इंस्टाग्राम से शुरू हुआ प्यार, सुहाना से सोनी बनी: बरेली में शिवम संग रचाई सनातन शादी

Bareilly News: बरेली में मुरादाबाद की युवती सुहाना ने इंस्टाग्राम पर हुई दोस्ती को प्रेम में बदलते हुए, अपने परिवार के खिलाफ जाकर शिवम मौर्य से सनातन पद्धति से शादी की। धर्म परिवर्तन कर उसने अपना नाम सोनी मौर्य रखा और DM को सुरक्षा की चिट्ठी सौंप दी। यह कहानी प्यार, साहस और सामाजिक जटिलताओं के बीच एक प्रेरणादायक संघर्ष को दर्शाती है।

Samvadika Desk
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बरेली में सुहाना ने सोनी बन मंदिर में रचाई शादी।
Highlights
  • इंस्टाग्राम चैट से शुरू हुआ प्यार, बरेली में बंधा विवाह के बंधन में
  • सुहाना बनी सोनी, धर्म परिवर्तन के बाद रचाई सनातन शादी
  • शिवम संग विवाह के लिए मुरादाबाद से भागकर पहुँची बरेली
  • डीएम को पत्र लिखकर युवती ने माँगी जान की सुरक्षा

बरेली, उत्तर प्रदेश: सोशल मीडिया के दौर में प्यार की एक अनोखी कहानी ने सभी का ध्यान खींचा है। उत्तर प्रदेश के बरेली में इंस्टाग्राम पर शुरू हुई दोस्ती प्रेम में बदली, और फिर एक युवती ने अपने परिवार का विरोध झेलते हुए अपने प्रेमी के साथ सनातन रीति-रिवाज से शादी रचा ली। मुरादाबाद की सुहाना ने घर छोड़कर बरेली में शिवम मौर्य से विवाह किया और अपना नाम बदलकर सोनी मौर्य रख लिया। इस जोड़े ने डीएम से सुरक्षा की गुहार लगाई है, क्योंकि उनके अलग-अलग समुदायों के कारण परिवार की ओर से खतरे की आशंका है।

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इंस्टाग्राम पर पनपा प्यार

जानकारी के मुताबिक, मुरादाबाद के मूढ़ापांडे थाना क्षेत्र के खाई खेड़ा गाँव की रहने वाली सुहाना की मुलाकात बरेली के गुनाहड्डू गाँव के शिवम मौर्य से इंस्टाग्राम पर हुई। दोनों की ऑनलाइन दोस्ती धीरे-धीरे गहरे रिश्ते में बदल गई। चैट्स और बातचीत ने उनके बीच प्यार की नींव रखी, और दोनों ने एक-दूसरे के साथ जिंदगी बिताने का फैसला किया। शिवम के परिवार ने इस रिश्ते को स्वीकार कर लिया, लेकिन सुहाना के समुदाय के अलग होने के कारण उनके परिजनों ने शादी का कड़ा विरोध किया।

घर छोड़कर बरेली पहुँची सुहाना

परिवार के विरोध के बावजूद सुहाना ने अपने प्यार के लिए बड़ा कदम उठाया। आठ दिन पहले वह अपने घर से भागकर शिवम के पास बरेली पहुँच गई। दोनों ने शादी का मन बना लिया और मंगलवार को सुभाषनगर के अगस्त्य मुनि आश्रम में पंडित केके शंखधार से संपर्क किया। सुहाना ने सनातन धर्म अपनाने और शिवम से सनातन रीति-रिवाज से शादी करने की इच्छा जताई। पंडित ने शुद्धिकरण की प्रक्रिया पूरी की और दोनों का विवाह संपन्न कराया। इस शादी के बाद सुहाना ने अपना नाम बदलकर सोनी मौर्य रख लिया।

डीएम को पत्र, माँगी सुरक्षा

शादी के बाद सोनी ने बरेली के जिलाधिकारी (डीएम) को एक प्रार्थना पत्र सौंपा, जिसमें उसने स्पष्ट किया कि उसने अपनी मर्जी से, बिना किसी दबाव के सनातन धर्म अपनाया और शिवम से शादी की। सोनी ने बताया कि उनके और शिवम के अलग-अलग समुदायों के कारण उनके परिजन इस शादी से नाराज हैं। उसे डर है कि परिवार वाले उस पर या शिवम पर हमला कर सकते हैं। इस खतरे को देखते हुए सोनी ने प्रशासन से सुरक्षा की माँग की है।

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सामाजिक और कानूनी पहलू

सोनी और शिवम की यह प्रेम कहानी न केवल प्यार की ताकत को दर्शाती है, बल्कि समाज में अंतर-सामुदायिक विवाहों से जुड़ी चुनौतियों को भी उजागर करती है। भारत में अंतर-धार्मिक या अंतर-सामुदायिक शादियाँ अक्सर सामाजिक विरोध और पारिवारिक दबाव का सामना करती हैं। सोनी का सनातन धर्म अपनाने का फैसला और डीएम को पत्र देना यह दर्शाता है कि वह अपने निर्णय पर अडिग है, लेकिन उसे सामाजिक तनाव का डर भी है।

कानूनी तौर पर, भारत में व्यस्क व्यक्ति अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन और शादी का फैसला ले सकता है। सोनी ने डीएम को पत्र देकर अपनी मर्जी को स्पष्ट किया है, जो कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा है। प्रशासन अब उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने और किसी भी संभावित खतरे से निपटने के लिए कदम उठा सकता है।

सोशल मीडिया का रोल

यह घटना सोशल मीडिया की ताकत को भी रेखांकित करती है। इंस्टाग्राम, जो पहले सिर्फ मनोरंजन और तस्वीरें साझा करने का माध्यम था, अब लोगों को जोड़ने और रिश्ते बनाने का मंच बन गया है। सुहाना और शिवम की कहानी उन तमाम प्रेम कहानियों का उदाहरण है, जो डिजिटल दुनिया में शुरू होकर वास्तविक जीवन में साकार होती हैं। लेकिन यह कहानी यह भी सिखाती है कि ऑनलाइन प्यार को हकीकत में बदलने के लिए साहस और सामाजिक बाधाओं से लड़ने की जरूरत होती है।

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सामाजिक जागरूकता और चुनौतियाँ

सोनी और शिवम की शादी समाज के लिए एक प्रेरणा हो सकती है, लेकिन यह अंतर-सामुदायिक विवाहों से जुड़े तनाव को भी उजागर करती है। परिवार का विरोध और सामाजिक दबाव अक्सर ऐसे जोड़ों के लिए मुश्किलें खड़ी करते हैं। सोनी का सुरक्षा की माँग करना यह दर्शाता है कि समाज में अभी भी स्वतंत्र प्रेम और धर्म परिवर्तन को पूरी तरह स्वीकार करने की मानसिकता विकसित नहीं हुई है।

इसके बावजूद, यह कहानी प्यार और साहस की जीत का प्रतीक है। सोनी का घर छोड़कर बरेली आना और शिवम के साथ नई जिंदगी शुरू करना उनके दृढ़ निश्चय को दिखाता है। यह समाज को यह सोचने पर मजबूर करता है कि प्यार और व्यक्तिगत स्वतंत्रता को सामुदायिक बंधनों के आगे प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

प्यार की जीत

सुहाना से सोनी बनी इस युवती और शिवम की प्रेम कहानी इंस्टाग्राम की डिजिटल दुनिया से शुरू होकर सनातन रीति-रिवाज के मंत्रोच्चार तक पहुँची। यह कहानी न केवल प्यार की ताकत को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि साहस और विश्वास के साथ हर मुश्किल को पार किया जा सकता है। सोनी और शिवम ने परिवार और समाज के विरोध को झेलते हुए अपने रिश्ते को मजबूत किया, लेकिन उनकी सुरक्षा की माँग यह याद दिलाती है कि समाज को और संवेदनशील होने की जरूरत है।

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प्रशासन से सुरक्षा की गुहार के साथ इस जोड़े ने अपनी नई जिंदगी शुरू की है। यह कहानी उन तमाम प्रेमियों के लिए प्रेरणा है, जो सामाजिक बाधाओं के बावजूद अपने प्यार को हकीकत में बदलना चाहते हैं। सोनी और शिवम की यह शादी न केवल उनकी प्रेम कहानी का नया अध्याय है, बल्कि यह समाज के लिए एक सबक भी है कि प्यार का रास्ता मुश्किल हो सकता है, लेकिन असंभव नहीं।

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