ उसकी चैट का विवरण संवेदनशील होने के कारण साझा नहीं किया गया, लेकिन पुलिस सभी कोणों से जाँच कर रही है।
डिजिटल और वित्तीय जाँच का दायरा
पुलिस ज्योति के मोबाइल, लैपटॉप, और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की फोरेंसिक जाँच कर रही है। एसपी सावन ने कहा, “फोरेंसिक विश्लेषण से यह साफ होगा कि उसने कौन सी सूचनाएँ लीक कीं।” हालाँकि ज्योति के पास सैन्य अभियानों की सीधी जानकारी नहीं थी, लेकिन वह ISI के लिए सूचनाएँ इकट्ठा करने में सक्रिय थी। वित्तीय विशेषज्ञ ज्योति के बैंक खातों, विदेशी भुगतानों, और यात्रा खर्चों की जाँच कर रहे हैं। संदेह है कि उसे दुबई से नियमित भुगतान मिलता था, जो ISI के जासूसी नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है। पुलिस यह भी जाँच रही है कि ज्योति अन्य यूट्यूब इन्फ्लुएंसर्स के साथ कैसे जुड़ी थी और क्या वे भी ISI के लिए काम कर रहे थे। इन इन्फ्लुएंसर्स का नेटवर्क एक बड़े जासूसी रैकेट का हिस्सा हो सकता है।
पहलगाम हमले और कश्मीर यात्रा का रहस्य
ज्योति की कश्मीर यात्रा, जो पहलगाम हमले से ठीक पहले हुई, जाँच का महत्वपूर्ण हिस्सा है। 22 अप्रैल 2025 को हुए इस आतंकी हमले ने भारत-पाकिस्तान तनाव को बढ़ाया, और इसके बाद ऑपरेशन सिंदूर शुरू हुआ। ज्योति इस दौरान दानिश और ISI एजेंटों के संपर्क में थी। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या उसकी कश्मीर यात्रा और हमले के बीच कोई संबंध था। एक वीडियो में ज्योति ने चीन के लिए वीजा माँगने की बात की थी, जो उसकी संदिग्ध मंशा को दर्शाता है। उसकी पाकिस्तान यात्राएँ, जो ISI द्वारा प्रायोजित थीं, और कश्मीर में सैन्य गतिविधियों पर वीडियो बनाने की कोशिश ने खुफिया एजेंसियों का ध्यान खींचा। पुलिस इन यात्राओं के बीच संबंध स्थापित करने की कोशिश कर रही है।
सामाजिक और राष्ट्रीय प्रभाव
ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी ने सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स की विश्वसनीयता और राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। एक ट्रैवल व्लॉगर, जिसके लाखों फॉलोअर्स थे और जो धार्मिक स्थलों के व्लॉग बनाती थी, का ISI की जासूस बनना समाज के लिए एक बड़ा झटका है। हिसार और हरियाणा के लोग इस खुलासे से स्तब्ध हैं और माँग कर रहे हैं कि ज्योति और उसके सहयोगियों को कड़ी सजा दी जाए। यह मामला सोशल मीडिया के दुरुपयोग और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर निगरानी की जरूरत को उजागर करता है। विशेषज्ञों का कहना है कि ISI का भारत में जासूसी नेटवर्क तेजी से फैल रहा है, और सोशल मीडिया इसके लिए एक प्रमुख हथियार बन गया है। ज्योति की गतिविधियाँ आधुनिक युद्ध के उस रूप को दर्शाती हैं, जहाँ प्रभावशाली लोग दुश्मन एजेंसियों के लिए काम कर सकते हैं।
समाज में हलचल और अनुत्तरित सवाल
ज्योति का मामला हिसार से लेकर दिल्ली तक चर्चा का विषय बना हुआ है। लोग हैरान हैं कि एक यूट्यूबर, जिसके वीडियो पर्यटन और संस्कृति पर आधारित थे, ISI की ‘एसेट’ कैसे बन गई। क्या उसे आर्थिक प्रलोभन दिया गया था? क्या उसकी सोशल मीडिया लोकप्रियता सिर्फ एक मुखौटा थी? या फिर ISI ने उसके प्रभाव को भारत के खिलाफ इस्तेमाल करने की साजिश रची? ये सवाल पुलिस जाँच के बाद ही सुलझ सकते हैं। ज्योति की कश्मीर और पाकिस्तान यात्राओं के बीच संबंध, अन्य इन्फ्लुएंसर्स के साथ उसका नेटवर्क, और पहलगाम हमले के दौरान उसकी गतिविधियाँ खुफिया एजेंसियों की चिंता बढ़ा रही हैं। यह घटना समाज को यह सोचने पर मजबूर करती है कि डिजिटल दुनिया में सावधानी कितनी जरूरी है।